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सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं तिल और गुड, खुद भी खाएं और दूसरों को भी खिलाएं - तिल का लड्डू

Makar Sankranti : हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति साल का पहला त्यौहार माना जाता है. अच्छी खासी सर्दी में मनाए जाने वाले इस त्यौहार पर तिल-गुड़ से बने लड्डू, गजक और पकवानों को बनाने, खाए जाने तथा दान देने की परंपरा रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिल गुड़ से बने व्यंजनों का सेवन विशेषतौर पर सर्दी के मौसम में शरीर को कई तरह से लाभ भी दे सकता हैं ! जानकारों तथा चिकित्सको, सभी के अनुसार विशेषतौर पर सर्दी के मौसम में नियंत्रित मात्रा में तिल और गुड़ का सेवन सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

Makar Sankranti
तिल का लड्डू
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2024, 12:10 AM IST

हैदराबाद : मकर संक्रांति के त्योहार को देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. इस त्यौहार की खास बात यह है कि भले ही इसे कही पर तिल संक्रांति, कहीं पोंगल, कही उत्तरायण और कहीं खिचड़ी सहित कई नामों से मनाया जाता है लेकिन लगभग सभी स्थानों पर इस दिन किसी न किसी रूप में तिल, गुड़ और चावल से बने पकवान व मिठाइयों का सेवन किया जाता है. वैसे तो इस त्यौहार पर तिल, गुड़ तथा चावल (खिचड़ी के रूप में ) का उपयोग धार्मिक परंपरा का हिस्सा माना जाता है लेकिन जानकारों की माने तो यह परंपरा सेहत के लिए भी काफी लाभकारी रहती है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों व आहार विशेषज्ञों की माने तो सर्दियों के मौसम में इनका सेवन ना सिर्फ सेहत को दुरुस्त रखने में मदद कर सकता है बल्कि कई संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है.

क्या कहता है आयुर्वेद
आरोग्यम आयुर्वेदिक केंद्र पुरानी दिल्ली के चिकित्सक डॉ रमेश आर्य बताते हैं कि तिल तथा गुड़ दोनों की तासीर गर्म होती है तथा दोनों में ही कई प्रकार के पोषक तत्व तथा औषधीय गुण मिलते हैं. जो ना सिर्फ सर्दियों में शरीर को प्राकृतिक रूप में गर्म रखते हैं बल्कि शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद भी करते हैं.

वह बताते हैं कि तिल और गुड़ के एक साथ सेवन से इनके लाभ और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इनका सेवन ना सिर्फ सेहत और सौन्दर्य को बढ़ाता है, साथ ही शरीर के मेटाबोलिज़्म को भी बेहतर करता है. जिससे ना सिर्फ सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे मौसमी संक्रमणों के प्रभाव में आने की आशंका कम होती है बल्कि कई अन्य कम या ज्यादा गंभीर समस्याओं व रोगों के होने की आशंका भी कम होती है. वह बताते हैं सर्दी के मौसम में रोजाना तिल और गुड़ का एक सामान्‍य लड्डू खाना काफी लाभकारी हो सकता है.

तिल और गुड़ के पोषक तत्व तथा फायदे
नई दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि तिल में आयरन, प्रोटीन, विटामिन (विटामिन बी 1, थायमिन, नियासिन, फोलिक एसिड, पाइरिडोक्सिन और राइबोफ्लेविन), ओमेगा 3, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, कॉपर , जिंक, मैग्नीशियम, मोलिब्डेनम, , सेलेनियम, आहार फाइबर तथा एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. जो हड्डियों व दिल के स्वास्थ्य को बेहतर रखने तथा उन्हे कई रोगों से बचाने, श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर रखने , हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने, पाचन क्रिया को सही रखने , शरीर में आयरन की कमी को दूर करने, बालों व त्वचा को स्वस्थ व सुंदर बनाए रखने तथा मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकते हैं.

इसके अलावा तिल में सेसमीन नामक एक विशेष एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है. लेकिन यहां यह ध्यान भी रखना जरूरी है कि तिल का सेवन सही कॉम्बिनेशन में तथा नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए .

वही गुड़ के पोषण और फ़ायदों की बात करें तो गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. वहीं इसकी गर्म तासीर सर्दियों में सेहत को बहुत से फायदे पहुंचाती हैं. इसलिए इसे सर्दियों का सुपर फूड भी कहा जाता है.

वह बताती हैं कि सर्दियों में तिल तथा गुड़ से बने आहार एक दूसरे से गुणों को और बढ़ा देते हैं, जिससे सेहत को कई तरह से फायदे मिलते हैं. लेकिन इनके सिर्फ फायदे ही मिले इसलिए बहुत जरूरी है कि इनका सेवन नियंत्रित मात्रा में किया जाए.

