यमुनानगर: कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल और कॉलेज बंद है. जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि हरियाणा सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की है, लेकिन वो कारगर होती नहीं दिख रही.
ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जब ऑनलाइन शिक्षा का रियलिटी चेक किया तो पता चला कि छात्र और अभिभावक दोनों ही इससे परेशान हैं. छात्राओं ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा की वजह से उनपर ज्यादा बोझ बढ़ा है. छात्रा ने ऑनलाइन क्लास के फायदे कम और नुकसान ज्यादा गिनवाए.
अर्शिता के मुताबिक ऑनलाइन क्लास से उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से उसे सिर दर्ज की शिकायत रहती है. सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि अभिभावकों को भी ऑनलाइन शिक्षा रास नहीं आ रही. अभिभावकों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्राइवेट स्कूलों पर फीस का दबाव बनाने का आरोप लगाया.
अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल रहा. ये केवल फीस लेने के लिए किया जा रहा है. केजी क्लास के बच्चे जिन्हें लिखना भी नहीं आता उन्हें भी ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. ये सिर्फ फीस लेने का प्रोपेगेंडा है.
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इस बारे में जब शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से पूछा गया तो उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायत आने पर फीस का दबाव बनाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने उम्मीद भी जताई कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो स्कूल और कॉलेज के फिर से खोला जा सकता है. लेकिन अभी ऑनलाइन शिक्षा के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है.