नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछली तिथि से कर मांग के कानून को समाप्त करने का फैसला कंपनियों को स्थिर निवेश परिवेश प्रदान करने तथा एक भरोसेमंद नीति को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है.
उन्होंने एक दिन पहले बृहस्पतिवार को पूर्व की तिथि से कर मांग से जुड़े कानून को समाप्त करने तथा इसके तहत ली गयी कर राशि वापस करने के सरकार के साहसिक निर्णय के बाद यह बात कही. देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये उद्योग के साथ बैठक में मोदी ने कहा कि निर्यातकों को नीति के मोर्चे पर स्थिरता का महत्व पता है.
उन्होंने कहा, 'पिछली तिथि से कराधान को समाप्त करने का निर्णय सरकार की प्रतिबद्धता (स्थिर निवेश परिवेश प्रदान करने तथा एक भरोसेमंद नीति को लेकर) को बताता है.'
सरकार ने पिछली तिथि से लागू कर कानून को लेकर कंपनियों में भय को खत्म करने के लिए बृहस्पतिवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था. इसके तहत केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों से पूर्व की तिथि से कर की मांग को वापस लिया जाएगा.
सरकार ने यह भी कहा कि वह इस तरह के कर के जरिये वसूले गए धन को वापस कर देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 'कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021' पेश किया. इसके तहत भारतीय परिसंपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर कर लगाने के लिए पिछली तिथि से लागू कर कानून, 2012 का इस्तेमाल करके की गई मांगों को वापस लिया जाएगा.
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संशोधन विधेयक को लोकसभा ने शुक्रवार को पारित कर दिया और अगले सप्ताह इसके राज्यसभा में पारित होने की उम्मीद है.
पूर्व की तिथि से कराधान समाप्त करने के निर्णय का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'निर्यातक विभिन्न देशों में व्यापार करते हैं. उन्हें नीति के मोर्चे पर स्थिरता का महत्व पता है.'
(पीटीआई-भाषा)