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विशेषज्ञों से जानिए स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अच्छा नुस्खा

वर्तमान जीवन शैली ने मधुमेह के मामलों में वृद्धि की है, विशेष रूप से जो लोग ईक्कीस या बीस साल से गुजर रहें हैं उनके बीच. महामारी के दौरान घर से काम करने के चलते ये और अधिक बढ़ गया है. आमतौर पर दो तरह की डायबिटीज मरीजों में देखने को मिलती है. इनमें टाइप 1 डायबिटीज व टाइप 2 डायबिटीज शामिल है. आज वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया (World Diabetes Day) जा रहा है. पिछले कुछ समय से टाइप 2 डायबिटीज के मामले छोटे बच्चों में भी देखने को मिले हैं जो काफी घातक हैं. Best remedies prescription for healthy lifestyle is brisk walking and light exercise .

best remedies prescription for healthy lifestyle is brisk walking and light exercise world diabetes day
सांकेतिक फोटो
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Published : Nov 14, 2022, 4:37 PM IST

डायबिटीज बीमारी एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है. जिसमें शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है. जिसे हाई डायबिटीज कहा जाता है. जबकि कई बार ग्लूकोज का स्तर अचानक कम होने पर मरीज लो डायबिटीज का शिकार हो जाता है यानी शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत कम हो जाता है. इसके अलावा इंसुलिन की कमी, परिवार में किसी व्यक्ति का डायबिटिक होना, बढ़ती उम्र, हाई केलोस्ट्रोल लेवल, एक्सरसाइज ना करने की आदत, हारमोंस का असंतुलित होने के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं. इसी प्रकार हाई ब्लड प्रेशर, खानपान की गलत आदतों के कारण कई बार व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ जाता है. इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव और अत्यधिक फास्ट फूड का सेवन भी डायबिटीज का मुख्य कारण माना गया है. Best remedies prescription for healthy lifestyle is brisk walking and light exercise .

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ (King George Medical University Lucknow) के एक वरिष्ठ संकाय डॉ कौसर उस्मान (Dr Kausar Usman)ने कहा, "कोविड प्रतिबंध खत्म होने के बाद भी, कंपनियां, विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में, अभी भी WFH policy पर हैं. शायद यही कारण है कि 30 से 40 वर्ष के बीच के लोगों में मधुमेह (Diabetes cases among people between age group of 30 and 40) मामले बढ़ रहे हैं. कामकाजी पेशेवरों को एक अच्छा कार्य-जीवन संतुलन बनाना सीखना चाहिए."

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सांकेतिक फोटो

संभावित महामारी : एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स (Association of International Doctors) के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला (Dr Abhishek Shukla) ने कहा कि, "मोटापा, जो मधुमेह के लिए एक बड़ा योगदान कारक है, युवा पेशेवरों में बढ़ रहा है. वे लंबे समय तक बैठते हैं, काम करते समय भी फास्ट फूड खाते रहते हैं. यह एक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है." डॉ मयंक सोमानी (Dr Mayank Somani) ने कहा, "भारत में मधुमेह 77 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाली संभावित महामारी का दर्जा तेजी से प्राप्त कर रहा है."

अभिनेताओं की हालिया मौतों का कारण : चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगे कहा कि, युवा अब शारीरिक गतिविधि के नुकसान की भरपाई के लिए भारी कसरत करना पसंद करते हैं. Dr D K Srivastava के अनुसार, "यह काउंटर प्रोडक्टिव हो सकता है क्योंकि शरीर अचानक उच्च तीव्रता वाली कसरत को सह नहीं पाता. स्वस्थ जीवनशैली के लिए तेज चलना और हल्का व्यायाम सबसे अच्छा नुस्खा है." उन्होंने संकेत दिया कि हिंदी फिल्म उद्योग में अभिनेताओं की हालिया मौतों के पीछे भारी कसरत कारण हो सकता है.

डायबिटीज अनुवांशिक है : जयपुर के वरिष्ठ डायबिटीज विशेषज्ञ डॉक्टर विजय कपूर (Dr Vijay Kapoor Diabetologist ) का कहना है कि आमतौर पर दो तरह की डायबिटीज मरीजों में देखने को मिलती है. इसमें सबसे पहले आती है टाइप 1 डायबिटीज. डॉक्टर कपूर का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज छोटे बच्चों में देखने को मिलती है और यह डायबिटीज अनुवांशिक मानी जाती है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज के मामले वयस्क या फिर बुजुर्ग लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन पिछले कुछ समय से टाइप 2 डायबिटीज के मामले छोटे बच्चों में भी देखने को मिले हैं जो काफी घातक हैं. आंकड़ों की बात करें तो 10 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज पीड़ित है. अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ सकती है.

