यमुनानगर: देश का इकलौता इंकलाब मंदिर जो यमुननागर के गुमथला गांव में बना है. वहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. कार्यक्रम में शहीद मंगल पांडे के वंशज देवीदयाल पांडे ने विशेष रूप से शिरकत की.
इस अवसर पर शहीद मंगल पांडे के वंशज देवीदयाल पांडे ने कहा कि उन्हें यहां आकर एक बात बहुत अच्छी लगी कि जिन शहीदों ने आजदी के लिए अपनी शहादत दी उनको नमन करने के बाद ध्वजारोहण किया जाता है, जोकि बहुत अच्छी बात है.
इंकलाब मंदिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम सिंह ने कहा कि हमें बहुत गर्व महसूस होता है कि हमें शहीदों की इस प्रकार सेवा करने का ये दायित्व मिला है. उन्होंने कहा कि जिन शहीदों के शहादत की बदौलत हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं, उन्हें देश मे आजतक भी संविधानिक रूप से शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार देश मे शहीदों को संवैधानिक तौर पर शहीद का दर्जा देकर उनका सम्मान करें.
एक ऐसा मंदिर जहां भगवान नहीं शहीदों की पूजा होती है
बता दें कि शहीदों का देश में एक इकलौता मंदिर हरियाणा यमुनानगर जिले में बना हुआ है. गुमथला गांव में बने इस मंदिर में आपको भगवान नहीं नजर आएंगे बल्कि इसमें देश को आजादी दिलाने वाले योद्धाओं की तस्वीरें और प्रतिमा दिखाई देंगी. इस इंकलाब मंदिर में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस समेत उन वीर सपूतों के तस्वीरें लगी हुई हैं. जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.
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साल 2001 में बनाए गए इस इंकलाब मंदिर के निर्माण के पीछे मकसद था की देश के लिए कुर्बान होने वाले वीरों को हमेशा याद रखा जाए. जिससे आने वाली पीढ़ी उनसे प्ररेणा लेती रहे. यहां गांव के लोग हर सुबह पहुंचते हैं और शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते हैं.