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हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से बुरी तरह झुलसी 2 बच्ची, एक की हालत गंभीर - high tension wires girls burnt yamunanagar

यमुनानगर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. रिहायशी इलाके के ऊपर से गुजर रही 66 हजार केवी की हाईटेंशन तारों की वजह से तीन घरों में जोरदार धमाका हुआ. इस दौरान दो बच्ची भी बुरी तरह से झुलस गई.

Two girls burnt yamunanagar
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Published : Jan 31, 2020, 7:09 PM IST

यमुनानगर: हाईटेंशन तारों की वजह से हुए इस धमाके से किसी के घरेलू उपकरण जले तो किसी की दीवारों में दरारें आ गई. इस हादसे में दो बच्चियां बुरी तरह से झुलस गई. जिनमें एक की हालत नाजुक देखते हुए उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया है.

10 और 11 वर्षीय बच्ची नीतू और कशिश अपने परिवार के साथ महज 4 दिन पहले ही जम्मू कॉलोनी में शिफ्ट हुए हैं. इस घर के ऊपर से सीख 6000 केवी की हाईटेंशन तारें गुजरती हैं और शुक्रवार को जैसे ही नीतू और कशिश स्कूल से अपने घर लौटी तो उन्होंने देखा के मम्मी घर पर नहीं है. कशिश और नीतू अपनी दो छोटी बहनों के साथ छत पर खेलने लग गई. मगर अचानक से एक जोरदार धमाका हुआ. धमाका इतना खतरनाक था कि 3 घरों के परखच्चे उड़ गए और आसपास के लगभग 20 घरों की दीवारों में दरारें आई.

हाईटेंशन तारों की वजह से 2 बच्ची बुरी तरह से झुलसी, एक की हालत गंभीर.

गनीमत रही की बाकी 3 बच्चियों की जान बच गई और उनको हल्की चोटें आई हैं लेकिन एक बच्ची 90% तक झुलस गई. स्थानीय लोगों में रोष है कि उन्होंने एंबुलेंस, बिजली विभाग, दमकल विभाग को कई बार फोन किया मगर मौके पर वह बहुत लेट पहुंचे जिसके चलते पड़ोसियों ने खुद ही आग पर काबू पाया और अपनी निजी वाहनों से इस हादसे में घायल हुई बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचाया. बता दें कि कल कशिश का जन्मदिन भी है.

ये भी पढ़िए: 1 फरवरी से शुरू हो रहा है मशहूर अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला, देखिए तैयारियां

लोगों का कहना है कि बार-बार बिजली विभाग को लिखित में शिकायत करने के बावजूद भी इन तारों को उनके घरों की छतों से नहीं हटाया गया है और इन तारों की वजह से पहले भी इस तरीके के भयंकर हादसे हो चुके हैं. पीड़ित के पड़ोसियों ने बताया कि पहले सभी को ऐसा लगा कि किसी के घर सिलेंडर फटा है मगर कुछ समय बाद ही स्थिति साफ हो पाई जिससे लोगों के घरों में रखे महंगे उपकरण भी जल चुके हैं.

लोगों ने फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को फोन किया मगर समय पर किसी के ना पहुंचने से लोगों ने खुद से आग पर काबू पाया और घायल बच्ची को अस्पताल पहुंचाया. इस हादसे के बाद बच्चियों की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बेसुध पड़ी हैं. छोटी बहन नीतू ने अपनी बहन कशिश को जलते हुए देखा और उसके जेहन में वह खौफनाक मंजर मानों घर कर चुका है लेकिन ऐसे खौफनाक हादसे होने के बाद भी विभाग से कोई सबक नहीं लेता है.

ये भी पढ़िए: लुटेरी दुल्हन 4 लाख रुपए लेकर फरार, भागते हुए CCTV में हुई कैद

यमुनानगर: हाईटेंशन तारों की वजह से हुए इस धमाके से किसी के घरेलू उपकरण जले तो किसी की दीवारों में दरारें आ गई. इस हादसे में दो बच्चियां बुरी तरह से झुलस गई. जिनमें एक की हालत नाजुक देखते हुए उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया है.

10 और 11 वर्षीय बच्ची नीतू और कशिश अपने परिवार के साथ महज 4 दिन पहले ही जम्मू कॉलोनी में शिफ्ट हुए हैं. इस घर के ऊपर से सीख 6000 केवी की हाईटेंशन तारें गुजरती हैं और शुक्रवार को जैसे ही नीतू और कशिश स्कूल से अपने घर लौटी तो उन्होंने देखा के मम्मी घर पर नहीं है. कशिश और नीतू अपनी दो छोटी बहनों के साथ छत पर खेलने लग गई. मगर अचानक से एक जोरदार धमाका हुआ. धमाका इतना खतरनाक था कि 3 घरों के परखच्चे उड़ गए और आसपास के लगभग 20 घरों की दीवारों में दरारें आई.

हाईटेंशन तारों की वजह से 2 बच्ची बुरी तरह से झुलसी, एक की हालत गंभीर.

