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हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल बनाने के लिए कमेटी अधिसूचित, कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे अगुवाई - Himachal Pradesh News

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस कमेटी की घोषणा पहले ही हो गई थी, जिसमें आज इस कमेटी को अधिसूचित किया गया है. आज इस कमेटी को लेकर अधिसूचना जारी हो गई है. पढ़ें पूरी खबर... (cannabis cultivation legal in Himachal Pradesh)

cannabis cultivation legal in Himachal Pradesh
सांकेतिक तस्वीर.
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Published : Apr 26, 2023, 10:11 PM IST

शिमला: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी कमेटी के मुखिया बनाए गए हैं. इस कमेटी में भाजपा के विधायक भी शामिल हैं. कमेटी के चेयरमैन के रूप में कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के अलावा सदस्यों में सीपीएस सुंदर ठाकुर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज, न्यूरो सर्जन के पेशे से राजनीति में आए भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज व द्रंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्ण चंद ठाकुर शामिल हैं. हालांकि कमेटी के गठन की बाबत पहले ही विधानसभा के बजट सत्र में घोषणा की गई थी, लेकिन अब उसे बाकायदा अधिसूचित किया गया है. इस संबंध में बुधवार 26 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई.

कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. स्टेट टैक्सिस एंड एक्साइज के एडिशनल कमिश्नर भांग की खेती के तकनीकी पहलुओं को लेकर कमेटी की मदद करेंगे. उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सेशन में भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने का मामला उठा था. भांग के औषधीय प्रयोगों व दवाइयों के निर्माण में उपयोगिता को लेकर सदस्यों ने अपने विचार रखे थे. उसके बाद तय किया गया था कि भांग की खेती को कानूनी बनाने के लिए गंभीरता से विचार किया जाए.

cannabis cultivation legal in Himachal Pradesh
नोटिफिकेशन की कॉपी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इसकी हिमायत की थी. विधानसभा में नियम-63 के तहत संबंधित विषय पर चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रस्ताव किया था कि इस पर कमेटी बनाई जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी मंजूरी दी थी. विधानसभा के बजट सत्र में छह अप्रैल को इस पर सहमति बनी थी. उसके बाद 26 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में लंबे अरसे से भांग की खेती को वैध बनाने के लिए मांग उठती रही है. अब कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. भांग से कैंसर जैसे जानलेवा रोग का उपचार हो सकता है. इसकी पैरवी न्यूरो सर्जन डॉ. जनक राज भी करते हैं.

विधानसभा में इस विषय पर नियम-63 के तहत हुई चर्चा को लाने वाले विधायक पूर्ण ठाकुर का कहना है कि भांग के सही उपयोग से न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि इससे दवाइयों का निर्माण भी होगा. यही नहीं, चुराह के विधायक डॉ. हंसराज ने तो सदन में अपना निजी अनुभव सांझा किया था. हंसराज ने कहा था कि उनकी बेटी के इलाज के दौरान भांग के तेल की जरूरत पड़ी थी. न्यूरो सर्जन के पेशे से राजनीति में आए विधायक डॉ. जनकराज का कहना है कि इसके अलावा अफीम का भी औषधीय उपयोग होता है.

उन्होंने अफीम की खेती को भी लीगल करने की मांग उठाई. डॉ. जनक का कहना है कि भांग का उपयोग मिरगी के दौरे, ब्लड कैंसर व न्यूरो से संबंधित रोगों में होता है. हिमाचल को इस खेती को वैध करने के कई लाभ होंगे. फिलहाल अब कमेटी अधिसूचित हो गई है. एक महीने में रिपोर्ट आने के बाद सरकार आगामी कार्रवाई करेगी.

Read Also- बुधवार को हिमाचल में कोरोना संक्रमण के 198 नए मामले आए सामने, एक्टिव मामले हुए 1172

शिमला: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी कमेटी के मुखिया बनाए गए हैं. इस कमेटी में भाजपा के विधायक भी शामिल हैं. कमेटी के चेयरमैन के रूप में कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के अलावा सदस्यों में सीपीएस सुंदर ठाकुर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज, न्यूरो सर्जन के पेशे से राजनीति में आए भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज व द्रंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्ण चंद ठाकुर शामिल हैं. हालांकि कमेटी के गठन की बाबत पहले ही विधानसभा के बजट सत्र में घोषणा की गई थी, लेकिन अब उसे बाकायदा अधिसूचित किया गया है. इस संबंध में बुधवार 26 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई.

कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. स्टेट टैक्सिस एंड एक्साइज के एडिशनल कमिश्नर भांग की खेती के तकनीकी पहलुओं को लेकर कमेटी की मदद करेंगे. उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सेशन में भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने का मामला उठा था. भांग के औषधीय प्रयोगों व दवाइयों के निर्माण में उपयोगिता को लेकर सदस्यों ने अपने विचार रखे थे. उसके बाद तय किया गया था कि भांग की खेती को कानूनी बनाने के लिए गंभीरता से विचार किया जाए.

cannabis cultivation legal in Himachal Pradesh
नोटिफिकेशन की कॉपी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इसकी हिमायत की थी. विधानसभा में नियम-63 के तहत संबंधित विषय पर चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रस्ताव किया था कि इस पर कमेटी बनाई जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी मंजूरी दी थी. विधानसभा के बजट सत्र में छह अप्रैल को इस पर सहमति बनी थी. उसके बाद 26 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में लंबे अरसे से भांग की खेती को वैध बनाने के लिए मांग उठती रही है. अब कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. भांग से कैंसर जैसे जानलेवा रोग का उपचार हो सकता है. इसकी पैरवी न्यूरो सर्जन डॉ. जनक राज भी करते हैं.

विधानसभा में इस विषय पर नियम-63 के तहत हुई चर्चा को लाने वाले विधायक पूर्ण ठाकुर का कहना है कि भांग के सही उपयोग से न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि इससे दवाइयों का निर्माण भी होगा. यही नहीं, चुराह के विधायक डॉ. हंसराज ने तो सदन में अपना निजी अनुभव सांझा किया था. हंसराज ने कहा था कि उनकी बेटी के इलाज के दौरान भांग के तेल की जरूरत पड़ी थी. न्यूरो सर्जन के पेशे से राजनीति में आए विधायक डॉ. जनकराज का कहना है कि इसके अलावा अफीम का भी औषधीय उपयोग होता है.

उन्होंने अफीम की खेती को भी लीगल करने की मांग उठाई. डॉ. जनक का कहना है कि भांग का उपयोग मिरगी के दौरे, ब्लड कैंसर व न्यूरो से संबंधित रोगों में होता है. हिमाचल को इस खेती को वैध करने के कई लाभ होंगे. फिलहाल अब कमेटी अधिसूचित हो गई है. एक महीने में रिपोर्ट आने के बाद सरकार आगामी कार्रवाई करेगी.

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