ETV Bharat / state

हरे-भरे पेड़ों का सीना चीर रहे वन माफिया, खुलेआम हो रही तस्करी - तीन राज्यों से जुड़ा हुआ

जिले के कलेसर नेशनल पार्क को माफिया खोखला करने पर तुले हैं. दिनदहाड़े वो पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.

हरे-भरे जंगलों को काटा जा रहा
author img

By

Published : Apr 2, 2019, 2:43 PM IST

यमुनानगर: तीन राज्यों की सीमा से जुड़े कलेसर नेशनल पार्क को माफियाओं की नजर लग गई है. मौके का फायदा उठाकर दिनदहाड़े जंगलों पर धावा बोल रहे हैं और पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. हालांकि सरकार ने वन कटाई को लेकर अलग-अलग सजा का ऐलान किया है. लेकिन सजा से बेखौफ बदमाश खुलेआम अपना काम कर रहे हैं.

kalesar national park
हरे-भरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

जंगलों को खोखला कर रहे माफिया
जानकारी के मुताबिक कलेसर के अगले गांव मम्दुबांसके जंगलों में भी ऐसे माफियाओं को देखा गया है. जो हरे-भरे पड़ों को काट रहे हैं.

kalesar national park
मम्दुबांस के जंगलों में घुसे माफिया

ETV भारत की पड़ताल
इस मामले की सत्यता का पता लगाने जब ETV भारत की टीम जंगल में पहुंची तो पेड़ों की कटाई कर रहे लोग भाग गए. बाद में जब कुछ गांव वाले सामने आए तो उनसे जब पूछा गया कि यह कटाई किसके आदेश पर हो रही है, तो उन्होंने नाम बताने में आनाकानी करते हुए मामले को छोड़ देने की बात कही.

जंगलों की पड़ताल करती टीम

किन-किन राज्यों में कितनी सजा का ऐलान
बता दें कि अगर हरियाणा में खैर तस्करी के आरोप में कोई पकड़ा जाता है और कोर्ट दोषी करार देता है तो सजा 6 महीने और 500 रुपये जुर्माना होता है. हिमाचल प्रदेश में खैर तस्करी के आरोप में अगर कोई पकड़ा जाता है तो सजा 3 साल और जुर्माना 10,000 का है. उत्तराखंड में भी 2 साल तक की सजा और 10,000 जुर्माने का प्रावधान है.

kalesar national park
जंगलों को खोखला कर रहे माफिया

यमुनानगर: तीन राज्यों की सीमा से जुड़े कलेसर नेशनल पार्क को माफियाओं की नजर लग गई है. मौके का फायदा उठाकर दिनदहाड़े जंगलों पर धावा बोल रहे हैं और पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. हालांकि सरकार ने वन कटाई को लेकर अलग-अलग सजा का ऐलान किया है. लेकिन सजा से बेखौफ बदमाश खुलेआम अपना काम कर रहे हैं.

kalesar national park
हरे-भरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

जंगलों को खोखला कर रहे माफिया
जानकारी के मुताबिक कलेसर के अगले गांव मम्दुबांसके जंगलों में भी ऐसे माफियाओं को देखा गया है. जो हरे-भरे पड़ों को काट रहे हैं.

kalesar national park
मम्दुबांस के जंगलों में घुसे माफिया

ETV भारत की पड़ताल
इस मामले की सत्यता का पता लगाने जब ETV भारत की टीम जंगल में पहुंची तो पेड़ों की कटाई कर रहे लोग भाग गए. बाद में जब कुछ गांव वाले सामने आए तो उनसे जब पूछा गया कि यह कटाई किसके आदेश पर हो रही है, तो उन्होंने नाम बताने में आनाकानी करते हुए मामले को छोड़ देने की बात कही.

जंगलों की पड़ताल करती टीम

किन-किन राज्यों में कितनी सजा का ऐलान
बता दें कि अगर हरियाणा में खैर तस्करी के आरोप में कोई पकड़ा जाता है और कोर्ट दोषी करार देता है तो सजा 6 महीने और 500 रुपये जुर्माना होता है. हिमाचल प्रदेश में खैर तस्करी के आरोप में अगर कोई पकड़ा जाता है तो सजा 3 साल और जुर्माना 10,000 का है. उत्तराखंड में भी 2 साल तक की सजा और 10,000 जुर्माने का प्रावधान है.

kalesar national park
जंगलों को खोखला कर रहे माफिया
Download link 
https://we.tl/t-OD6gnNuUNN
4 files 
YNR_ILLEGAL@WOOD_.4.
YNR_ILLEGAL@WOOD_03.
YNR_ILLEGAL@WOOD_02.
YNR_ILLEGAL@WOOD_01


