यमुनानगर: बीते 1 मई को यमुनानगर के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 80 ठेका कर्मचारियों को ठेकेदार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 1 मई के बाद उनकी हाजिरी लगना बंद हो गई थी जिसके बाद इन लोगों ने प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा था.
कोई कार्रवाई ना होने पर ये लोग स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी संघ के बैनर तले सिविल अस्पताल यमुनानगर के ट्रामा सेंटर के बाहर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठ गए. वहीं इस धरने के 14वें दिन प्रदर्शनकारियों ने सीएमओ ऑफिस का भी घेराव किया था, लेकिन बात ना बनने पर आज 17वें दिन सर्व कर्मचारी संघ और सीआईटीयू से जुड़े सभी विभागों के कर्मचारियों ने इनका समर्थन किया.
कर्मचारियों ने कहा कि यमुनानगर प्रशासन की कथनी और करनी में हमेशा ही अंतर रहा है. कुछ दिन पहले ही इन लोगों की सीएमओ के साथ बातचीत हुई थी. जिस दौरान ये आश्वासन दिया गया था कि इन्हें वापस रख लिया जाएगा, लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ.
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उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुराने ठेकेदार ने स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से 35,000 रुपये ले लेकर लोगों को भर्ती किया था और अब की बार नए ठेकेदार ने 50,000 रुपये लेकर नए कर्मचारियों को भर्ती किया है.
यमुनानगर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिलों से इसी तरह स्वास्थ्य विभाग से नए ठेकेदारों ने कई कर्मचारियों को निकाल दिया है. फिलहाल यमुनानगर में इन कर्मचारियों का प्रदर्शन लगातार जारी है. अब देखना होगा कि आखिर इन लोगों की समस्या का हल हो पाएगा या नहीं.
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