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चार साल से 'कैद' थे कछुए, ईटीवी भारत की खबर के बाद मिली रिहाई

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. कोर्ट ने चार साल से एक पानी की टंकी में कैद तीन कछुओं को मंगलवार आजाद कर दिया है.

चार साल से 'कैद' थे कछुए, ईटीवी भारत की खबर के बाद मिली रिहाई.
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Published : Aug 28, 2019, 3:05 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 2:46 PM IST

राजनांदगांव: ईटीवी भारत ने कछुओं की कैद को लेकर एक खबर दिखाई थी जिसका असर हुआ है. कोर्ट की लंबी तारीखों और पेशी की वजह से सालों से एक पानी की टंकी में कैदियों की तरह जीवन बिता रहे तीन कछुओं को मंगलवार आजाद कर दिया गया. जिला न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने पंचनामा बनाकर बसंतपुर पुलिस की मौजूदगी में इन कछुओं को शिवनाथ नदी में प्राकृतिक जीवन जीने के लिए छोड़ दिया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर.

ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाई थी. इसके बाद पुलिस ने कछुओं की रिहाई को लेकर कोशिशें तेज कर दी थी.

  • ये कछुए पिछले 4 साल से मुक्त होने के इंतजार में एक टंकी में पड़े हुए थे.
  • मंगलवार को टीआई राजेश साहू की मौजूदगी में वन विभाग की टीम ने कोर्ट से मिले आदेश के अनुसार तीनों कछुओं को वन डिपो में रखी टंकी से निकाल कर शिवनाथ नदी के मोहारा तट पर छोड़ा दिया है.
  • साल 2015 में पुलिस ने इन कछुओं को 6 लोगों से बरामद किया गया था. आरोपी इन कछुओं को तंत्र-मंत्र के लिए इस्तेमाल करते थे.
  • पुलिस ने बताया कि अक्सर ऐसे कछुओं का इस्तेमाल जादू-टोने में किया जाता है. बरामद किए गए कछुओं को वन विभाग की निगरानी में रखा गया था.
  • फॉरेस्ट डिपो में सितंबर 2015 में तीन कछुओं को एक डिप्टी रेंजर और वन अमले के 4 कर्मचारियों की देखरेख में रखा था, जो 24 घंटे इन कछुओं की निगरानी किया करते थे.

पढ़ें: राहुल के ट्वीट का पाक ने UN में दिया हवाला, कांग्रेस को देनी पड़ रही सफाई

कोर्ट के आदेश के बाद हुई रिहाई
मामले में बसंतपुर टीआई राजेश कुमार साहू का कहना है कछुओं की रिहाई के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा था. आदेश मिलते ही वन विभाग को सूचित किया गया और कोर्ट के आदेश के अनुसार कछुओं को नदी में छोड़ा दिया गया. इस मामले में वन डिपो प्रभारी केके वर्मा का कहना है कि बसंतपुर पुलिस ने एक प्रकरण के तहत वन विभाग को चार कछुए सौंपे गए थे. इनमें से एक कछुए की मौत हो चुकी है.

राजनांदगांव: ईटीवी भारत ने कछुओं की कैद को लेकर एक खबर दिखाई थी जिसका असर हुआ है. कोर्ट की लंबी तारीखों और पेशी की वजह से सालों से एक पानी की टंकी में कैदियों की तरह जीवन बिता रहे तीन कछुओं को मंगलवार आजाद कर दिया गया. जिला न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने पंचनामा बनाकर बसंतपुर पुलिस की मौजूदगी में इन कछुओं को शिवनाथ नदी में प्राकृतिक जीवन जीने के लिए छोड़ दिया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर.

ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाई थी. इसके बाद पुलिस ने कछुओं की रिहाई को लेकर कोशिशें तेज कर दी थी.

  • ये कछुए पिछले 4 साल से मुक्त होने के इंतजार में एक टंकी में पड़े हुए थे.
  • मंगलवार को टीआई राजेश साहू की मौजूदगी में वन विभाग की टीम ने कोर्ट से मिले आदेश के अनुसार तीनों कछुओं को वन डिपो में रखी टंकी से निकाल कर शिवनाथ नदी के मोहारा तट पर छोड़ा दिया है.
  • साल 2015 में पुलिस ने इन कछुओं को 6 लोगों से बरामद किया गया था. आरोपी इन कछुओं को तंत्र-मंत्र के लिए इस्तेमाल करते थे.
  • पुलिस ने बताया कि अक्सर ऐसे कछुओं का इस्तेमाल जादू-टोने में किया जाता है. बरामद किए गए कछुओं को वन विभाग की निगरानी में रखा गया था.
  • फॉरेस्ट डिपो में सितंबर 2015 में तीन कछुओं को एक डिप्टी रेंजर और वन अमले के 4 कर्मचारियों की देखरेख में रखा था, जो 24 घंटे इन कछुओं की निगरानी किया करते थे.