SLUG.     ILLEGAL@WOOD
REPORTER.   RAJNI SONI
FEED    WETRANSFER LINK

एंकर.  तीन तीन राज्यों की सीमाओं से जुड़ीकलेसर नेशनल पार्क की सीमाओं में स्थित हरे भरे जंगलों में खैर तस्करों और लकड़ी माफिया की नजर लग गई है जिसके चलते रात के अंधेरे में ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी पेड़ों पर कुलहाड़ा चलाया जा रहा है। माफिया ही नहीं स्थानीय लोगों ने भी जंगलों पर धावा बोला हुआ है । वन विभाग के अधिकारियों का आलम यह है कि वह कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

वीओ.  हरियाणा के  यमुनानगर जिले  के कलेसर नेशनल पार्क की सीमा हिमाचल प्रदेश के सिंबलवाडा ,नेशनल पार्क उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क और यूपी से जुड़ी हुई है सभी प्रदेशों में वन काटने की सजा अलग-अलग निर्धारित की गई है लेकिन अन्य देशों की तुलना में हरियाणा में पेड़ काटने पर मिलने वाली कम सजा के चलते खैर तस्करों के साथ-साथ वन माफिया के हौसले बुलंद हैं और वह अपनी कार्रवाई को यहां रात के अंधेरों में ही नहीं दिन के उजाले में भी गुपचुप तरीके से अंजाम दे रहे हैं। क्लेसर से अगले गांव ममन्दूबांस के जंगलों में भी ऐसे लोगों का कुलहाड़ा हरे भरे वृक्षों की छाती पर जमकर चल रहा है। गांव के साथ सटे जंगल में प्रवेश करते ही पत्रकारों को देखकर दिन के उजाले में पेड़ों की कटाई कर रहे लोग भागकर जंगलों में छिप गए। यहां साल के वृक्षों की कटाई खुलेआम की जा रही थी । बाद में कुछ श्रमिक सामने आए तो उनसे जब पूछा गया कि यह कटाई किसके आदेश पर हो रही है तो उन्होंने नाम बताने में आनाकानी करते हुए मामले को छोड़ देने की बात कही लेकिन बाद में बताया कि वह तो श्रमिक है और गांव के ही एक व्यक्ति के कहने पर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

बाईट श्रमिक 

वीओ    जिले के जंगलों और इसके आसपास हो रही कटाई  प्रदेश की हरियाली को लील जाने वाली कार्रवाई है । बता दें कि वन्य प्राणी विहार और कलेसर नेशनल पार्क ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र में निजी भूमि पर खड़े पेड़ों को काटने के लिए विभागीय अधिकारियों से अनुमति ली जाती है लेकिन आरोप है कि नियमों को धता बताकर चंद भ्रष्ट कर्मचारियों की मिलीभगत से माफिया और अन्य लोग ऐसे काम को अंजाम देते हैं इतना ही नहीं पकड़े जाने पर  और आरोप सिद्ध होने के बाद सजा कम होने के चलते भी कोई परवाह नहीं करता । कलेसर नेशनल पार्क की सीमा तीन राज्यों की सीमाओं से सटी हुई है और पड़ोसी राज्यों में पेड़ काटे जाने पर जहां सजा का सख्त प्रावधान है वहीं हरियाणा में सजा काफी कम है । बता दे कि यदि हरियाणा में खैर तस्करी के आरोप में कोई पकड़ा जाता है और कोर्ट दोषी करार देता है तो सजा 6 माह और 500 रुपये जुर्माना होता है किंतु यही अपराध यदि हिमाचल प्रदेश में करते हुए कोई पकड़ा जाता है तो सजा 3 साल और जुर्माना 10000 है उत्तराखंड में भी 2 साल तक की सजा और 10000 जुर्माने का प्रावधान है। हरियाणा के जंगलों के अलावा निजी स्थानों से भी पेड़ काटे जाने की अनुमति ली जानी आवश्यक है अनुमति न लिए जाने पर यदि विभागीय अधिकारी आरोपियों को पकड़ ले तो मामला सिद्ध होने के पश्चात केवल 500 रुपए जुर्माना कर आरोपी को छोड़ दिया जाता है।

वीओ    डीएफओ यमुनानगर का कहना है कि अभी उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है इस मामले में जांच की जाएगी । हालांकि किसी की निजी जमीन है लेकिन फिर भी उसके लिए परमिशन लेनी पड़ती है इस बारे में जांच की जाएगी अगर परमिशन नहीं होगी तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

बाईट डीएफओ सूरजभान
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.