यमुनानगर: बढ़ते प्रदूषण पर एनजीटी सख्त हुई है, जिसके कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 225 स्क्रीनिंग प्लाटों को नोटिस भेज दिए हैं. इस कार्रवाई से क्रेशर जोन में हड़कंप मचा हुआ है. 15 दिनों में नोटिस का जवाब ना देने वालों के खिलाफ बोर्ड की ओर से कार्रवाई की जाएगी. बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि क्रेशर जोन में स्थिति को ठीक करने के लिए कार्रवाई होगी.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक यमुनानगर जिले में 225 स्क्रीनिंग प्लांट चल रहे हैं. अधिकांश स्क्रीनिंग प्लांट बोर्ड के नियमों का पालन नहीं कर रहे जिसके कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी स्क्रीनिंग प्लांटों को रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए नोटिस भेज दिए हैं. इस प्रक्रिया को ट्रैक करना आसान होता है.
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दूसरा कोई प्लांट संचालक इस बात से नहीं मुकर सकता कि उसे नोटिस नहीं मिला है. साथ ही बोर्ड के पास सरकारी दस्तावेज भी तैयार हो जाते हैं. कार्रवाई के वक्त यह दस्तावेज काम आते हैं.
स्क्रीनिंग प्लांट में उड़ने वाली धूल कणों को रोकने के लिए हरी पट्टी विकसित करने अनिवार्य है. वहां पर है पक्की सड़क होनी चाहिए, पानी के लिए सेटलिंग टैंक होना चाहिए, अन्य मानकों में इनके चारों तरफ से दीवार, धूल के कणों का कम उत्सर्जन होना, टैंपर प्रूफ इलेक्ट्रॉनिक मीटर और डबल एंट्री सिस्टम के तहत समस्त वित्तीय लेखों का रखना अनिवार्य होता है.
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी का कहना है कि जिले के सभी 225 स्क्रीनिंग प्लांटों को नोटिस भेजकर स्थिति ठीक करने के आदेश दे दिए गए हैं. जो भी नियमों की पालना नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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आपको बता दें कि आईक्यू एयर की रिपोर्ट में यमुनानगर विश्व में 26वां सबसे प्रदूषित शहर है. वहीं पर्यावरण विदों का कहना है कि केवल नोटिस से काम नहीं चलेगा पर्यावरण को बचाने के लिए सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी शायद तब स्थिति में सुधार होगा.