Nuh Violence: हिंसा के बाद अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को खाने के पड़ गए थे लाले, मुसीबत में मसीहा बनकर आए ये लोग
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नूंह: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को ब्रज मंडल शोभा यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच भड़की हिंसा की चिंगारी प्रदेश के कई जिलों तक पहुंच गई. इस हिंसा में प्रदेश के कई घर का चिराग बुझ गया. हिंसा के कारण प्रदेश के कई जिले प्रभावित हुए. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति कायम करने के लिए भारी संख्या में पुलिस और सेना के जवान तैनात हैं. इसके अलावा इन क्षेत्रों में धारा- 144 भी लागू किया गया है ताकि उपद्रवी फिर से हिंसा ना फैला सकें. वहीं, हिंसा के कारण राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में इलाज करा रहे मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. कर्फ्यू लगने के कारण मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे मरीजों और उनके तीमारदारों को दाने-दाने का मोहताज होना पड़ गया था. ऐसे में नूंह जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर चंदेनी गांव के लोग इन मरीजों और तीमारदारों के लिए मसीहा बनकर सामने आए. चंदेनी गांव के लोगों ने अपने घरों में बहन-बेटियों से रोटी बनवाई और एक बड़े बर्तन में दाल बनवाई और फिर उसे लेकर मेडिकल कॉलेज नल्हड़ पहुंच गए. कमांडो हिदायत खान मोर्चा संभालते हुए लोगों के लिए खाने का इंतजाम कर रहे हैं. बता दें कि, हिंसा के बाद कैंटीन से लेकर सभी प्रकार की दुकान बंद थी या उन्हें तोड़ दिया गया है. ऐसे में नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में लगे वार्ड बॉय और सुरक्षा कर्मियों के सामने भी भूखे मरने की नौबत आ रही थी. लोग चाय तक के लिए भी तरसने लगे थे.