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यमुनानगर: अनुसूचित वर्ग के पात्र लाभार्थियों को स्वरोजगार योजना के तहत मिलेगा ऋण - यमुनानगर अनुसूचित वर्ग लाभार्थी ऋण

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तीय सहयोग से भी सैनिटेशन कार्य में लगे राज्य के सफाई कर्मियों और उनके आश्रितों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा और स्वरोजगार योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

yamunanagar self-employment scheme
अनुसूचित वर्ग के पात्र लाभार्थियों को स्वरोजगार योजना के तहत मिलेगा ऋण
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Published : Mar 17, 2021, 9:22 PM IST

यमुनानगर: अनुसूचित वर्ग के पात्र लाभार्थियों से हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया गया है. जिला उपायुक्त ने बताया कि निगम का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के अनुसूचित जाति के सदस्यों को स्वरोजगार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस दिशा में विभिन्न बैंकों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम के माध्यम से तीन तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं.

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उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार रूपये और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्य पशुपालन, किरयाना दुकान, जोटा बुग्गी, खच्चर रेहड़ी और सूअर पालन इत्याकि के लिए बैंकों के माध्यम से 1.50 लाख रूपये तक का ऋण ले सकते है.

उन्होंने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम द्वारा कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रूपये का अनुदान और 10 प्रतिशत मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर उपलब्ध कराई जाती है और इसके अतिरिक्त बकाया ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है.

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जिला उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 98 हजार रूपये और शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रूपये तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्यों लघु व्यवसाय योजना स्कीम के तहत अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से ऑटो रिक्शा, टैंट हाऊस, ब्यूटीक, ब्यूटी पार्लर, किरयाना दुकान, मनियारी दुकान और ई-रिक्शा इत्यादि व्यवसायों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर पर 3 लाख रूपये तक के ऋण ले सकते हैं. इस स्कीम के अंतर्गत 10 हजार रूपये तक का अनुदान केवल बीपीएल परिवारों को निगम द्वारा दिया जाता है.

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उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तीय सहयोग से भी सैनिटेशन कार्य में लगे राज्य के सफाई कर्मियों और उनके आश्रितों को पशुपालन व्यवसाय, व्यापारी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्य वाहन आदि व्यवस्थाओं के लिए 4 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 60 हजार रूपये से लेकर 2 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है और इन स्कीमों का 5 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है.

यमुनानगर: अनुसूचित वर्ग के पात्र लाभार्थियों से हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया गया है. जिला उपायुक्त ने बताया कि निगम का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के अनुसूचित जाति के सदस्यों को स्वरोजगार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस दिशा में विभिन्न बैंकों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम के माध्यम से तीन तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं.

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उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार रूपये और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्य पशुपालन, किरयाना दुकान, जोटा बुग्गी, खच्चर रेहड़ी और सूअर पालन इत्याकि के लिए बैंकों के माध्यम से 1.50 लाख रूपये तक का ऋण ले सकते है.

उन्होंने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम द्वारा कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रूपये का अनुदान और 10 प्रतिशत मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर उपलब्ध कराई जाती है और इसके अतिरिक्त बकाया ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है.

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जिला उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 98 हजार रूपये और शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रूपये तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्यों लघु व्यवसाय योजना स्कीम के तहत अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से ऑटो रिक्शा, टैंट हाऊस, ब्यूटीक, ब्यूटी पार्लर, किरयाना दुकान, मनियारी दुकान और ई-रिक्शा इत्यादि व्यवसायों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर पर 3 लाख रूपये तक के ऋण ले सकते हैं. इस स्कीम के अंतर्गत 10 हजार रूपये तक का अनुदान केवल बीपीएल परिवारों को निगम द्वारा दिया जाता है.

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उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तीय सहयोग से भी सैनिटेशन कार्य में लगे राज्य के सफाई कर्मियों और उनके आश्रितों को पशुपालन व्यवसाय, व्यापारी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्य वाहन आदि व्यवस्थाओं के लिए 4 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 60 हजार रूपये से लेकर 2 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है और इन स्कीमों का 5 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है.

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