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लॉकडाउन के कारण यमुना हुई 60% स्वच्छ, कम हो रहा प्रदूषण का स्तर - कोरोना वायरस हरियाणा

कोरोना वायरस से देशभर में लॉकडाउन जारी है. जिसकी वजह से कई फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं, गाड़ियों की आवाजाही में भी रोक लगी हुई है. इसका सीधा फायदा पर्यावरण को हो रहा है. हरियाणा में भी वातावरण की हवा शुद्ध हुई है. वहीं, यमुना नगर से बहने वाली यमुना नदी भी काफी स्वच्छ हो चुकी है.

Yamuna becomes 60% clean
लॉकडाउन के कारण यमुना हुई 60% स्वच्छ, कम हो रहा प्रदूषण का स्तर
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Published : Apr 7, 2020, 6:48 PM IST

Updated : Apr 7, 2020, 9:08 PM IST

यमुनानगर: कोरोना वायरस से दुनिया भर के लोग बीमार हैं. हजारों लोग मारे गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से कई देशों में किए गए लॉकडाउन या शटडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर कम होता नजर आ रहा है. हरियाणा में भी वातावरण की हवा शुद्ध हुई है. वहीं,, यमुना नगर से बहने वाली यमुना नदी भी काफी स्वच्छ हो चुकी है.

लॉकडाउन के कारण यमुना हुई 60% स्वच्छ, कम हो रहा प्रदूषण का स्तर

बता दें कि, कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण यमुनानगर जिले की सभी फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. यमुनानगर में देश की सबसे बड़ी प्लाइवुड इंडस्ट्री है, जिसका धुआं वातावरण को दूषित करता है. तमाम फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी यमुना में छोड़ दिया जाता है. जिससे यमुना दूषित होती रही है.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे 5 नए कोरोना टेस्टिंग सेंटर- अनिल विज

हालांकि जिला प्रशासन समय-समय पर एक्शन लेता रहा है और फैक्टरी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती रही है, लेकिन इसके बावजूद भी यमुना का पानी स्वच्छ नहीं हो पाया. वहीं, लॉकडाउन के कारण यमुना का पानी लगभग 60% साफ दिखाई देने लगा है.

जिस प्रकार से यमुना नदी में अब पानी साफ दिखाई देने लगा है, उसको वैसा ही साफ रखने के लिए जल मंत्रालय और जिला प्रशासन को आगे भी कई ऐसे ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

यमुनानगर: कोरोना वायरस से दुनिया भर के लोग बीमार हैं. हजारों लोग मारे गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से कई देशों में किए गए लॉकडाउन या शटडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर कम होता नजर आ रहा है. हरियाणा में भी वातावरण की हवा शुद्ध हुई है. वहीं,, यमुना नगर से बहने वाली यमुना नदी भी काफी स्वच्छ हो चुकी है.

लॉकडाउन के कारण यमुना हुई 60% स्वच्छ, कम हो रहा प्रदूषण का स्तर

बता दें कि, कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण यमुनानगर जिले की सभी फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. यमुनानगर में देश की सबसे बड़ी प्लाइवुड इंडस्ट्री है, जिसका धुआं वातावरण को दूषित करता है. तमाम फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी यमुना में छोड़ दिया जाता है. जिससे यमुना दूषित होती रही है.

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हालांकि जिला प्रशासन समय-समय पर एक्शन लेता रहा है और फैक्टरी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती रही है, लेकिन इसके बावजूद भी यमुना का पानी स्वच्छ नहीं हो पाया. वहीं, लॉकडाउन के कारण यमुना का पानी लगभग 60% साफ दिखाई देने लगा है.

जिस प्रकार से यमुना नदी में अब पानी साफ दिखाई देने लगा है, उसको वैसा ही साफ रखने के लिए जल मंत्रालय और जिला प्रशासन को आगे भी कई ऐसे ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

Last Updated : Apr 7, 2020, 9:08 PM IST
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