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जब चोर को नहीं पकड़ पाई रादौर पुलिस तो किसान को 45 हजार देकर किया इंसाफ

30 अगस्त को रादौर के केनरा बैंक में हुई चोरी में पुलिस के हाथ खाली है. महीनों बीत जाने के बाद भी जब पुलिस चोर को नहीं पकड़ पाई तो पुलिस ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर पीड़ित किसान को 45 हजार रुपये दे दिए.

police gave 45 thousand to farmer in radaur
बैंक व पुलिस ने 45 हजार किसान को दे समझौता कराया
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Published : Jan 11, 2020, 11:10 AM IST

Updated : Jan 11, 2020, 12:02 PM IST

यमुनानगर: रादौर के केनरा बैंक से बीते 30 अगस्त को खजुरी गांव के एक किसान से एक लाख रुपये की चोरी हुई थी. कई महीने बीत जाने के बाद भी जब पुलिस चोर को नहीं पकड़ पाई तो किसानों ने पुलिस को 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया. वहीं अल्टीमेटम के दिन पास आता देख पुलिस चोर को तो नहीं पकड़ पाई, लेकिन पुलिस की ओर से पीड़ित किसान को 45 हजार की मदद राशि जरूर दे दी गई.

बता दें कि 30 अगस्त को रादौर के केनरा बैंक से 1 लाख रुपये की चोरी हुई थी. किसान 1 लाख रुपये लेकर बैंक परिसर में खड़ा था, इस बीच किसी ने उसके बैद से रुपये निकाल लिए. चोरी कि शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन जब महीनों बीत जाने के बाद भी पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पाई तो खजूरी गांव के लोगों ने धरा प्रदर्शन किया और पुलिस को 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया.

पुलिस ने किसान को 45 हजार देकर किया 'इंसाफ'

ये भी पढ़िए: किरण खेर तो किसी गाँव की सरपंच बनने के लायक भी नहीं- देवेंद्र बाबला

किसानों ने कई दिनों तक धरना दिया, जिसके बाद मामला रादौर पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच तक जा पहुंचा, लेकिन फिर भी पुलिस के हाथ खाली ही रहे. वहीं 15 जनवरी पास आते ही पुलिस ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर किसान की आर्थिक मदद करते हुए उसे 45 हजार रुपये दे दिए.

यमुनानगर: रादौर के केनरा बैंक से बीते 30 अगस्त को खजुरी गांव के एक किसान से एक लाख रुपये की चोरी हुई थी. कई महीने बीत जाने के बाद भी जब पुलिस चोर को नहीं पकड़ पाई तो किसानों ने पुलिस को 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया. वहीं अल्टीमेटम के दिन पास आता देख पुलिस चोर को तो नहीं पकड़ पाई, लेकिन पुलिस की ओर से पीड़ित किसान को 45 हजार की मदद राशि जरूर दे दी गई.

बता दें कि 30 अगस्त को रादौर के केनरा बैंक से 1 लाख रुपये की चोरी हुई थी. किसान 1 लाख रुपये लेकर बैंक परिसर में खड़ा था, इस बीच किसी ने उसके बैद से रुपये निकाल लिए. चोरी कि शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन जब महीनों बीत जाने के बाद भी पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पाई तो खजूरी गांव के लोगों ने धरा प्रदर्शन किया और पुलिस को 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया.

पुलिस ने किसान को 45 हजार देकर किया 'इंसाफ'

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किसानों ने कई दिनों तक धरना दिया, जिसके बाद मामला रादौर पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच तक जा पहुंचा, लेकिन फिर भी पुलिस के हाथ खाली ही रहे. वहीं 15 जनवरी पास आते ही पुलिस ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर किसान की आर्थिक मदद करते हुए उसे 45 हजार रुपये दे दिए.

Intro:रादौर के केनरा बैंक से बीते 30 अगस्त को चोरी हुए खजुरी गांव के एक किसान के एक लाख रू को अभी तक पुलिस हल नही करा पाई थी, हालाकि किसानों ने इस मामले में बैंक के आगे धरना प्रदर्शन कर बैंक व पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन ऐसे में न तो बैंक प्रबंधन आरोपी की शिनाख्त कर पाया और न ही पुलिस आरोपी को पकड पाई। लेकिन किसानों का अल्टीमेटम पास आते ही पुलिस व बैंक ने घुटने टेक कर पीडित किसान की 45 हजार रू देकर आर्थिक मदद कर किसानों को जरूर शांत करा दिया। Body:रादौर के केनरा बैंक से खजूरी गांव का सुरेश नाम का किसान बीती 30 अगस्त को अपने परिजनों के साथ बैंक से एक लाख रू निकलवाकर बैंक परिसर में ही खड़ा था, लेकिन बैंक परिसर में से ही किसी ने सुरेश के पैसे थैले से निकाल लिए, उसके बाद जब किसान को इस मामले में पता चला तो उसने बैंक कर्मचारियों से इस मामले में शिकायत की और मामला पुलिस की चौखट तक भी पहुंच गया। पुलिस ने भी हवा में खूब तीर चलाए लेकिन पुलिस के हाथ खाली के खाली थे ऐसे में किसान यूनियनों की तरफ से बैंक पर भी गंभीर आरोप लगाए और चोर तक पहुंचने के लिए किसानों ने बैंक के सामने धरना प्रदर्शन भी किया और बैंक को यह अल्टीमेटम दिया कि बैंक पुलिस की मदद कर चोर तक पहुंचने का प्रयास करवाए नही तो किसान अंदोलन पर उतर आएंगे मामला रादौर पुलिस के साथ साथ क्राइम ब्रांच से भी जुड गया और दोनों थानों की पुलिस भी चोर तक पहुंचने में नाकाम रही ऐसे में किसानों का द्वारा बैंक व पुलिस को दिया गया 15 जनवरी का अल्टीमेटम भी नजदीक आ रहा था, जिसके चलते पुलिस के भी हाथ पांव फूल रहे थे किसान अंदोलन करे इससे पहले ही पुलिस ने बैंक मैनेजर से मिलकर किसान की आर्थिक मदद करने की बात कही और दोनों ने मिलकर किसान को 45 हजार रू की राशी दे दी। Conclusion:किसान अपने अंदोलन की तैयारिया कर रहे थे कि उससे पहले ही पुलिस व बैंक मैनेजर ने किसान के आगे घुटने टेक कर उसकी मदद करने की बात कही लेकिन स्वाल उठता है कि जब कानून की पालना करने वाला पुलिस कर्मचारी ही चोर तक पहुचने की जगह ऐसे मदद कर रहे है तो यह एक बडा स्वाल है जबकि 30अगस्त 2019 की यह घटना थी और पांच महीने बीत जाने के बाद पुलिस और बैंक की तरफ से दी गई यह मदद कई स्वाल खडे कर रही है हालाकि किसानो ने इसको लेकर अपना आंदोलन तो वापिस ले लिया। लेकिन यह मदद किसान की किस एवज में की गई है इसके पीछे अब कई स्वाल खडे हो गए है।

बाईट 1- सुभाष गुर्जर, किसान नेता
बाइट 2 - रामस्वरूप, पीडित किसान
Last Updated : Jan 11, 2020, 12:02 PM IST
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