लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया. हथियारों के इस मेले में देश के कई बड़े रक्षा उत्पाद भी नजर आएंगे. इस कार्यक्रम में करीब 40 देशों के रक्षा मंत्री भाग ले रहे हैं. रक्षा सामग्री बनाने वाली लगभग एक हजार कंपनियां अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान डिफेंस एक्सपो में लगी रक्षा समाग्रियों का निरीक्षण किया और उन्होंने इन सभी हथियारों के बारे में जानकारी भी दी. पीएम मोदी डिफेंस एक्सपो में निशानेबाजी भी की.
पीएम मोदी ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के बनने से डिमांड और मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रिया और आसान होने वाली है. इसका निश्चित लाभ डिफेंस सेक्टर्स से जुड़े उद्योगों को होगा और इस सेक्टर में इन्वेस्ट करने के इच्छुक आप सभी निवेशक को होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार, डिफेंस सेक्टर में एफडीआई नियमों को भी आसान किया गया है. अब डिफेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई का रास्ता साफ हुआ है, जिसमें से 49 प्रतिशत ऑटोमेटिव रूट से संभव हो सकता है. बीते पांच वर्षों डिफेंस सेक्टर में 1700 करोड़ के एफडीआई आने का रास्ता साफ हुआ है.
हमारी सरकार चाहती है कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सिर्फ सरकारी संस्थानों तक सीमित न हो, बल्कि इसमें निजी क्षेत्र की भी बराबर की साझेदारी हो। मैं समझता हूं कि उपयोगकर्ता और उत्पादक के बीच भागीदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत समस्याएं आती थीं. इसके लिए अब रास्ते खोले गए हैं और डीआरडीओ में भारतीय उद्योगों के लिए बिना चार्ज के टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान की नीति बनायी गई है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत कई वर्षों तक भारत प्रमुख शक्तियों में से एक रहा, लेकिन आजादी के बाद हमने अपनी इस ताकत का उपयोग उस गंभीरता से नहीं किया, जितना हम कर सकते थे. हमारी नीति और रणनीति इंपोर्ट तक सीमित रह गई.
उन्होंने कहा कि दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ इंपोर्ट के भरोसे रह सकता था. आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- रिसर्च और विकास की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन. बीते पांच से छह वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है.
पीएम ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंड उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की. 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गये थे. बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है। यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल, आतंकवाद और साइबर धमकी, पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. नए सुरक्षा चुनौती को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई तकनीक को विकसित कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है. आज का यह डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है.
पीएम मोदी ने डिफेंस एक्सपो में कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है.
ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो का यहां होना अपने आप में प्रसन्नता का विषय है.
उन्होंने कहा कि इस बार 1,000 से ज्यादा रक्षा निर्माता और दुनियाभर से 150 कंपनी इस एक्स्पो का हिस्सा हैं.
इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों बिजनेस लीडर्स भी यहां उपस्थित हैं.
आज का यह अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सबूत है कि सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भारत एक सशक्त भूमिका लेकर आगे बढ़ रहा है. यह डिफेंस एक्सपो भारत का ही नहीं दुनिया का विश्वास पैदा करता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा कि कई मायनों में इसका सिद्धांत और लखनऊ में डिफेंस एक्सपों मोदी जी की ही दिन है.
आप सभी जानते हैं कि हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु दो जगह पर डिफेंस कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया है औ यह दोनों आने वाले समय में दुनिया में सबसे ज्यादा अव्वल स्थान पर होंगे. प्रधानमंत्री मोदी जी के मेक इंन इंडिया के तहत किए जा रहे हैं कार्य का नतीजा आने लगा है.
बता दें कि कार्यक्रम में तीनों सेना प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बिपिन रावत भी मौजूद हैं.
डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ पहुंच गए. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया.
एक्सपो में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(डीआरडीओ) के विकसित रणनीतिक और सामरिक हथियार प्रणालियों, रक्षा उपकरणों और तकनीक का पांच फरवरी से नौ फरवरी तक प्रदर्शन किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, 'लखनऊ में पहली बार होने जा रहे डिफेंस एक्सपो में करीब एक हजार कंपनियां अपने हथियार, रक्षा उपकरण और तकनीक का प्रदर्शन करेंगी.'
इस मेले में भारत में बने धनुष तोप से लेकर तेजस जेट तक का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही इसमें दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां अपनी सैन्य तकनीक का प्रदर्शन करके भारतीय सेनाओं को खरीद के लिए रिझाने की कोशिश करेंगीं.
डिफेंस एक्सपो में भारत तथा विदेश की छोटी-बड़ी कंपनियां भी हथियारों का प्रदर्शन करने को तैयार हैं.
इसके अलावा डीआरडीओ सहित देश के लिए रक्षा उत्पाद बनाने और रिसर्च करने वाली एजेंसियां और कंपनियां स्वदेशी का गौरव बढ़ाते हुए अपने हथियार का प्रदर्शन करेंगी.
इस दौरान आठ प्रौद्योगिकी समूह- एरोनॉटिकल सिस्टम्स, आर्मामेंट एंड कॉम्बैट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन सिस्टम्स, लाइफ साइंसेज, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेसएंड कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स मिसाइल और स्ट्रैटजिक सिस्टम्स से लेकर नौसेना प्रणाली और मटेरियल और सिस्टम विश्लेषण व मॉडलिंग का कौशल दिखेगा.
थल सेना के हथियारों में पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और धनुष तोप के अलावा इंटीग्रेटेड मल्टीफंक्शन साइट, स्मॉल आर्म्स एडवांस्ड होलोग्राफिक साइट, आई सेफ लेजर, नाइट विजन डिवाइसेज, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम, लेजर ऑर्डिनेंस डिस्पोजल सिस्टम, लेजर डैजलर्स का भी प्रदर्शन होगा.
रक्षा मंत्रालय की जन सम्पर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने मंगलवार को बताया, 'डिफेंस एक्सपो में भागीदारी के लिए 989 से अधिक कंपनियों ने अब तक अपना पंजीकरण करा लिया है. इनमें यूएसएए, ब्राजील, फ्रांस और नार्वे समेत कई देशों की 165 कंपनियां भी शामिल हैं.'
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सिन्हा ने बताया, 'लखनऊ में आयोजित हो रहा यह मेगा इंवेंट डिफेंस एक्सपो का 11वां संस्करण है. इसके पहले वर्ष 2018 में इसका 10वां संस्करण चेन्नई में आयोजित हुआ था. चेन्नई के डिफेंस एक्सपो में कुल 702 कंपनियों की भागीदारी हुई थी, जबकि यहां के लिए अभी ही 989 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं.'