यमुनानगर: पराली जलाने वालों पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सख्ती बरती जा रही है जिसके तहत यमुनानगर जिले में 280 किसानों पर 6 लाख रुपये जुर्माना किया गया है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने वाले किसानों से जुर्माना वसूला जाएगा और अगर किसी किसान ने जुर्माना नहीं भरा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
प्रशाासन ने सेटेलाइट प्रणाली के जरिए जीपीएस सिस्टम से निगरानी कर रहा है और उन जगहों की पहचान की जा रही है जहां किसान फसल अवशेषों को आग के हवाले कर देते हैं. इसके रोकथाम के लिए इस बार सरपंचों को भी विशेष रूप से हिदायत दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुणा बढ़ जाता है इसलिए विभाग का ये प्रयास है कि किसान धान के अवशेषों के बीच ही गेहूं की बिजाई की जाए.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र यादव का कहना है कि फसल अवशेषों के साथ 10 से 15 किलोग्राम यूरिया खाद डालने से अच्छी जैविक खाद मिलती है. भूमि की उर्वरा शक्ति और जैविक कार्बन में बढ़ोतरी होती है और साथ ही इससे समय की बचत होती है. उन्होंने बताया की उपयुक्त समय पर बिजाई संभव होती है फसल अवशेष पोटाश और अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं, इससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है.
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डॉ. सुरेंद्र यादव ने बताया की फसल के अवशेषों की वजह से पानी की बचत भी होगी और फसल अवशेष अत्याधिक गर्मी और ठंड में भूमि के तापमान नियंत्रण में सहायक होते हैं. वहीं बदलते मौसम के प्रभाव का प्रकोप भी कम होता है.
बता दें कि इस बार विभाग इस दिशा में विशेष रूप से मुस्तैद रहा है. वहीं बात करें साल 2017 में विभाग ने 27 हजार 500 रुपये जुर्माना वसूला था तो 2018 में 2 लाख 82 हजार और 2019 में 2 लाख 90 हजार रूपये जुर्माना वसूला गया था और इस साल विभाग ने पूरी सख्ती दिखाते हुए 6 लाख रुपय जुर्माना वसूल किया है.