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विलुप्त होते जानवरों को देखना चाहते हैं तो घूम आएं कलेसर नेशल पार्क, ट्रैकिंग से लेकर सफारी तक का ले सकते हैं मजा

यमुनानगर का कलेसर नेशनल पार्क (Promote to tourism in Yamunanagar) इस बार जीव जंतुओं से गुलजार है. बड़ी संख्या में हाथी चहलकदमी करते हुए दिखाई देते हैं. तेंदुओं की संख्या में भी दोगुना तक वृद्धि होने की उम्मीद है. साल 2017 की सर्वे रिपोर्ट के बाद सबसे ज्यादा तेंदुए हिरण और जंगली बिलाव की संख्या में इजाफा हुआ है. यमुनानगर में पर्यटन को बढ़ावा

tourism in Yamunanagar
पर्यटन कालेसर नेशनल पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाते विलुप्त प्रजातियों के जीव जंतु
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Published : Jul 17, 2022, 1:29 PM IST

यमुनानगर: अगर आप भी वन्य जीवों से बेहद प्यार करते हैं और उन्हें नजदीक से जानना और समझना चाहते हैं तो आपको हरियाणा के यमुनानगर में मौजूद कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park Yamunanagar) की सैर जरूर करना चाहिए. शिवालिक पर्वतमाला की पहाड़ियों में स्थित ये नेशनल पार्क एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है. 11 हजार 570 एकड़ में फैले इस नेशनल पार्क में विलुप्त प्रजाति वाले जानवर भी मौजूद हैं. इसके अलावा यहां तरह-तरह के पेड़ पौधे भी मौजूद हैं.

खैर के जंगलों से भरा हुआ है कलेसर नेशनल पार्क- पूरा पार्क जैव विविधता गुफाओं के साथ वन, खैर के जंगलों और हरी-भरी घास से भरा हुआ है जो पौधों से लेकर जानवरों तक की प्रजातियों के लिए एकदम अनुकूल है. कलेसर नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं. घने जंगलों में शाकाहारी सांभर आसानी से देखने को मिल जाएंगे. चीतल और बार्किंग डीयर भी देखे जा सकते हैं. गोरल, हिरण, नीलगाय और नीलबैल यमुना मैदान के खुली जगहों में पाए जाते है.

पर्यटन कालेसर नेशनल पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाते विलुप्त प्रजातियों के जीव जंतु

20 साल पहले घोषित हुआ था राष्ट्रीय उद्यान- कलेसर नेशनल पार्क को 8 दिसंबर 2003 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था. नेशनल पार्क के नजदीक ही कालेसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी है. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित नेशनल पार्क 11,570 एकड़ में फैला हुआ है. इसे 13 दिसंबर 1996 को अधिसूचित किया गया था. वन विभाग की ओर से दो सफारी गाड़ियों की व्यवस्था भी की गई है, जो 16 किलोमीटर की यात्रा पूरी कराती है.

शिव मंदिर के नाम पर हुआ है इस पार्क का नामकरण- नेशनल पार्क का नामकरण यहां बने कालेश्वर शिव मंदिर के नाम पर हुआ है. यह पार्क उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल प्रदेश के सिपलवाड़ा नेशनल पार्क की सीमाओं से सटा है. खूबसूरत वादियों में बने इस टूरिस्ट स्पॉट की कल्पना आप इससे भी कर सकते हैं कि एक तरफ यमुना नदी बह रही है, तो दूसरी ओर जीवजंतु, जानवर यमुना नदी के किनारे विचरण करते दिखाई देते हैं, ऐसे में यह नजारा बेहद ही मनमोहक हो जाता है.

कब कर सकते हैं सैर-कलेसर नेशनल पार्क घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का महीना सबसे सुगम माना जाता है. इस महीने में सभी पशु-पक्षियों को देखना आसान होता है. नेशनल पार्क 8 नवंबर 2015 से आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. यहां पार्किंग, रेस्ट हाउस जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. वन विभाग की ओर से दो सफारी गाड़ियों की व्यवस्था भी की गई है जो 16 किलोमीटर की यात्रा पूरी कराती है.