पढ़ें: राहुल के ट्वीट का पाक ने UN में दिया हवाला, कांग्रेस को देनी पड़ रही सफाई

कोर्ट के आदेश के बाद हुई रिहाई
मामले में बसंतपुर टीआई राजेश कुमार साहू का कहना है कछुओं की रिहाई के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा था. आदेश मिलते ही वन विभाग को सूचित किया गया और कोर्ट के आदेश के अनुसार कछुओं को नदी में छोड़ा दिया गया. इस मामले में वन डिपो प्रभारी केके वर्मा का कहना है कि बसंतपुर पुलिस ने एक प्रकरण के तहत वन विभाग को चार कछुए सौंपे गए थे. इनमें से एक कछुए की मौत हो चुकी है.

Intro:राजनांदगांव. 4 साल से एक पानी की टंकी में कैदियों की तरह जीवन बिता रहे तीन कछुओं ने आज स्वतंत्र होकर खुली हवा में सांस ली शिवनाथ नदी के मोहरा तट पर आज कछुओं ने डुबकी लगाते हुए अपनी आजादी को खुलकर महसूस किया है.
दरअसल, पानी की टंकी में कैद कछुओं को अंततः जिला न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने पंचनामा बनाकर बसंतपुर पुलिस की मौजूदगी में शिवनाथ नदी में स्वतंत्र रूप से प्राकृतिक जीवन जीने के लिए छोड़ दिया है. मंगलवार को बसंतपुर टीआई राजेश साहू की मौजूदगी में वन विभाग के कर्मचारियों ने कोर्ट से आदेश मिलते ही इसका पालन किया. तीनों कछुओं को वन डिपो में रखी टंकी से निकाल कर शिवनाथ नदी के मोहारा तट पर छोड़ा गया है.


Body:बता दे कि वन विभाग के फॉरेस्ट डिपो में तीन कछुए सितंबर 2015 से एक डिप्टी रेंजर सहित वन अमले के 4 कर्मचारियों की देखरेख में रखे गए थे जो 24 घंटे इन कछुओं की निगरानी करते रहे इन कछुओं को बसंतपुर पुलिस ने 6 आरोपियों से बरामद किया था जो तंत्र-मंत्र में इन कछुओं का इस्तेमाल करते थे तंत्र मंत्र करने के दौरान आरोपियों तक जब पुलिस पहुंची तो मौके वारदात पर यह कछुए बरामद किए गए थे. पुलिस ने बताया कि अक्सर ऐसे कछुओं का इस्तेमाल जादू टोने में किया जाता है. मामले को लेकर ईटीवी भारत ने सबसे पहले यह खबर दिखाई थी इसके बाद कछुओं की रिहाई को लेकर के पुलिस ने प्रयास तेज कर दिए थे।
4 साल की देखरेख
बरामद किए गए कछुओं को वन विभाग की निगरानी में रखा गया क्योंकि मामला कोर्ट में अभी चल रहा है इस दौरान कछुओं को भी साक्ष्य के रूप में कभी भी पेश करना पड़ सकता है इसके चलते पुलिस ने इस मामले में इन कछुओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी है वहीं वन विभाग को इन कछुओं को सुपुर्द कर उनकी निगरानी में वन डिपो के एक टंकी में 4 साल रखा गया जहां एक डिप्टी रेंजर और चार कर्मचारी 24 घंटे इन कछुओं की निगरानी करते रहे वन विभाग के कर्मचारी इसलिए भी इन कछुओं की मुस्तैदी से निगरानी करते रहे क्योंकि मामला कोर्ट से जुड़ा हुआ है और अगर इन कछुओं को कुछ भी होता है तो गाज उन पर भी गिर सकती थी.
कोर्ट के आदेश के बाद आज हुई रिहाई
इस मामले में बसंतपुर टीआई राजेश कुमार साहू का कहना है कछुओं की रिहाई के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार था आदेश मिलते ही वन विभाग को सूचित किया गया और कोर्ट के आदेश के अनुसार कछुओं को आज शिवनाथ नदी के किनारे प्राकृतिक रूप से जीवन जीने के लिए छोड़ा गया है.


Conclusion:आदेश का पालन किया
इस मामले में वन डिपो प्रभारी केके वर्मा का कहना है कि बसंतपुर पुलिस ने एक प्रकरण के तहत वन विभाग को चार कछुए सौपे गए थे जिनमें एक कछुए की मृत्यु हो गई है शेष तीन कछुओं को वन विभाग की निगरानी में रखा गया था जहां कोर्ट से आदेश मिलने के बाद आज शिवनाथ नदी के किनारे उन्हें स्वतंत्र किया गया है.
Last Updated : Sep 28, 2019, 2:46 PM IST
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