यमुनानगर: सूबे में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके मद्देनजर हरियाणा सरकार भी सतर्क हो गई है. पहले सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला किया था, लेकिन छात्रों और अध्यापकों के पॉजिटिव मिलने के बाद स्कूलों को 30 नवंबर तक बंद करने का फैसला किया गया.
ईटीवी भारत हरियाणा से बताचीत के दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने सोच विचार कर स्कूलों को खोलने का फैसला किया था, लेकिन विद्यार्थियों और अध्यापकों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से सभी स्कूलों को 30 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
सूबे में सरकार ने कॉलेज खोलने का भी फैसला किया है. इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेज के छात्र स्कूलों के मुकाबले ज्यादा समझदार होते हैं. उनके लिए सोशल डिस्टेंस को मेंनटेंन करना ज्यादा आसान होगा. वैसे भी सरकार ने कॉलेजों के लिए गाइड्सलाइन जारी की है. जिसका पालन सभी कॉलेज कर रहे हैं.
'छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने पर विचार नहीं'
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक क्लास में 20 बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है. फिलहाल कॉलेजों में 10 या 12 बच्चे ही पहुंच रहे हैं. जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग का खुद ही पालन हो रहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ये पहले की क्लियर कर चुकी है कि बिना अभिभावकों की इजाजत के छात्र स्कूल में नहीं आ सकता. छात्र को स्कूल में आने के लिए अभिभावकों की सहमति लिखित रूप में लानी होगी.
शिक्षा मंत्री से पूछा गया कि वैक्सीन आने तक स्कूल या कॉलेज खोलने के लिए इंतजार नहीं किया जा सकता था. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई भी जरूरी है. इसलिए सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला किया था. इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो छात्र स्कूल या कॉलेज नहीं आ सकते सरकार ने उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है.
जब शिक्षा मंत्री से पूछा गया कि क्या 9वीं क्लास से नीचे के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का कोई प्लान है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने ऐसा कोई प्लान तैयार नहीं किया है. क्योंकि छोटे बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बारे में समझाना थोड़ा मुश्किल है. जबतक कोरोना पर काबू नहीं पाया जाता तब तक छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने का कोई प्लान नहीं है. लगातार अभिभावक फीस माफी की मांग कर रहे हैं. इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि वो इस मांग को लेकर हाई कोर्ट जा चुके हैं. अब हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार ही उन्हें चलना होगा. इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.