गनीमत रही की बाकी 3 बच्चियों की जान बच गई और उनको हल्की चोटें आई हैं लेकिन एक बच्ची 90% तक झुलस गई. स्थानीय लोगों में रोष है कि उन्होंने एंबुलेंस, बिजली विभाग, दमकल विभाग को कई बार फोन किया मगर मौके पर वह बहुत लेट पहुंचे जिसके चलते पड़ोसियों ने खुद ही आग पर काबू पाया और अपनी निजी वाहनों से इस हादसे में घायल हुई बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचाया. बता दें कि कल कशिश का जन्मदिन भी है.

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लोगों का कहना है कि बार-बार बिजली विभाग को लिखित में शिकायत करने के बावजूद भी इन तारों को उनके घरों की छतों से नहीं हटाया गया है और इन तारों की वजह से पहले भी इस तरीके के भयंकर हादसे हो चुके हैं. पीड़ित के पड़ोसियों ने बताया कि पहले सभी को ऐसा लगा कि किसी के घर सिलेंडर फटा है मगर कुछ समय बाद ही स्थिति साफ हो पाई जिससे लोगों के घरों में रखे महंगे उपकरण भी जल चुके हैं.

लोगों ने फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को फोन किया मगर समय पर किसी के ना पहुंचने से लोगों ने खुद से आग पर काबू पाया और घायल बच्ची को अस्पताल पहुंचाया. इस हादसे के बाद बच्चियों की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बेसुध पड़ी हैं. छोटी बहन नीतू ने अपनी बहन कशिश को जलते हुए देखा और उसके जेहन में वह खौफनाक मंजर मानों घर कर चुका है लेकिन ऐसे खौफनाक हादसे होने के बाद भी विभाग से कोई सबक नहीं लेता है.

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Intro:एंकर यमुनानगर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है रिहायशी इलाके इलाके के ऊपर से गुजर रही 66 हजार केवी की हाईटेंशन तारों की वजह से तीन घरों में जोरदार धमाका हुआ किसी के घरेलू उपकरण जले तो किसी की दीवारों में आई दरारें इस हादसे में दो बच्चियां बुरी तरह से झुलस गई जिनमें एक की हालत नाजुक देखते हुए उसे पन चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया है।




Body:वीओ कहते हैं होनी इंसान को खुद खींच कर लाती है महज 4 दिन पहले जम्मू कॉलोनी में शिफ्ट हुए 10 और 11 वर्षीय बच्ची नीतू और कशिश ने परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस नए घर में वह किराए पर रहने जा रहे हैं उस घर में उनकी जिंदगी का गलत फैसला होगा दरअसल इस घर के ऊपर से सीख 6000 केवी की हाईटेंशन तारें गुजरती है और शुक्रवार को जैसे ही नीतू और कशिश स्कूल से अपने घर लौटी तो उन्होंने देखा के मम्मी घर पर नहीं है कशिश और नीतू अपनी दो छोटी बहनों के साथ छत पर खेलने लग गई मगर अचानक से एक जोरदार धमाका हुआ धमाका इतना खतरनाक था कि 3 घरों के परखच्चे उड़ गए और आसपास के लगभग 20 घरों की दीवारों में दरारें आई हैं। गनीमत रही के बाकी की 3 बच्चियों की जान बच गई और उनको हल्की चोटें आई हैं लेकिन एक बच्ची 90% तक झुलस गई स्थानीय लोगों में रोष है कि उन्होंने एंबुलेंस बिजली विभाग दमकल विभाग के को कई बार फोन किया मगर मौके पर वह बहुत लेट पहुंचे जिसके चलते पड़ोसियों ने खुद ही आग पर काबू पाया और अपनी निजी वाहनों से इस हादसे में घायल हुई बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। कल कशिश का जन्मदिन भी है।

वीओ लोगो का कहना है कि बार-बार बिजली विभाग को लिखित में शिकायत करने के बावजूद भी इन तारों को उनके घरों की छतों से नहीं हटाया गया है और इन तारों की वजह से पहले भी इस तरीके के भयंकर हादसे हो चुके हैं।

बाइट निर्मल चौहान पार्षद

वीओ पड़ोस में रहने वाली रेखा ने बताया कि पहले सभी को ऐसा लगा कि किसी के घर सिलेंडर फटा है मगर कुछ समय बाद ही स्थिति साफ हो पाई जिससे लोगों के घरों में रखे महंगे उपकरण भी जल चुके हैं। लोगों ने फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को फोन किया मगर समय पर किसी के ना पहुंचने से लोगों ने खुद से आग पर काबू पाया और घायल बच्ची को अस्पताल पहुंचाया।

बाइट। रेखा पड़ोसी


Conclusion:इस हादसे के बाद बच्चियों की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बेसुध पड़ी है। छोटी बहन नीतू ने अपनी बहन कशिश को जलते हुए देखा और उसके जेहन में वर्क ऑफ नाक मंजर मानो घर कर चुका है लेकिन ऐसे खौफनाक हादसे होने के बाद भी विभाग से कोई सबक नहीं लेता है।
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