नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने आखिरकार छात्रों को चरणबद्ध तरीके से जेएनयू कैंपस में आने की अनुमति दे दी है. इसको लेकर जेएनयू प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जेएनयू को दो चरणों में खोला जाएगा. पहले चरण की शुरुआत दो नवंबर 2020 से होगी. साथ ही साइंस स्कूल और सेंटर के प्रोजेक्ट स्टाफ भी इस दौरान कैंपस में प्रवेश पा सकेंगे. साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि पहले चरण की सफलता के बाद दूसरा चरण 16 नवंबर 2020 से शुरू होगा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पहले चरण में उन शोधार्थियों और पीएचडी अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय आने की अनुमित होगी, जिन्हें प्रयोगशालाओं तक पहुंच की जरुरत है और अपनी थीसीज जमा करानी हैं.
कैंपस में लाइब्रेरी और ढाबे रहेंगे बंद
जेएनयू को छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से खोलने पर सहमति बन गई है. लेकिन इससे पहले जेएनयू के डीन, चेयरपर्सन और फैकल्टी के सदस्यों को 3 दिन के अंदर अपने एक्शन प्लान को प्रशासन को जमा करना होगा. बता दें कि लैब खोलने से लेकर थर्मल स्क्रीनिंग और सभी तरह के नियमों के पालन को लेकर क्या तैयारियां की गई हैं और इसका पालन कैसे करवाया जाएगा, ये सभी जानकारियां इस प्लान के तहत देनी होगी.
वहीं इस दौरान जेएनयू कैंपस में लोकल डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की सहायता से कोविड-19 टेस्टिंग कैंप भी लगाया जाएगा. साथ ही छात्रों को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी तरह के सार्वजनिक स्थल नहीं खोले जाएंगे. सेंट्रल लाइब्रेरी और ढाबा बंद रहेंगे. यहां तक कि लैब में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों को 6 फीट की दूरी बनानी होगी. साथ ही सभी तरह की मीटिंग भी ऑनलाइन ही आयोजित की जाएगी. कैंपस में किसी भी तरह की सोशल गैदरिंग की अनुमति नहीं होगी.
विशेष गेट पास से छात्रों को मिलेगा प्रवेश
जेएनयू के परिसर में दाखिल होने के लिए छात्रों को एक विशेष गेट पास भी दिया जाएगा. यह गेट पास डीन/चेयर पर्सन सुपरवाइजर और सिक्योरिटी विभाग ही जारी करेगा. ऐसे में उन सभी छात्रों और प्रोजेक्ट स्टाफ की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा गया है, जिन्हें लैब का इस्तेमाल करना है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय फैकल्टी को दी गई है. साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि विश्वविद्यालय में कोविड-19 को लेकर जारी सभी नियमों का पालन हो सके.
दूसरे राज्यों के छात्रों को 7 दिन तक रहना होगा क्वारंटीन
वहीं जिन छात्रों को विश्वविद्यालय आने की अनुमति मिली है उनके लिए भी कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके तहत कैंपस में आने से पहले छात्रों को सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर जमा कराना होगा. इसके अलावा सभी छात्रों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप का होना अनिवार्य रहेगा. वहीं भारत के अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले छात्रों को 7 दिन तक सेल्फ-क्वारंटीन रहना होगा. उसके बाद ही उन्हें कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा.