यमुनानगरः मकान के बाहर जगह को लेकर जठनाला थाना इलाके के एक गांव की रहने वाले महिला के घर पर करीब 9 महीने पहले हमला, उसके कपड़े फाड़ने, दुष्कर्म की कोशिश और बीच बचाव के दौरान उसके पति को पीटने के मामले की जांच के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग की टीम गुरुवार को यमुनानगर के महिला थाने में पहुंची. राज्य महिला आयोग की टीम ने शिकायतकर्ता और पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली.
18 मार्च 2019 को हुई थी वारदात
जठलाना थाना इलाके के एक गांव की रहने वाली महिला पक्ष और जयपाल पक्ष के बीच मकान के बाहर जगह को लेकर पुराना विवाद चल रहा था. इसी सिलसिले में महिला की शिकायत पर 18 मार्च 2019 को यमुनानगर के महिला थाने में केस दर्ज हुआ था. महिला ने बताया था कि वह घर पर थी. इस दौरान गांव के ही जयपाल, शिवकुमार, सुरेंद्र, जसविंद्र, रजत, करण, सागर समेत 30-35 लोगों ने उनके घर पर हमला कर दिया. उसे कमरे से खींचकर कपड़े फाड़ दिए, दुष्कर्म की कोशिश की गई और बीच बचाव में आए उनके पति को भी पीटा गया. मामले में पुलिस ने 7 नामजदों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस पर मामले में ठीक ढंग से कार्रवाई ना करने का आरोप
जिस समय महिला को पीटा गया. उसकी वीडियो बनाई गई थी. महिला ने यह वीडियो महिला आयोग को भेजी. पीड़िता का कहना है कि हमले में वह और उसके पति बुरी तरह से जख्मी हुए थे. लेकिन पुलिस ने यह लिख दिया कि उनके पति के साथ कोई मारपीट नहीं हुई. लगातार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद सात लोगों का चालान हुआ. केस को पुलिस ने इतना कमजोर कर दिया कि दूसरे लोगों को तुरंत ही जमानत मिल गई. जांच में उनके केस से दुष्कर्म की कोशिश करने की धारा भी हटा दी गई. वीडियो फुटेज में उन्होंने 15 ओर लोगों की पहचान की. उनके नाम पुलिस को दिए, लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की.
आरोपियों ने पीड़िता के घर की तरफ लगाया सीसीटीवी
बाद में आरोपियों ने उनके मकान की तरफ सीसीटीवी लगा दिए. इससे उनकी निजता का भी हनन हो रहा है. दरवाजा भी उनकी जगह में खोल दिया. अब लगातार उन्हें धमकी मिल रही है. जिस पर डीएसपी ने कहा कि यदि कैमरे का मोड इस तरह का है कि पीड़ितों के घर जा रहा है, तो उसे हटा दिया जाएगा. इस केस में जो भी अन्य लोग हैं. उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए. इस मौके पर जांच अधिकारी रामकुमार को भी बुलाया गया था.
एक हफ्ते में कार्रवाई करने और रिपोर्ट देने का आदेश
हरियाणा राज्य महिला आयोग नम्रता गौड़ ने कहा कि इस मामले में पहले तो लग रहा था कि कोई कारवाई नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों से बातचीत कर पता लगा कि इस मामले 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. वही काफी लंबा समय हो गया है कई जांच अधिकारी भी बदले है ऐसे में जिसके साथ ये सब हुआ हो उसे ठेस तो लगती है. वीडियो में सभी के फोटो आ रहे हैं. इसके बावजूद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. महिला आयोग ने मामले में एक सप्ताह के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
इस दौरान नम्रता गौड़ ने बताया कि वो इसी शिकायत के लिए आई है, लेकिन अभी डीएवी कन्या विद्यालय, रैन बसेरों और जेल, महिला थाने का भी दौरा करेंगी. इस प्रकार की कोई भी शिकायत आती है तो हमेशा ही महिला आयोग तुरन्त कारवाई करता है और कही भी जब अपराध को लेकर कोई बैठक होती है, तब भी यही कहा जाता है कि महिलाओं के प्रति अपराध में न ही कोई कोताही बरती जाए और न ही देरी हो.
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