यमुनानगर: हाईटेंशन तारों की वजह से हुए इस धमाके से किसी के घरेलू उपकरण जले तो किसी की दीवारों में दरारें आ गई. इस हादसे में दो बच्चियां बुरी तरह से झुलस गई. जिनमें एक की हालत नाजुक देखते हुए उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया है.
10 और 11 वर्षीय बच्ची नीतू और कशिश अपने परिवार के साथ महज 4 दिन पहले ही जम्मू कॉलोनी में शिफ्ट हुए हैं. इस घर के ऊपर से सीख 6000 केवी की हाईटेंशन तारें गुजरती हैं और शुक्रवार को जैसे ही नीतू और कशिश स्कूल से अपने घर लौटी तो उन्होंने देखा के मम्मी घर पर नहीं है. कशिश और नीतू अपनी दो छोटी बहनों के साथ छत पर खेलने लग गई. मगर अचानक से एक जोरदार धमाका हुआ. धमाका इतना खतरनाक था कि 3 घरों के परखच्चे उड़ गए और आसपास के लगभग 20 घरों की दीवारों में दरारें आई.
गनीमत रही की बाकी 3 बच्चियों की जान बच गई और उनको हल्की चोटें आई हैं लेकिन एक बच्ची 90% तक झुलस गई. स्थानीय लोगों में रोष है कि उन्होंने एंबुलेंस, बिजली विभाग, दमकल विभाग को कई बार फोन किया मगर मौके पर वह बहुत लेट पहुंचे जिसके चलते पड़ोसियों ने खुद ही आग पर काबू पाया और अपनी निजी वाहनों से इस हादसे में घायल हुई बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचाया. बता दें कि कल कशिश का जन्मदिन भी है.
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लोगों का कहना है कि बार-बार बिजली विभाग को लिखित में शिकायत करने के बावजूद भी इन तारों को उनके घरों की छतों से नहीं हटाया गया है और इन तारों की वजह से पहले भी इस तरीके के भयंकर हादसे हो चुके हैं. पीड़ित के पड़ोसियों ने बताया कि पहले सभी को ऐसा लगा कि किसी के घर सिलेंडर फटा है मगर कुछ समय बाद ही स्थिति साफ हो पाई जिससे लोगों के घरों में रखे महंगे उपकरण भी जल चुके हैं.
लोगों ने फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को फोन किया मगर समय पर किसी के ना पहुंचने से लोगों ने खुद से आग पर काबू पाया और घायल बच्ची को अस्पताल पहुंचाया. इस हादसे के बाद बच्चियों की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बेसुध पड़ी हैं. छोटी बहन नीतू ने अपनी बहन कशिश को जलते हुए देखा और उसके जेहन में वह खौफनाक मंजर मानों घर कर चुका है लेकिन ऐसे खौफनाक हादसे होने के बाद भी विभाग से कोई सबक नहीं लेता है.
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