करनाल: कोरोना महामारी की दूसरी नहर से पूरा देश ग्रसित है. इन दिनों कोविड मरीजों के लिए सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. जिसको देखते हुए यमुनानगर में एक ही दिन में यमुना ऑक्सीजन प्लांट तैयार करवाया गया है. जो 4 मिट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, लेकिन जिले में 6 मिट्रिक टन की जरूरत होने की वजह से अब यमुनानगर और जगाधरी के सिविल अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटर लगाए जाएंगे. जो प्रति मिनट 100 लीटर के हिसाब से ऑक्सीजन तैयार करेंगे.
यमुनानगर के सीएमओ ने बताया कि अस्पतालों में दो तरह की ऑक्सीजन की जरूरत होती है. जिसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और गैस ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. यमुनानगर का कोटा 4 मीट्रिक का है, लेकिन राज्य के अन्य जिलों में ज्यादा जरूरत की वजह से कई बार पूरा कोटा जिले को नहीं मिल पाता.
इस वजह से थोड़ी परेशानी जरूर आती है, लेकिन अभी तक ऑक्सीजन की वजह से जिले में किसी तरह की कोई अनहोनी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार से भी अपील की गई है कि यमुनानगर जिले में ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाकर 8 से 10 मीट्रिक टन किया जाए. उन्होंने बताया कि यमुनानगर में एयर से ऑक्सीजन तैयार करने वाला प्लांट लगाया गया है. जो 4 मीट्रिक टन का उत्पादन करता है.
जिला अस्पतालों में लगाया जाएगा ऑक्सीजन जनरेटर
हाल की जरूरत है करीब 6 मीट्रिक टन की. उन्होंने बताया कि आईएमए के साथ बीते कल ही उनकी बैठक हुई है. जिसमें ऑक्सीजन का ऑडिट करने के लिए कहा गया और साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय ऑक्सीजन की एक एक बूंद कीमती है. इसलिए ये ध्यान रखना जरूरी है कि जिस मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो केवल उसे ही ऑक्सीजन दी जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से सभी जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटर लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है.
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यमुनानगर और जगाधरी के सिविल अस्पतालों में एनएचएआई की टीम ने विजिट कर इस पर काम शुरू कर दिया है. ये जनरेटर 100 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन तैयार करेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले 10 से 15 दिन में ऑक्सीजन के मामले में यमुनानगर और जगाधरी के अस्पताल भरपूर होंगे. यमुनानगर के सीएमओ के मुताबिक अच्छी बात ये है कि जिले के किसी भी कोविड अस्पताल में अब तक ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और ना ही ऑक्सीजन की वजह से कोई अनहोनी हुई है और ना ही किसी तरह की ऑक्सीजन की कालाबाजारी का कोई मामला सामने आया है.