यमुनानगर: जिले में स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी से पीड़ित बच्चे के परिवार ने सरकार से इलाज में मदद की गुहार लगाई है. बता दें कि तेजली स्टेडियम के पास रहने वाला वंश मांसपेशियों को खराब कर देने वाली स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी की दवा सिर्फ अमेरिका में है.इस बीमारी के एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपए है.
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परिवार ने इस इंजेक्शन को मंगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई है. वंश के परिजनों ने मांग की है कि सरकार उनके बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अमेरिका से यह इंजेक्शन मंगवाए. वंश अपने हाथ से ना तो कुछ खा सकता है और ना ही कपड़े पहन सकता है.
वंश की मां ने बताया कि उसके बेटे की उम्र जब 9 साल थी तब इस बीमारी का पता चला था. इससे पहले तक बेटा स्कूल भी जाता था और ठीक से खेलता भी था.बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था. वंश की मां ने बताया कि छोटा बेटा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहा है.
यमुनानगर के सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि यह बीमारी बेहद खतरनाक है इसमें ठीक होने के चांस बहुत कम होते हैं. स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी हो तो शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता. इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं खत्म होने लगती हैं. दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है.
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डॉ. विजय दहिया ने बताया कि मस्तिष्क से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं. इसलिए इस बीमारी में सांस लेने और भोजन चबाने तक में दिक्कत होने लगती है.स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी कई तरह की होती है. लेकिन इसमें टाइप-1 सबसे गंभीर है.