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यमुनानगर में शामलात देह और जुमला मुश्तरका जमीनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन - हरियाणा में जुमला मुश्तरका जमीन विवाद

हरियाणा सरकार द्वारा जुमला मुश्तरका और शामलात-देह भूमि का किसानों से मालिकाना हक छीनने के फैसले के बाद गुस्साए किसानों ने यमुनानगर में प्रदर्शन किया (Farmers Protest in Yamunanagar). इस दौरान किसानों ने जिला प्रशासन के अधिरारियों को ज्ञापन सौंपा और सरकार से विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर जमीनें किसानों के नाम करने की मांग की.

Farmers Protest in Yamunanagar
किसानों ने यमुनानगर में प्रदर्शन किया
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Published : Jul 25, 2022, 3:43 PM IST

यमुनानगर: जुमला मुश्तरका (Land Dispute in Shamlat Deh) और शामलात-देह भूमि को पंचायतों (Jumla Mushtarka Malkan Panchayat) और नगर निगम के नाम करने के मामले में किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में सोमवार को किसानों ने यमुनानगर में ब्लॉक स्तर पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने सरकार से विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर ये जमीनें किसानों को वापस करने की मांग की.

किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांग को जल्द माना नहीं गया तो वे एक बार फिर बड़ा आंदोलन खड़ा करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. किसान नेता मनदीप रोड छप्पर ने कहा कि किसान कई दशकों से अपनी पुश्तैनी जमीनों पर काश्तकारी कर रहे (Land dispute in Yamunanagar) हैं. तकसीम करवाने में ज्यादा खर्च आने की वजह से करीब 80 फीसदी किसानों की जमीनें मुश्तरका खातों में हैं. इस दौरान जमीनों की खरीद-बेचने से लेकर रेहन तक का काम सरकारी नियमानुसार होता आया है.

Farmers Protest in Yamunanagar
किसानों ने जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

किसानों के मुताबिक सरकार ने 1992 में एक्ट 1961 के तहत संशोधन करते हुए मुश्तरका मालकान जमीनों को पंचायती करार दिया था, लेकिन किसानों ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी तो फैसला किसानों के हक में आया. जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सरकार के पक्ष में दिया जो की किसानों के लिए न्याय संगत नहीं है. इसलिए सरकार को चाहिए कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसमें संशोधन किया जाए.

किसानों के मुताबिक इस आदेश के अनुसार कई किसानों को जमीनें खाली करने के नोटिस भी आ चुके हैं. क्योंकि कई जगह जमीनें पंचायतों और निगम के नाम कर दी गई हैं. फिलहाल किसानों ने इस फैसले के विरोध में बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है.

यमुनानगर: जुमला मुश्तरका (Land Dispute in Shamlat Deh) और शामलात-देह भूमि को पंचायतों (Jumla Mushtarka Malkan Panchayat) और नगर निगम के नाम करने के मामले में किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में सोमवार को किसानों ने यमुनानगर में ब्लॉक स्तर पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने सरकार से विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर ये जमीनें किसानों को वापस करने की मांग की.

किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांग को जल्द माना नहीं गया तो वे एक बार फिर बड़ा आंदोलन खड़ा करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. किसान नेता मनदीप रोड छप्पर ने कहा कि किसान कई दशकों से अपनी पुश्तैनी जमीनों पर काश्तकारी कर रहे (Land dispute in Yamunanagar) हैं. तकसीम करवाने में ज्यादा खर्च आने की वजह से करीब 80 फीसदी किसानों की जमीनें मुश्तरका खातों में हैं. इस दौरान जमीनों की खरीद-बेचने से लेकर रेहन तक का काम सरकारी नियमानुसार होता आया है.

Farmers Protest in Yamunanagar
किसानों ने जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

किसानों के मुताबिक सरकार ने 1992 में एक्ट 1961 के तहत संशोधन करते हुए मुश्तरका मालकान जमीनों को पंचायती करार दिया था, लेकिन किसानों ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी तो फैसला किसानों के हक में आया. जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सरकार के पक्ष में दिया जो की किसानों के लिए न्याय संगत नहीं है. इसलिए सरकार को चाहिए कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसमें संशोधन किया जाए.

किसानों के मुताबिक इस आदेश के अनुसार कई किसानों को जमीनें खाली करने के नोटिस भी आ चुके हैं. क्योंकि कई जगह जमीनें पंचायतों और निगम के नाम कर दी गई हैं. फिलहाल किसानों ने इस फैसले के विरोध में बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है.

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