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हिन्दी भाषा को बचाने वाले 103 वर्षीय वैद्य राम लाल को हरियाणा सरकार 10 हजार रुपये दे रही पेंशन - Vaidya Ram Lal Member Hindi raksha Movement

हिन्दी रक्षा आंदोलन के सदस्य वैद्य राम लाल 103 साल के हो चुके हैं. वो अब भी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से लोगों की सेवा कर रहे हैं.

Vaidya Ram Lal Yamunanagar
Vaidya Ram Lal Yamunanagar
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Published : Apr 5, 2021, 10:23 AM IST

Updated : Apr 5, 2021, 12:01 PM IST

यमुनानगर: प्रेम नगर निवासी वैद्य राम लाल 103 साल की आयु का लम्बा सफर तय करने के बावजूद पूर्णत: स्वस्थ्य हैं. जीवन के इस लम्बे सफर में वो 90 वर्ष से अधिक समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्घति से लोगों की सेवा कर रहे हैं. 1957 में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए चलाए गए हिन्दी रक्षा आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है.

हिन्दी भाषा के लिए उनके इस योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जा रही है.

103 साल की उम्र में भी लोगों की सेवा कर रहे वैद्य राम लाल

जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए इस आंदोलन में सहयोग करने पर इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल 1957 में आरम्भ हुआ हिन्दी आंदोलन 27 दिसम्बर 1957 तक जारी रहा था. इस आंदोलन में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए हरियाणा के अनेकों जागरूक नागरिकों ने अपना सहयोग दिया.

आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार उनके स्वयं के घर पर और सरकारी विश्राम गृह में नजरबंद भी रखा गया. उन्होंने पेंशन के रूप में हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे सम्मान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके आंदोलन के सहयोग को उचित सम्मान दिया है.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में बैडमिंटन प्रतियोगिता के समापन अवसर पर पहुंचे खेल मंत्री, पुराने दिनों को किया याद

यमुनानगर के जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरदीप सिंह ने बताया कि वैद्य राम लाल इतनी आयु में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं. उन्हें हिन्दी भाषा के लिए उनके योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है.

हिन्दी भाषा को बचाने वाले 103 वर्षीय वैद्य राम लाल को हरियाणा सरकार 10 हजार रुपये दे रही पेंशन

यमुनानगर: प्रेम नगर निवासी वैद्य राम लाल 103 साल की आयु का लम्बा सफर तय करने के बावजूद पूर्णत: स्वस्थ्य हैं. जीवन के इस लम्बे सफर में वो 90 वर्ष से अधिक समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्घति से लोगों की सेवा कर रहे हैं. 1957 में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए चलाए गए हिन्दी रक्षा आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है.

हिन्दी भाषा के लिए उनके इस योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जा रही है.

103 साल की उम्र में भी लोगों की सेवा कर रहे वैद्य राम लाल

जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए इस आंदोलन में सहयोग करने पर इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल 1957 में आरम्भ हुआ हिन्दी आंदोलन 27 दिसम्बर 1957 तक जारी रहा था. इस आंदोलन में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए हरियाणा के अनेकों जागरूक नागरिकों ने अपना सहयोग दिया.

आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार उनके स्वयं के घर पर और सरकारी विश्राम गृह में नजरबंद भी रखा गया. उन्होंने पेंशन के रूप में हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे सम्मान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके आंदोलन के सहयोग को उचित सम्मान दिया है.

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यमुनानगर के जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरदीप सिंह ने बताया कि वैद्य राम लाल इतनी आयु में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं. उन्हें हिन्दी भाषा के लिए उनके योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है.

Last Updated : Apr 5, 2021, 12:01 PM IST
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