यमुनानगर: रादौर के हैफेड परिसर में लाखों रुपये की लागत से स्थापित किए गए प्रदेश के एकमात्र हल्दी प्रोसेसिंग प्लांट एक बार फिर से शुरू होने वाला है. हैफेड परिसर में लगा ये प्लांट पिछले करीब 5 वर्षो से बंद पड़ा हुआ था. जिससे प्लांट की मशीनरी भी धूल फांक रही थी. लेकिन पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज के प्रयासों से अब इस प्लांट को आधुनिक रूप देकर शुरू करने की कवायद तेज हो गई है.
अब बंद पड़ा हल्दी प्लांट होगा आधुनिक
जल्द ही प्लांट में नई आधुनिक मशीनरी लगाई जाएंगी और प्लांट की इमारत को भी ठीक करने का कार्य किया जाएगा. जिस पर विभाग द्वारा करीब 7 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है. इस पर पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज ने बताया कि लाखों रुपये की लागत से तैयार हुए हल्दी प्लांट में अब सरकार की ओर से जान फूंकने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
किसानों को ऐसे होगा फायदा
इसका क्षेत्र के किसानों को पूरा फायदा मिलेगा. प्लांट के शुरू होने से किसान भी अपने फसल चक्र को मैटेंन रख पाएंगे. वहीं हल्दी की फसल लगाकर अपनी कमाई को भी बढ़ाने का कार्य किसान कर सकेगा. ये हल्दी प्लांट पिछले 5 वर्षो से बंद पड़ा हुआ था, जिसके बाद उन्होने मुख्यमंत्री व विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत की और इस प्लांट को शुरू करवाने का आग्रह किया.
रोजगार के अवसर होंगे पैदा
इस पर इस मांग को पूरा करते हुए 7 करोड़ रुपये की मंजूरी विभाग को मिल गई है. हल्दी की फसल में पानी की कम खपत होती है, जिससे जैसे जैसे किसान इस फसल के प्रति जागरूक होंगे पानी को बचाने में भी इससे मदद मिल पाएगी. साथ ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
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हरियाणा का एकमात्र हल्दी प्लांट है
बता दें कि हैफेड हरियाणा का एकमात्र हल्दी प्लांट था, जिसे साल 2009 में शुरू किया गया था. लेकिन प्लांट के मैनुअल होने व क्षेत्र से पर्याप्त मात्रा में फसल उपलब्ध न होने के कारण प्लांट बंद हो चुका था. हालांकि अब इस हल्दी प्लांट का किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके इसके लिए विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाने की बात कही जा रही है.