नई दिल्ली : पांच साल पहले 15 जुलाई के ही दिन कौशल भारत मिशन की शुरुआत की गई थी. बाद में इसी दिन को संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिली और इसे वर्ल्ड यूथ स्किल डे (WYSD) के रूप में मनाया जाने लगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ल्ड यूथ स्किल डे पर डिजिटल कॉनक्लेव के आयोजन को संबोधित किया.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें
- स्किल युवाओं की सबसे बड़ी ताकत.
- स्किल का अर्थ नया हुनर सीखें.
- कोरोना के इस संकट ने विश्व- संस्कृति के साथ ही रोजगार की प्रकृति को भी बदलकर के रख दिया है.
- बदलती हुई नित्य नूतन प्रौद्योगिकी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है.
- प्रासंगिक बने रहने का मंत्र है - स्किल, री-स्किल और अप-स्किल.
- स्किल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है.
- सीखने की ललक न होने पर एक रुकावट सी महसूस होती है.
- एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपने व्यक्तित्व को ही बोझ बना लेता है.
- ज्ञान और स्किल के बीच अंतर है.
- अपनी उम्र के बावजूद, नई स्किल सीखना आपके जीवन को उत्साह और ऊर्जा से भर देता है.
बता दें कि कौशल भारत केंद्र सरकार की एक पहल है जो युवाओं को कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी जो उन्हें अपने काम के माहौल में अधिक रोजगारपरक बनाती है.
इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी के संबोधन से जुड़े एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा इस मौके पर एक डिजिटल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
WYSD संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक कार्यक्रम है, जिसे प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य रोजगार, सम्माननीय कार्य और उद्यमिता के लिए युवाओं को कौशल के साथ लैस करना है.
इसके अलावा विश्व युवा कौशल दिवस का मकसद वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के लिए युवाओं की भूमिका को रेखांकित करना भी है.
वर्ल्ड यूथ स्किल डे की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने भी कई वैश्विक चुनौतियों का जिक्र किया है.