यमुनानगर: यमुनानगर के बहादुरपुर गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार की घटना सामने आई है. घटना पर वन विभाग की टीम कार्रवाई कर रही है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिये जाएंगे. वन विभाग का कर्मचारी भी शिकार की इस घटना में शामिल है.
किसने किया मोर का शिकार?: वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यमुनानगर के सुंदर बहादुरपुर गांव के जंगल में रात के अंधरे में चार लोगों ने राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार एयर गन की सहायता किया. आरोपियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने जाल बिछाया और दो आरोपी को पकड़ा भी. लेकिन वे दोनों टीम के सदस्यों से हाथापाई करने लगे, मारपीट के दौरान वे भागने में सफल हो गए. टीम के सदस्यों ने उन दोनों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन पकड़ नहीं पाए. दो और आरोपी पहले ही मोर को लेकर मोटर साइकिल के सहारे फरार हो गये थे. चारो आरोपियों की पहचान हो गयी है. आरोपियों की पहचान नगली निवासी बिंदर और पम्मी, नगला निवासी इमरान और पलौड़ी निवासी जमील के तौर पर हुई है.
आरोपियों में वन विभाग का कर्मचारी भी: राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार मामले में सबसे हैरानी की बात यह है कि इसमें वन विभाग के कर्मचारी भी शामिल है. वन विभाग के कर्मचारी वलीद्दीन का नाम सामने आया है. वलीद्दीन की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है. वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक जयविंदर नेहरा के अनुसार आरोपी कर्मचारी वलीद्दीन का नगला निवासी आरोपी इमरान से पारिवारिक सम्बन्ध है. नगला निवासी इमरान का वलीद्दीन रिश्ते में ससुर है. वलीद्दीन वन विभाग में रखवाला का काम करता है. मोर के शिकारी वलीद्दीन की सहायता से मोर का मीट सप्लाई करते हैं. जानकारी के अनुसार शिकार के बाद मोर का मीट हिमाचल प्रदेश में बेचा जाता है. वैसे इनका नेटवर्क अन्य प्रदेशों में भी फैला हुआ है.
पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयोग की गई एयर गन बरामद कर ली है. आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी विभाग के एक्ट 2/16, 9, 39, 42, 49ए, 50, 51, 52, 55 के तहत मामला दर्ज हुआ है, जिसमें 1 लाख रुपए जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान है.