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यमुनानगर के माइनिंग जोन में स्क्रीनिंग प्लांट मालिकों का हंगामा, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

यमुनानगर में अवैध माइनिंग के काम पर लगाम लगती नहीं दिख रही है. प्रशासनिक नाकों को लेकर माइनिंग जोन (Yamunanagar Mining Zone) में खूब हो हल्ला मच रहा है. आज भी जयधरी नाके पर ग्रामीणों ने खूब हंगामा किया. स्क्रीनिंग प्लांट मालिकों ने नाकों पर रॉयल्टी कर्मचारियों को बैठाए जाने पर विरोध (Screening plant owners protest in Yamunanagar) किया. उन्होंने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. पढ़ें पूरी खबर...

यमुनानगर में माइनिंग
यमुनानगर में माइनिंग
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Published : Oct 2, 2022, 3:58 PM IST

यमुनानगर: यमुनानगर में अवैध माइनिंग को रोकने के विभाग के सभी प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक नाकों को लेकर माइनिंग जोन (Yamunanagar Mining Zone) में खूब हो हल्ला मच रहा है. रविवार को भी जयधरी नाके पर ग्रामीणों ने खूब हंगामा किया. स्क्रीनिंग प्लांट मालिकों ने नाकों पर रॉयल्टी कर्मचारियों को बैठाए जाने का विरोध (Screening plant owners protest in Yamunanagar) किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि रॉयल्टी वाले ही अवैध माइनिंग करते हैं और यही लोग अवैध माइनिंग की चेकिंग के दौरान अपनी गाड़ियों को यहां से निकालते हैं.

यमुनागर माइनिंग जोन में अवैध माइनिंग को रोकने के लिए प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं, पहले उसका विरोध सिर्फ स्टोन क्रेशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक कर रहे थे. लेकिन अब आसपास के ग्रामीण भी इसके विरोध में उतर आए हैं. दरअसल बेलगढ़, बल्लेवाला, जयधरी समेत कई जगहों पर अवैध माइनिंग को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की तरफ से 5 नाके लगाए गए हैं. ताकि किसी भी तरह की अवैध माइनिंग को रोका जा सके. लेकिन प्रशासन के इस फैसले की घोर निंदा हो रही है.

ये नाके माइनिंग साइट्स से करीब पांच से 30 किलोमीटर दूर पर लगाए जा रहे हैं. स्टोन क्रेशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक खनन विभाग पर रॉयल्टी ठेकेदारों से मिलीभगत के सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि रॉयल्टी ठेकेदार अपने खास लोगों की गाड़ियां बिना चेक किए निकाल रहे हैं और खनन विभाग मौन बैठा है. वहीं रादौर से विधायक बिशनलाल सैनी ने प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इससे न सिर्फ रॉयल्टी ठेकेदारों की दादागिरी बढ़ रही है, बल्कि सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है.

बता दें कि यमुनानगर में अवैध माइनिंग का खेल (Illegal Mining in Yamunanagar) लंबे समय से चल रहा है, जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन भी नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में अवैध माइनिंग पर कैसे लगाम लगाई जाए, ये सवाल पहले की तरह ज्यों का त्यों खड़ा है.

ये भी पढ़ें: यमुनानगर में अवैध खनन, कैमरे से बचते नजर आए माइनिंग विभाग के अधिकारी

यमुनानगर: यमुनानगर में अवैध माइनिंग को रोकने के विभाग के सभी प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक नाकों को लेकर माइनिंग जोन (Yamunanagar Mining Zone) में खूब हो हल्ला मच रहा है. रविवार को भी जयधरी नाके पर ग्रामीणों ने खूब हंगामा किया. स्क्रीनिंग प्लांट मालिकों ने नाकों पर रॉयल्टी कर्मचारियों को बैठाए जाने का विरोध (Screening plant owners protest in Yamunanagar) किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि रॉयल्टी वाले ही अवैध माइनिंग करते हैं और यही लोग अवैध माइनिंग की चेकिंग के दौरान अपनी गाड़ियों को यहां से निकालते हैं.

यमुनागर माइनिंग जोन में अवैध माइनिंग को रोकने के लिए प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं, पहले उसका विरोध सिर्फ स्टोन क्रेशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक कर रहे थे. लेकिन अब आसपास के ग्रामीण भी इसके विरोध में उतर आए हैं. दरअसल बेलगढ़, बल्लेवाला, जयधरी समेत कई जगहों पर अवैध माइनिंग को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की तरफ से 5 नाके लगाए गए हैं. ताकि किसी भी तरह की अवैध माइनिंग को रोका जा सके. लेकिन प्रशासन के इस फैसले की घोर निंदा हो रही है.

ये नाके माइनिंग साइट्स से करीब पांच से 30 किलोमीटर दूर पर लगाए जा रहे हैं. स्टोन क्रेशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक खनन विभाग पर रॉयल्टी ठेकेदारों से मिलीभगत के सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि रॉयल्टी ठेकेदार अपने खास लोगों की गाड़ियां बिना चेक किए निकाल रहे हैं और खनन विभाग मौन बैठा है. वहीं रादौर से विधायक बिशनलाल सैनी ने प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इससे न सिर्फ रॉयल्टी ठेकेदारों की दादागिरी बढ़ रही है, बल्कि सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है.

बता दें कि यमुनानगर में अवैध माइनिंग का खेल (Illegal Mining in Yamunanagar) लंबे समय से चल रहा है, जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन भी नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में अवैध माइनिंग पर कैसे लगाम लगाई जाए, ये सवाल पहले की तरह ज्यों का त्यों खड़ा है.

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