क्या है खास- कलेसर नेशनल पार्क में फिशिंग से लेकर ट्रैकिंग, साइट सीइंग, स्विमिंग, बर्ड वॉचिंग और सफारी तक का मजा ले सकते हैं सूरजभान ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से कलेसर एक अच्छी जगह है

टूरिस्ट कर सकेंगे वोटिंग और राफ्टिंग- हरियाणा के वन और पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कलेसर फारेस्ट पार्क को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सरकार और प्रयास कर रही है. यहां पेड़ पौधे लगाने का तो काम किया ही जा रहा है साथ ही साथ आने वाले समय में इसके आसपास का क्षेत्र जैसे हथिनी कुंड में वोटिंग और राफ्टिंग करने का भी प्लान तैयार किया जा रहा है.

यमुनानगर: अगर आप भी वन्य जीवों से बेहद प्यार करते हैं और उन्हें नजदीक से जानना और समझना चाहते हैं तो आपको हरियाणा के यमुनानगर में मौजूद कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park Yamunanagar) की सैर जरूर करना चाहिए. शिवालिक पर्वतमाला की पहाड़ियों में स्थित ये नेशनल पार्क एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है. 11 हजार 570 एकड़ में फैले इस नेशनल पार्क में विलुप्त प्रजाति वाले जानवर भी मौजूद हैं. इसके अलावा यहां तरह-तरह के पेड़ पौधे भी मौजूद हैं.

खैर के जंगलों से भरा हुआ है कलेसर नेशनल पार्क- पूरा पार्क जैव विविधता गुफाओं के साथ वन, खैर के जंगलों और हरी-भरी घास से भरा हुआ है जो पौधों से लेकर जानवरों तक की प्रजातियों के लिए एकदम अनुकूल है. कलेसर नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं. घने जंगलों में शाकाहारी सांभर आसानी से देखने को मिल जाएंगे. चीतल और बार्किंग डीयर भी देखे जा सकते हैं. गोरल, हिरण, नीलगाय और नीलबैल यमुना मैदान के खुली जगहों में पाए जाते है.

पर्यटन कालेसर नेशनल पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाते विलुप्त प्रजातियों के जीव जंतु

20 साल पहले घोषित हुआ था राष्ट्रीय उद्यान- कलेसर नेशनल पार्क को 8 दिसंबर 2003 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था. नेशनल पार्क के नजदीक ही कालेसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी है. शिवालिक पहाड़ियों में स्थित नेशनल पार्क 11,570 एकड़ में फैला हुआ है. इसे 13 दिसंबर 1996 को अधिसूचित किया गया था. वन विभाग की ओर से दो सफारी गाड़ियों की व्यवस्था भी की गई है, जो 16 किलोमीटर की यात्रा पूरी कराती है.

शिव मंदिर के नाम पर हुआ है इस पार्क का नामकरण- नेशनल पार्क का नामकरण यहां बने कालेश्वर शिव मंदिर के नाम पर हुआ है. यह पार्क उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल प्रदेश के सिपलवाड़ा नेशनल पार्क की सीमाओं से सटा है. खूबसूरत वादियों में बने इस टूरिस्ट स्पॉट की कल्पना आप इससे भी कर सकते हैं कि एक तरफ यमुना नदी बह रही है, तो दूसरी ओर जीवजंतु, जानवर यमुना नदी के किनारे विचरण करते दिखाई देते हैं, ऐसे में यह नजारा बेहद ही मनमोहक हो जाता है.

कब कर सकते हैं सैर-कलेसर नेशनल पार्क घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का महीना सबसे सुगम माना जाता है. इस महीने में सभी पशु-पक्षियों को देखना आसान होता है. नेशनल पार्क 8 नवंबर 2015 से आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. यहां पार्किंग, रेस्ट हाउस जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. वन विभाग की ओर से दो सफारी गाड़ियों की व्यवस्था भी की गई है जो 16 किलोमीटर की यात्रा पूरी कराती है.

क्या है खास- कलेसर नेशनल पार्क में फिशिंग से लेकर ट्रैकिंग, साइट सीइंग, स्विमिंग, बर्ड वॉचिंग और सफारी तक का मजा ले सकते हैं सूरजभान ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से कलेसर एक अच्छी जगह है

टूरिस्ट कर सकेंगे वोटिंग और राफ्टिंग- हरियाणा के वन और पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कलेसर फारेस्ट पार्क को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सरकार और प्रयास कर रही है. यहां पेड़ पौधे लगाने का तो काम किया ही जा रहा है साथ ही साथ आने वाले समय में इसके आसपास का क्षेत्र जैसे हथिनी कुंड में वोटिंग और राफ्टिंग करने का भी प्लान तैयार किया जा रहा है.

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