हर साल 14 नवंबर का दिन वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) के रूप में मनाया जाता है. पिछले कुछ सालों में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या में भी बहुत बड़ा इजाफा देखने को मिला है. खासकर छोटे बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के मामले देखने (type 2 diabetes risk increased in children) को मिले हैं. चिकित्सकों का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज सिर्फ वयस्क लोगों में ही इससे पहले पाई जाती थी.

कैसे पहचाने बीमारी और क्या है लक्षण : मधुमेह या फिर डायबिटीज से ग्रसित मरीज का वजन लगातार घटने लगता है. ऐसे में यदि किसी भी व्यक्ति का वजन अकारण ही घट रहा है तो वह डायबिटीज से पीड़ित हो सकता है. इसके अलावा बार बार भूख लगना, थकान महसूस होना, शरीर में होने वाले घाव जल्द नहीं भरना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. यदि यह सब लक्षण किसी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है. हालांकि आजकल कुछ ऐसे उपकरण भी आते हैं जिनके माध्यम से घर बैठे भी डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है.

इन बीमारियों का खतराः आमतौर पर डायबिटीज से पीड़ित होने पर मरीज को अन्य बीमारियां भी घेरने लगती हैं. डॉ विजय कपूर का कहना है कि डायबिटीज का असर व्यक्ति के हर अंग पर पड़ता है. जिनमें प्रमुख रूप से आंख ,किडनी,हार्ट और नसों को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा यदि समय पर डायबिटीज का इलाज नहीं किया जाए तो मरीज को ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. कई बार आंख की रोशनी जाने का खतरा भी पैदा हो जाता है. जबकि कुछ मामलों में किडनी फैलियर के केस भी देखने को मिले हैं.

बीमारी से बचाव एवं उपचारः डायबिटीज को एक बेहद गंभीर बीमारी माना जाता है. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. लेकिन यदि कुछ सावधानियां बरती जाए तो डायबिटीज से पीड़ित मरीज भी स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है. हाइ डायबिटीज से पीड़ित मरीज को आमतौर पर मीठे से परहेज रखना जरूरी है. इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से भी दूरी रखना जरूरी है. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को एक्टिव रहने की जरूरत होती है और एक्सरसाइज करना काफी जरूरी होता है. इसके अलावा वजन को नियंत्रित रखना, हाई फाइबर और प्रोटीन का सेवन डायबिटीज से ग्रसित मरीज को करना चाहिए. इसके अलावा चिकित्सकीय परामर्श काफी जरूरी है. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज का कोई स्थाई उपचार नहीं है. इस डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को जिंदगी भर इंसुलिन लेना पड़ता है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज में संतुलित भोजन और प्रतिदिन एक्सरसाइज के माध्यम से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. Extra Input IANS

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डायबिटीज बीमारी एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है. जिसमें शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है. जिसे हाई डायबिटीज कहा जाता है. जबकि कई बार ग्लूकोज का स्तर अचानक कम होने पर मरीज लो डायबिटीज का शिकार हो जाता है यानी शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत कम हो जाता है. इसके अलावा इंसुलिन की कमी, परिवार में किसी व्यक्ति का डायबिटिक होना, बढ़ती उम्र, हाई केलोस्ट्रोल लेवल, एक्सरसाइज ना करने की आदत, हारमोंस का असंतुलित होने के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं. इसी प्रकार हाई ब्लड प्रेशर, खानपान की गलत आदतों के कारण कई बार व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ जाता है. इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव और अत्यधिक फास्ट फूड का सेवन भी डायबिटीज का मुख्य कारण माना गया है. Best remedies prescription for healthy lifestyle is brisk walking and light exercise .

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ (King George Medical University Lucknow) के एक वरिष्ठ संकाय डॉ कौसर उस्मान (Dr Kausar Usman)ने कहा, "कोविड प्रतिबंध खत्म होने के बाद भी, कंपनियां, विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में, अभी भी WFH policy पर हैं. शायद यही कारण है कि 30 से 40 वर्ष के बीच के लोगों में मधुमेह (Diabetes cases among people between age group of 30 and 40) मामले बढ़ रहे हैं. कामकाजी पेशेवरों को एक अच्छा कार्य-जीवन संतुलन बनाना सीखना चाहिए."

best remedies prescription for healthy lifestyle is brisk walking and light exercise world diabetes day
सांकेतिक फोटो

संभावित महामारी : एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स (Association of International Doctors) के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला (Dr Abhishek Shukla) ने कहा कि, "मोटापा, जो मधुमेह के लिए एक बड़ा योगदान कारक है, युवा पेशेवरों में बढ़ रहा है. वे लंबे समय तक बैठते हैं, काम करते समय भी फास्ट फूड खाते रहते हैं. यह एक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है." डॉ मयंक सोमानी (Dr Mayank Somani) ने कहा, "भारत में मधुमेह 77 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाली संभावित महामारी का दर्जा तेजी से प्राप्त कर रहा है."

