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बिजली चोरी पकड़ने आई टीम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक - मंधार गांव यमुनानगर

यमुनानगर में ग्रामीणों ने शुक्रवार को बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को बंधक (Villagers held electricity workers hostage) बना लिया. बिजली विभाग की विजिलेंस टीम बिजली की चोरी की शिकायत पर पंचकूला से यमुनानगर आई थी.

Villagers held electricity workers hostage
Villagers held electricity workers hostage
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Published : Oct 22, 2021, 3:41 PM IST

यमुनानगर: मंधार गांव में ग्रामीणों ने शुक्रवार को बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को बंधक (Villagers held electricity workers hostage) बना लिया. बिजली विभाग की विजिलेंस टीम बिजली की चोरी की शिकायत पर पंचकूला से यमुनानगर आई थी. विजिलेंस की टीम का आरोप है कि जब वो मंधार गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने शोर मचाकर घेर लिया और बंधक बना लिया. जिसकी सूचना मिलते ही डीएसपी समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन ग्रामीण किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे.

ग्रामीणों का कहना था कि उनको परेशान करने का काम किया जा रहा है. जो कतई भी बर्दाश्त नहीं होगा. आपको बता दें कि किसान यूनियनों ने पहले ही चेतावनी दे रखी थी कि यदि बिजली विभाग कोई भी कर्मचारी गांवों में किसी भी तरह की कार्रवाई करने पहुंचते हैं तो उन्हें बंधक बना लिया जाएगा. ऐसे ही कई वाकये सामने भी आए, लेकिन शुक्रवार की सुबह जब पंचकूला से विजिलेंस टीम जिले में छापेमारी करती हुई मंधार गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी के आगे बाइक लगाकर रोक लिया.

बिजली चोरी पकड़ने आई टीम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, एक दूसरे पर लगाए आरोप-प्रत्यारोप

जिसके बाद ग्रामीणों ने बिजली कर्मियों को बंधक बना लिया. बंधक बनाए गए एसडीओ ने बताया कि उन्हें शिकायत मिल रही थी कि गांवों में बिजली चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं जिसके चलते वे कार्रवाई करने के लिए यहां पहुंचे थे और उन्होंने छापा मारकर यहां पर जुर्माना भी लगाया लेकिन देखते ही देखते यहां ग्रामीणों के अलावा किसान यूनियन के नेता भी पहुंचने लगे और उन्हे बंधक बनाकर रखा गया है.

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: डीएपी खाद नहीं मिलने पर किसानों ने काटा बवाल, मंडी गेट पर लगाया ताला

ग्रामीणों का कहना था कि गांव में बिजली चोरी की कोई भी घटना नहीं है. विभाग लोगों को बेवजह परेशान करने का काम कर रहा है. गांव के लोग हर महीने बिल भर रहे हैं. और गांव में सरकार द्वारा बिजली के मीटर भी बाहर लगवाए गए हैं जिनमें बिजली चोरी का सवाल तक नहीं उठता. वहीं उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए भी ग्रामीणों को परेशान करने का काम किया जा रहा है. वहीं उन्होने चेतावनी दी कि मंधार ही नहीं बल्कि बिजली विभाग यदि दूसरे गांवों में भी ऐसी कार्रवाई करेगा तो वहां भी यही हाल करेंगे. पुलिस और ग्रामीणों के बीच इस मुद्दे पर काफी देर तक बातचीत हुई. जिसके बाद ग्राणीणों ने बिजली कर्मचारी को छोड़ दिया.

यमुनानगर: मंधार गांव में ग्रामीणों ने शुक्रवार को बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को बंधक (Villagers held electricity workers hostage) बना लिया. बिजली विभाग की विजिलेंस टीम बिजली की चोरी की शिकायत पर पंचकूला से यमुनानगर आई थी. विजिलेंस की टीम का आरोप है कि जब वो मंधार गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने शोर मचाकर घेर लिया और बंधक बना लिया. जिसकी सूचना मिलते ही डीएसपी समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन ग्रामीण किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे.

ग्रामीणों का कहना था कि उनको परेशान करने का काम किया जा रहा है. जो कतई भी बर्दाश्त नहीं होगा. आपको बता दें कि किसान यूनियनों ने पहले ही चेतावनी दे रखी थी कि यदि बिजली विभाग कोई भी कर्मचारी गांवों में किसी भी तरह की कार्रवाई करने पहुंचते हैं तो उन्हें बंधक बना लिया जाएगा. ऐसे ही कई वाकये सामने भी आए, लेकिन शुक्रवार की सुबह जब पंचकूला से विजिलेंस टीम जिले में छापेमारी करती हुई मंधार गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी के आगे बाइक लगाकर रोक लिया.

बिजली चोरी पकड़ने आई टीम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, एक दूसरे पर लगाए आरोप-प्रत्यारोप

जिसके बाद ग्रामीणों ने बिजली कर्मियों को बंधक बना लिया. बंधक बनाए गए एसडीओ ने बताया कि उन्हें शिकायत मिल रही थी कि गांवों में बिजली चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं जिसके चलते वे कार्रवाई करने के लिए यहां पहुंचे थे और उन्होंने छापा मारकर यहां पर जुर्माना भी लगाया लेकिन देखते ही देखते यहां ग्रामीणों के अलावा किसान यूनियन के नेता भी पहुंचने लगे और उन्हे बंधक बनाकर रखा गया है.

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ग्रामीणों का कहना था कि गांव में बिजली चोरी की कोई भी घटना नहीं है. विभाग लोगों को बेवजह परेशान करने का काम कर रहा है. गांव के लोग हर महीने बिल भर रहे हैं. और गांव में सरकार द्वारा बिजली के मीटर भी बाहर लगवाए गए हैं जिनमें बिजली चोरी का सवाल तक नहीं उठता. वहीं उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए भी ग्रामीणों को परेशान करने का काम किया जा रहा है. वहीं उन्होने चेतावनी दी कि मंधार ही नहीं बल्कि बिजली विभाग यदि दूसरे गांवों में भी ऐसी कार्रवाई करेगा तो वहां भी यही हाल करेंगे. पुलिस और ग्रामीणों के बीच इस मुद्दे पर काफी देर तक बातचीत हुई. जिसके बाद ग्राणीणों ने बिजली कर्मचारी को छोड़ दिया.

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