यमुनानगर: जिले में खनन जोन और इंडस्ट्रियल एरिया होने की वजह से यहां सड़कों पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक रहता है. जिनमें सबसे ज्यादा हेवी लोड वाहन यानी ट्रक रहते हैं. फरवरी महीने में ईटीवी भारत ने स्पेशल खबर चलाई थी. जिसमें दिखाया गया था कि इनमें से करीब 50 फीसदी ट्रक ऐसे होते हैं, जिन पर पीछे वाली नंबर प्लेट (trucks without number plate) नहीं होती. अगर होती भी है तो उसे इस तरह से छुपाया होता है, ताकि किसी को दिखाई ना दे.
ऐसे में हिट एंड रन केस (Hit And Run Case) सुलधाने में पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि मौके पर इन ट्रकों का नंबर नोट नहीं हो पाता. तब इस बारे में रिजनल ट्रांसपोर्ट अथोरिटी के अधिकारी से बातचीत की गई थी और उन्होंने जल्द ही इस बारे में संज्ञान लेने की बात कही थी. लेकिन हाल ही में 27 जुलाई को ट्रैफिक पुलिस का कार्यभार संभालने वाले सुरेश कुमार ने ईटीवी की उस खबर पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरु कर दी है. ट्रैफिक एसएचओ अपनी टीम लेकर कैल बाइपास पर पहुंचे और पंचकूला सहारनपुर रोड से यमुनानगर की तरफ आने वाले रास्ते पर नाकाबंदी की.
इस दौरान उन्हीं ट्रकों को काबू किया गया, जिन पर पीछे की नंबर प्लेट मौजूद नहीं थी. एक ट्रक तो ऐसा भी था जिस पर दोनों ही नंबर प्लेट नहीं थी और उसके ड्राइवर के पास कागजात भी मौजूद नहीं थे, जिसे इम्पाउंड कर लिया गया. ट्रैफिक एसएचओ ने बताया कि उन्होंने 5 ट्रकों के चालान किए हैं. क्योंकि ईटीवी की खबर से उनके संज्ञान में ये मामला आया था. उन्होंने बताया कि नंबर प्लेट ना लगी होने का 500 रुपए का चालान है. आज जिनके चालान किए गए उन्होंने मौके पर ही उनका भुगतान कर दिया.
एसएचओ ने बताया कि हिट एंड रन केस में ट्रक वाले नंबर प्लेट ना लगी होने का फायदा उठाकर भाग जाते हैं. यदि नंबर प्लेट लगी हो तो हिट एंड रन केस सुलधाने में आसानी रहती है. उन्होंने बताया कि काफी ट्रक वाले तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की फीस देकर बनवाई भी है, लेकिन लगवाई नहीं. उन्होंने कहा कि ये चालान प्रक्रिया ऐसे ही जारी रहेगी. ट्रक ही नहीं बल्कि अन्य वाहनों पर भी वाहन मालिक नंबर प्लेट लगवाकर चलें अन्यथा कतई बक्शा नहीं जाएगा.
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आपको बता दें कि यमुनानगर से रोजाना हजारों ट्रकों की आवाजाही होती है. क्योंकि हरियाणा के इस जिले की सीमाएं तीन राज्यों से मिलती हैं. एक तरफ हिमाचल प्रदेश, एक तरफ उत्तर प्रदेश तो एक तरफ उत्तराखंड है. नेशनल हाइवे पर यहां रोजाना हादसे भी पेश आते रहते हैं. जिनमें ज्यादातर हादसे बड़े वाहनों यानी ट्रक से सामने आते हैं और बहुत से मामलों में हिट एंड रन के केस सामने आते हैं और पीछे वाली नंबर प्लेट ना लगी होने की वजह से ट्रक चालक इसका फायदा उठा जाते हैं.