नई दिल्ली: भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं. सुषमा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर व्याप्त है. वह एक ऐसी नेत्री थीं, जो लोगों की सहायता अलग अंदाज से करती थीं. आइये जानते हैं कैसे......
दरअसल, सुषमा स्वराज को देश के लोग इसलिये भी मानते थे, क्योंकि वह एक ट्वीट के जरिये भी सबकी समस्या का समाधान कर देती थीं.
यदि किसी को किसी भी तरह की परेशानी होती थी, तो वह ट्वीट के माध्यम से उन तक बात पहुंचा देता था. सुषमा स्वराज उस ट्वीट पर गौर करते हुए फौरन लोगों की मदद करती थीं.
ये मेरा भूत नहीं है
इसे लेकर पिछले साल एक व्यक्ति ने उनके लिए लिखा कि निश्चित रूप से सुषमा खुद ट्वीट नहीं करतीं. उन्होंने कोई पीआर रखा हुआ है, जो उनके ट्वीट करता है.
इसके जवाब में सुषमा ने कहा, आप निश्चिंचत रहें. यह मैं ही हूं, मेरा भूत नहीं है. उन्हें पिछली मोदी सरकार की सबसे सक्रिय मंत्रियों में से एक माना गया। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान एक यूजर ने सवाल किया था कि हमें लगा कि आप हमारी विदेश मंत्री हैं. भाजपा में एकमात्र सबसे समझदार. आप खुद को चौकीदार क्यों बुलाती हैं? सुषमा ने जवाब दिया कि मैंने अपने नाम के आगे इसलिए चौकीदार लगाया है, क्योंकि मैं विदेशों में भारतीय हितों और भारतीय नागरिकों की चौकीदारी कर रही हूं.
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दरअसल, सुषमा ने बीजेपी के 'मैं भी चौकीदार' कैम्पेन के तहत अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ा था.
एक ट्वीट जिंदगी के लिए
सुषमा को जिस किसी ने भी मदद की गुहार लगाते हुए एक भी ट्वीट किया, उन्होंने उसकी मदद की। इसके लिए उन्होंने किसी का धर्म भी नहीं देखा. हालांकि, उनकी पार्टी पर सांप्रदायिकता का आरोप लगता रहा है, लेकिन सुषमा स्वराज अपने अच्छे कार्यों से इन आरोपों को हमेशा धता बताती रहीं. मध्य पूर्व के देशों से कई मुस्लिम लड़कियों को छुड़ाकर वह देश लाईं, जिसके लिए उन्होंने सुषमा स्वराज का आभार भी जताया.