यमुनानगर: हरियाणा में स्कूलों के मर्जर को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला करता रहा है. हाल ही में आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार पर सवाल खड़ा किया था. बयान जारी कर उन्होंने कहा था कि सरकार ने राज्य में मर्जर के नाम पर 832 स्कूलों को बंद कर दिया है, जिससे लगभग 7349 बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के मर्जर पर कहा कि जिन स्कूलों में बीस से कम बच्चे हैं, उन्हीं स्कूलों का मर्जर किया गया है. स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती है तो, स्कूल फिर से खोल दिये जाएंगें.
स्कूल मर्जर पर क्या बोले शिक्षा मंत्री: युमनानगर में मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि जिन स्कूलों में 20 से भी कम बच्चें है उन्हें मर्ज करने का निर्णय हमने पहले ही लिया था. अगर उन्हें पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता है तो ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था हम करेंगे ताकि बच्चे आराम से वहां पहुंच जाए. अगर बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो हम दोबारा उन स्कूलों को खोल देंगे. पहले भी 100 के करीब स्कूल बंद किये थे लेकिन जहां ज्यादा बच्चों के दाखिले हुए उन्हें दोबारा खोल दिया गया था. 20 से कम बच्चों पर दो शिक्षक देना थोड़ा मुश्किल होता है.
स्कूल मर्जर को लेकर विपक्ष का वार: स्कूल मर्जर के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. पिछले दिनों ही आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने स्कूल मर्जर को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. अनुराग ढांडा ने बयान जारी कर कहा था कि हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है. स्कूल मर्जर के नाम पर बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. सरकार ने स्कूल मर्जर के नाम पर 832 स्कूलों को बंद कर दिया है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले 7349 बच्चों का क्या होगा. ढांडा ने कहा कि साजिश के तहत सरकारी स्कूलों को सरकार बंद कर रही है.