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यमुनानगर: गर्भ में शिशु की मौत मामले में परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप - जगाधरी सिविल अस्पताल

गर्भस्थ शिशु की मौत (unborn child death in Yamunanagar) के मामले में परिजनों ने जगाधरी सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

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यमुनानगर में गर्भस्थ शिशु की मौत का मामला
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Published : Feb 6, 2023, 2:25 PM IST

परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप.

यमुनानगर: जगाधरी सिविल अस्पताल यमुनानगर के डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. गर्भ में शिशु की मौत होने पर उसके परिजनों ने रविवार को अस्पताल परिसर में हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि यमुनानगर के सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की एक ही मशीन है. वह भी रविवार को इस्तेमाल में नहीं आती है. क्योंकि उस दिन उसे संचालित करने वाले डॉक्टर अवकाश पर रहते हैं. इसकी जानकारी होने के बावजूद डॉक्टर ने गर्भवती महिला के परिजनों को समय पर सही जानकारी नहीं दी, जिसके चलते गर्भवती महिला की अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो सकी और गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

जानकारी के अनुसार यमुनानगर के जगाधरी सिविल अस्पताल में रविवार शाम को हंगामा हो गया. दरअसल, माधोबास गांव की 29 वर्षीय गर्भवती सुमन को शनिवार दोपहर में उसके पति ने सिविल अस्पताल जगाधरी में भर्ती कराया था. अस्पताल प्रशासन ने उन्हें भर्ती कर लिया लेकिन आरोप है कि उसके बाद प्रशासन ने सुमन की सुध नहीं ली. डॉक्टर ने रविवार दोपहर करीब ढाई बजे परिजनों को अल्ट्रासाउंड जांच करवाने के लिए कहा था.

पढ़ें: रेवाड़ी में सौतेली मां पर चाकू से हमला, पिता की दूसरी शादी से नाराज थी बेटी

अस्पताल प्रशासन ने अपने यहां अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं होने की जानकारी देते हुए परिजनों को बाहर से जांच कराने के लिए भेज दिया. इस संबंध में जगाधरी सिविल अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजीव ने बताया कि यमुनानगर के सरकारी अस्पताल में ही एक अल्ट्रासाउंड मशीन है, जिसे संचालित करने वाले डॉक्टर भी रविवार को मौजूद नहीं रहते हैं. जिसके कारण रविवार को यहां के सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो पाती है.

महिला के पति रजत कुमार ने बताया कि इस दौरान उन्हें अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवाई गई. जिसके कारण उन्हें दर्द में तड़पती अपनी पत्नी को बाइक पर लेकर जाना पड़ा. अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए उसे धक्के खाने पड़े. क्योंकि रविवार होने के कारण ज्यादातर निजी डायग्नोस्टिक सेंटर भी बंद थे. जब उन्होंने जांच कराई तो उन्हें पता चला कि गर्भ में पल रहे बच्चे की तो एक बजे ही मौत हो चुकी है.

पढ़ें: चंडीगढ़ सैलून संचालक पर दुष्कर्म का आरोप, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपी

गर्भवती सुमन के पति रजत कुमार ने आरोप लगाया कि डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से उनके बच्चे की मौत हुई है. वहीं जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की गई, तो डॉक्टर्स ने सफाई देते हुए कहा कि करीब 2 बजे बच्चे की धड़कन नहीं मिलने की वजह से परिजनों को अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए कहा गया था. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सामने आया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है. हालांकि गर्भवती महिला की हालत स्थिर है और उसका इलाज जारी है.

परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप.

यमुनानगर: जगाधरी सिविल अस्पताल यमुनानगर के डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. गर्भ में शिशु की मौत होने पर उसके परिजनों ने रविवार को अस्पताल परिसर में हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि यमुनानगर के सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की एक ही मशीन है. वह भी रविवार को इस्तेमाल में नहीं आती है. क्योंकि उस दिन उसे संचालित करने वाले डॉक्टर अवकाश पर रहते हैं. इसकी जानकारी होने के बावजूद डॉक्टर ने गर्भवती महिला के परिजनों को समय पर सही जानकारी नहीं दी, जिसके चलते गर्भवती महिला की अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो सकी और गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

जानकारी के अनुसार यमुनानगर के जगाधरी सिविल अस्पताल में रविवार शाम को हंगामा हो गया. दरअसल, माधोबास गांव की 29 वर्षीय गर्भवती सुमन को शनिवार दोपहर में उसके पति ने सिविल अस्पताल जगाधरी में भर्ती कराया था. अस्पताल प्रशासन ने उन्हें भर्ती कर लिया लेकिन आरोप है कि उसके बाद प्रशासन ने सुमन की सुध नहीं ली. डॉक्टर ने रविवार दोपहर करीब ढाई बजे परिजनों को अल्ट्रासाउंड जांच करवाने के लिए कहा था.

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अस्पताल प्रशासन ने अपने यहां अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं होने की जानकारी देते हुए परिजनों को बाहर से जांच कराने के लिए भेज दिया. इस संबंध में जगाधरी सिविल अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजीव ने बताया कि यमुनानगर के सरकारी अस्पताल में ही एक अल्ट्रासाउंड मशीन है, जिसे संचालित करने वाले डॉक्टर भी रविवार को मौजूद नहीं रहते हैं. जिसके कारण रविवार को यहां के सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो पाती है.

महिला के पति रजत कुमार ने बताया कि इस दौरान उन्हें अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवाई गई. जिसके कारण उन्हें दर्द में तड़पती अपनी पत्नी को बाइक पर लेकर जाना पड़ा. अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए उसे धक्के खाने पड़े. क्योंकि रविवार होने के कारण ज्यादातर निजी डायग्नोस्टिक सेंटर भी बंद थे. जब उन्होंने जांच कराई तो उन्हें पता चला कि गर्भ में पल रहे बच्चे की तो एक बजे ही मौत हो चुकी है.

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गर्भवती सुमन के पति रजत कुमार ने आरोप लगाया कि डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से उनके बच्चे की मौत हुई है. वहीं जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की गई, तो डॉक्टर्स ने सफाई देते हुए कहा कि करीब 2 बजे बच्चे की धड़कन नहीं मिलने की वजह से परिजनों को अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए कहा गया था. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सामने आया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है. हालांकि गर्भवती महिला की हालत स्थिर है और उसका इलाज जारी है.

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