राजनांदगांव: ईटीवी भारत ने कछुओं की कैद को लेकर एक खबर दिखाई थी जिसका असर हुआ है. कोर्ट की लंबी तारीखों और पेशी की वजह से सालों से एक पानी की टंकी में कैदियों की तरह जीवन बिता रहे तीन कछुओं को मंगलवार आजाद कर दिया गया. जिला न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने पंचनामा बनाकर बसंतपुर पुलिस की मौजूदगी में इन कछुओं को शिवनाथ नदी में प्राकृतिक जीवन जीने के लिए छोड़ दिया है.
ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाई थी. इसके बाद पुलिस ने कछुओं की रिहाई को लेकर कोशिशें तेज कर दी थी.
- ये कछुए पिछले 4 साल से मुक्त होने के इंतजार में एक टंकी में पड़े हुए थे.
- मंगलवार को टीआई राजेश साहू की मौजूदगी में वन विभाग की टीम ने कोर्ट से मिले आदेश के अनुसार तीनों कछुओं को वन डिपो में रखी टंकी से निकाल कर शिवनाथ नदी के मोहारा तट पर छोड़ा दिया है.
- साल 2015 में पुलिस ने इन कछुओं को 6 लोगों से बरामद किया गया था. आरोपी इन कछुओं को तंत्र-मंत्र के लिए इस्तेमाल करते थे.
- पुलिस ने बताया कि अक्सर ऐसे कछुओं का इस्तेमाल जादू-टोने में किया जाता है. बरामद किए गए कछुओं को वन विभाग की निगरानी में रखा गया था.
- फॉरेस्ट डिपो में सितंबर 2015 में तीन कछुओं को एक डिप्टी रेंजर और वन अमले के 4 कर्मचारियों की देखरेख में रखा था, जो 24 घंटे इन कछुओं की निगरानी किया करते थे.
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कोर्ट के आदेश के बाद हुई रिहाई
मामले में बसंतपुर टीआई राजेश कुमार साहू का कहना है कछुओं की रिहाई के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा था. आदेश मिलते ही वन विभाग को सूचित किया गया और कोर्ट के आदेश के अनुसार कछुओं को नदी में छोड़ा दिया गया. इस मामले में वन डिपो प्रभारी केके वर्मा का कहना है कि बसंतपुर पुलिस ने एक प्रकरण के तहत वन विभाग को चार कछुए सौंपे गए थे. इनमें से एक कछुए की मौत हो चुकी है.