अभिनेताओं की हालिया मौतों का कारण : चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगे कहा कि, युवा अब शारीरिक गतिविधि के नुकसान की भरपाई के लिए भारी कसरत करना पसंद करते हैं. Dr D K Srivastava के अनुसार, "यह काउंटर प्रोडक्टिव हो सकता है क्योंकि शरीर अचानक उच्च तीव्रता वाली कसरत को सह नहीं पाता. स्वस्थ जीवनशैली के लिए तेज चलना और हल्का व्यायाम सबसे अच्छा नुस्खा है." उन्होंने संकेत दिया कि हिंदी फिल्म उद्योग में अभिनेताओं की हालिया मौतों के पीछे भारी कसरत कारण हो सकता है.

डायबिटीज अनुवांशिक है : जयपुर के वरिष्ठ डायबिटीज विशेषज्ञ डॉक्टर विजय कपूर (Dr Vijay Kapoor Diabetologist ) का कहना है कि आमतौर पर दो तरह की डायबिटीज मरीजों में देखने को मिलती है. इसमें सबसे पहले आती है टाइप 1 डायबिटीज. डॉक्टर कपूर का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज छोटे बच्चों में देखने को मिलती है और यह डायबिटीज अनुवांशिक मानी जाती है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज के मामले वयस्क या फिर बुजुर्ग लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन पिछले कुछ समय से टाइप 2 डायबिटीज के मामले छोटे बच्चों में भी देखने को मिले हैं जो काफी घातक हैं. आंकड़ों की बात करें तो 10 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज पीड़ित है. अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ सकती है.

हर साल 14 नवंबर का दिन वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) के रूप में मनाया जाता है. पिछले कुछ सालों में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या में भी बहुत बड़ा इजाफा देखने को मिला है. खासकर छोटे बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के मामले देखने (type 2 diabetes risk increased in children) को मिले हैं. चिकित्सकों का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज सिर्फ वयस्क लोगों में ही इससे पहले पाई जाती थी.

कैसे पहचाने बीमारी और क्या है लक्षण : मधुमेह या फिर डायबिटीज से ग्रसित मरीज का वजन लगातार घटने लगता है. ऐसे में यदि किसी भी व्यक्ति का वजन अकारण ही घट रहा है तो वह डायबिटीज से पीड़ित हो सकता है. इसके अलावा बार बार भूख लगना, थकान महसूस होना, शरीर में होने वाले घाव जल्द नहीं भरना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. यदि यह सब लक्षण किसी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है. हालांकि आजकल कुछ ऐसे उपकरण भी आते हैं जिनके माध्यम से घर बैठे भी डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है.

इन बीमारियों का खतराः आमतौर पर डायबिटीज से पीड़ित होने पर मरीज को अन्य बीमारियां भी घेरने लगती हैं. डॉ विजय कपूर का कहना है कि डायबिटीज का असर व्यक्ति के हर अंग पर पड़ता है. जिनमें प्रमुख रूप से आंख ,किडनी,हार्ट और नसों को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा यदि समय पर डायबिटीज का इलाज नहीं किया जाए तो मरीज को ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. कई बार आंख की रोशनी जाने का खतरा भी पैदा हो जाता है. जबकि कुछ मामलों में किडनी फैलियर के केस भी देखने को मिले हैं.

बीमारी से बचाव एवं उपचारः डायबिटीज को एक बेहद गंभीर बीमारी माना जाता है. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. लेकिन यदि कुछ सावधानियां बरती जाए तो डायबिटीज से पीड़ित मरीज भी स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है. हाइ डायबिटीज से पीड़ित मरीज को आमतौर पर मीठे से परहेज रखना जरूरी है. इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से भी दूरी रखना जरूरी है. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को एक्टिव रहने की जरूरत होती है और एक्सरसाइज करना काफी जरूरी होता है. इसके अलावा वजन को नियंत्रित रखना, हाई फाइबर और प्रोटीन का सेवन डायबिटीज से ग्रसित मरीज को करना चाहिए. इसके अलावा चिकित्सकीय परामर्श काफी जरूरी है. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज का कोई स्थाई उपचार नहीं है. इस डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को जिंदगी भर इंसुलिन लेना पड़ता है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज में संतुलित भोजन और प्रतिदिन एक्सरसाइज के माध्यम से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. Extra Input IANS

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