वहीं कुछ परिस्थितियों में इनका सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. वह बताती हैं कि मधुमेह पीड़ितों को गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गुड़ का ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स काफी ज्‍यादा होता है जो मधुमेह पीड़ितों को नुकसान पहुंचा सकता है.

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हैदराबाद : मकर संक्रांति के त्योहार को देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. इस त्यौहार की खास बात यह है कि भले ही इसे कही पर तिल संक्रांति, कहीं पोंगल, कही उत्तरायण और कहीं खिचड़ी सहित कई नामों से मनाया जाता है लेकिन लगभग सभी स्थानों पर इस दिन किसी न किसी रूप में तिल, गुड़ और चावल से बने पकवान व मिठाइयों का सेवन किया जाता है. वैसे तो इस त्यौहार पर तिल, गुड़ तथा चावल (खिचड़ी के रूप में ) का उपयोग धार्मिक परंपरा का हिस्सा माना जाता है लेकिन जानकारों की माने तो यह परंपरा सेहत के लिए भी काफी लाभकारी रहती है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों व आहार विशेषज्ञों की माने तो सर्दियों के मौसम में इनका सेवन ना सिर्फ सेहत को दुरुस्त रखने में मदद कर सकता है बल्कि कई संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है.

क्या कहता है आयुर्वेद
आरोग्यम आयुर्वेदिक केंद्र पुरानी दिल्ली के चिकित्सक डॉ रमेश आर्य बताते हैं कि तिल तथा गुड़ दोनों की तासीर गर्म होती है तथा दोनों में ही कई प्रकार के पोषक तत्व तथा औषधीय गुण मिलते हैं. जो ना सिर्फ सर्दियों में शरीर को प्राकृतिक रूप में गर्म रखते हैं बल्कि शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद भी करते हैं.

वह बताते हैं कि तिल और गुड़ के एक साथ सेवन से इनके लाभ और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इनका सेवन ना सिर्फ सेहत और सौन्दर्य को बढ़ाता है, साथ ही शरीर के मेटाबोलिज़्म को भी बेहतर करता है. जिससे ना सिर्फ सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे मौसमी संक्रमणों के प्रभाव में आने की आशंका कम होती है बल्कि कई अन्य कम या ज्यादा गंभीर समस्याओं व रोगों के होने की आशंका भी कम होती है. वह बताते हैं सर्दी के मौसम में रोजाना तिल और गुड़ का एक सामान्‍य लड्डू खाना काफी लाभकारी हो सकता है.

तिल और गुड़ के पोषक तत्व तथा फायदे
नई दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि तिल में आयरन, प्रोटीन, विटामिन (विटामिन बी 1, थायमिन, नियासिन, फोलिक एसिड, पाइरिडोक्सिन और राइबोफ्लेविन), ओमेगा 3, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, कॉपर , जिंक, मैग्नीशियम, मोलिब्डेनम, , सेलेनियम, आहार फाइबर तथा एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. जो हड्डियों व दिल के स्वास्थ्य को बेहतर रखने तथा उन्हे कई रोगों से बचाने, श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर रखने , हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने, पाचन क्रिया को सही रखने , शरीर में आयरन की कमी को दूर करने, बालों व त्वचा को स्वस्थ व सुंदर बनाए रखने तथा मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकते हैं.

इसके अलावा तिल में सेसमीन नामक एक विशेष एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है. लेकिन यहां यह ध्यान भी रखना जरूरी है कि तिल का सेवन सही कॉम्बिनेशन में तथा नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए .

वही गुड़ के पोषण और फ़ायदों की बात करें तो गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. वहीं इसकी गर्म तासीर सर्दियों में सेहत को बहुत से फायदे पहुंचाती हैं. इसलिए इसे सर्दियों का सुपर फूड भी कहा जाता है.

वह बताती हैं कि सर्दियों में तिल तथा गुड़ से बने आहार एक दूसरे से गुणों को और बढ़ा देते हैं, जिससे सेहत को कई तरह से फायदे मिलते हैं. लेकिन इनके सिर्फ फायदे ही मिले इसलिए बहुत जरूरी है कि इनका सेवन नियंत्रित मात्रा में किया जाए.

वहीं कुछ परिस्थितियों में इनका सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. वह बताती हैं कि मधुमेह पीड़ितों को गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गुड़ का ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स काफी ज्‍यादा होता है जो मधुमेह पीड़ितों को नुकसान पहुंचा सकता है.

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