सारण: बिहार के सारण जिले में लोगों की संदिग्ध मौत (Suspected death of people in Saran) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोगों की लगातार मौत हो रही है. अमनौर और मकेर के बाद अब मढौरा के कर्णपुर में भी जहरीली शराब से 3 व्यक्तियों की मरने की खबर है. मौत के आंकड़े धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक सारण में कुल 12 लोगों की जहरीली शराब से मौत (Death in Saran due to spurious liquor) हो चुकी है. आधा दर्जन लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. बता दें कि, इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है.
हालांकि इस मामले में प्रशासन की ओर औपचारिक तौर पर कुछ नहीं बताया जा रहा है. मढ़ौरा में दो दिनों के अंदर चार, मकेर में दो और अमनौर में दो लोगों की मौत गुरुवार को हुई थी. इस घटना में एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी भी चली गई है. वहीं, मृतकों के परिजनों ने आनन-फानन में शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. शुक्रवार को मरहौरा प्रखंड के जमालपुर निवासी मुन्ना सिंह की मौत हो गयी. मरहौरा के ही जन्दौली गांव निवासी रविन्द्र गिरि की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है. उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है. तारा अमनौर पंचायत के 8 नम्बर वार्ड के रहने वाले सूरज बैठा की मौत पटना में हो गई.
मकेर थाना क्षेत्र के सर्वोदय बाजार निवासी बूटन सिंह के पुत्र बनई सिंह (45 वर्षीय) की भी मुजफ्फरपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई. मौत को लेकर परिजनों ने कहा कि गुरुवार की सुबह अचानक तबीयत खराब हुआ और उपचार के लिए मुजफ्फरपुर ले जाने के क्रम में मौत होने की बात सामने आयी. ग्रामीणों के अनुसार गत तीन दिनों से हो रही मौत को जहरीली शराब पीने से जोड़ कर देखा जा रहा है.
गुरुवार को सारण जिले के डीएम राजेश मीणा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि घटना में शराब से मौत से भी इंकार नहीं किया जा सकता. जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजन अब घर से शराब की बोतले दिखा रहे हैं जिसे पीकर मौत हुई है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नजर नहीं आ रही है. इस मामले में एसपी ने भी कार्रवाई करते हुए मकेर के थानाध्यक्ष को सस्पेंड (Maker SHO Suspended) और चौकीदार को निलंबित कर हिरासत में ले लिया है. इलाके में सारण पुलिस ने लगातार छापेमारी कर बड़ी मात्रा में शराब की बरामदगी की है. डीएम राजेश मीणा और एसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा, सोनपुर डीएसपी अंजनी कुमार तथा उत्पाद निरीक्षक रजनीश कुमार द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
पुलिस छापेमारी के दौरान यह देखकर दंग रह गई कि कच्चे स्प्रिट में कफ सिरप मिलाकर शराब बनाई जा रही थी. इस फैक्ट्री में बनने वाली शराब को जनता बाजार में बेची जा रही थी. जिसके सेवन के बाद लगातार मौत के मामले सामने आने लगे. वहीं, पदाधिकारी ने माइकिंग के द्वारा जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया है. साथ ही क्षेत्र के किसी परिवार के सदस्य की तबीयत खराब होते ही पहले प्रशासन को सूचित कर समुचित इलाज कराने का निर्देश जारी किया है. उन्होंने ग्रामीण जनता से प्रशासन का सहयोग करने और जनता से बिल्कुल नहीं डरने की अपील की है.
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बता दें कि शुरुआत में जिला प्रशासन ने इन मौतों को कारण ठंड लगना बताया था. पुलिस अधीक्षक कार्यालय से विज्ञप्ति जारी की गयी थी लेकिन स्वीकारा जा रहा है. हालांकि डीएम ने कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में अभी भी इसकी पुष्टि होनी बाकी है कि यह मौतें शराब की वजह से हुई हैं. इस बीच जिस इलाके में यह घटनाएं हो रही थीं, उस जनता बाजार से शराब फैक्ट्री का खुलासा भी किया गया है. वहां से बरामद शराब की जांच विशेषज्ञों से कराएगी जाएगी.
छपरा में लगातार हो रही मौतों के बाद अब विपक्ष सरकार पर हमलावर दिख रहा है. राजद जिलाध्यक्ष सुनील राय ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला. दरौली के विधायक सत्यदेव राम ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और पीड़ितों मुलाकात की. उन्होंने प्रदेश में शराबबंदी में पूरी तरह से विफल बताया है.