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रेत माफियाओं का आतंक, यमुना नदी का प्रवाह मोड़ कर हो रहा अवैध खनन - yamuna riverillegal sand mining

यमुनानगर के रादौर में खनन माफियों का आतंक बढता ही जा रहा है. खनन माफिया बिना प्रशासन के डर के लगातार यमुना नदी से रेत का खनन कर रहे हैं. माफियाओं ने खनन के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों से नदी में बांध बनाकर यमुना नदी का प्राकृतिक प्रवाह मोड़ दिया है.

illegal sand mining in yamuna river
illegal sand mining in yamuna river
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Published : Nov 29, 2019, 2:59 PM IST

Updated : Nov 30, 2019, 10:39 AM IST

यमुनानगर: रादौर क्षेत्र मे यमुना नदी में लगातार रेत का खनन बढ़ता जा रहा है. इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रशासन के किसी डर भय के बिना माफियाओं ने नदी में बांध बना दिया दिया है. ठेकेदार बड़ी-बड़ी मशीनों की मदद से नदी के प्राकृतिक प्रवाह की दिशा मोड़कर रेत का खनन कर रहे हैं. इससे किसानों की जमीन पर भी खतरा मंडराने लगा है.

गृह मंत्री को शिकायत करेंगे किसान

किसान और स्थानीय निवासियों ने यहां हो रहे इस खनन के फोटो और वीडियो बना लिए हैं. किसानों का कहना है कि यहां जो खनन हो रहा है वो नियमों के विरुद्ध हो रहा है. किसान इसकी शिकायत गृह मंत्री अनिल विज से करेंगे और माफियाओं पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

रेत माफियाओं का आतंक, देखें वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें

यहां हो रहे इस अवैध खनन की कुछ तस्वीरें किसानों और वहां के स्थानीय युवाओं ने सोशल मीडिया पर वायरल की है. इस अवैध खनन से आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. रेत से भरे ओवरलोड ट्रकों से सड़कें धंस गई हैं. सड़क पर गड्ढे बन गए हैं जिससे आए दिन हादसे होते हैं और किसी न किसी को अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन इस सब के बावजूद भी प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है.

ये भी पढे़ं:- BJP-JJP की 33 चुनावी घोषणाएं समान, कई वादों को लेकर फंसा पेंच

हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी प्रदेश अध्यक्ष वरयाम सिंह ने कहा कि वो क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर पिछले लंबे समय से आवाज बुलंद करते आ रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने वर्ष 2017 को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी.

यमुना में अवैध खनन

गुमथला और जठलाना क्षेत्र में ठेकेदार खनन कार्य में नियमों के विरूद्ध पानी के अंदर जाकर पोकलेन की मदद से खनन कर रहे है. जिससे तटबंधों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी में अवैध खनन और बांध की फोटो का पूरा डाटा वो कोर्ट में पेश करेंगे. यमुना नदी में अवैध खुदाई और पानी के बहाव के साथ छेड़छाड़ के कारण क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ भूमि यमुना नदी के अंदर समा चुकी है. जिस कारण क्षेत्र के काफी किसान भूमिहीन हो चुके हैं. अगर हालात यहीं रहे तो जिन किसानों की भूमि बची है वो भी यमुना नदी में समा जाएगी.

वहीं इस बारे जब रादौर एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि वो समय-समय पर ओवरलोड और यमुना की प्राकृतिक धारा को मोड़ने के मामले में कार्रवाई करते रहे हैं, लेकिन प्रशासन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. यमुना में लगातार रेत का खनन हो रहा है.

यमुनानगर: रादौर क्षेत्र मे यमुना नदी में लगातार रेत का खनन बढ़ता जा रहा है. इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रशासन के किसी डर भय के बिना माफियाओं ने नदी में बांध बना दिया दिया है. ठेकेदार बड़ी-बड़ी मशीनों की मदद से नदी के प्राकृतिक प्रवाह की दिशा मोड़कर रेत का खनन कर रहे हैं. इससे किसानों की जमीन पर भी खतरा मंडराने लगा है.

गृह मंत्री को शिकायत करेंगे किसान

किसान और स्थानीय निवासियों ने यहां हो रहे इस खनन के फोटो और वीडियो बना लिए हैं. किसानों का कहना है कि यहां जो खनन हो रहा है वो नियमों के विरुद्ध हो रहा है. किसान इसकी शिकायत गृह मंत्री अनिल विज से करेंगे और माफियाओं पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

रेत माफियाओं का आतंक, देखें वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें

यहां हो रहे इस अवैध खनन की कुछ तस्वीरें किसानों और वहां के स्थानीय युवाओं ने सोशल मीडिया पर वायरल की है. इस अवैध खनन से आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. रेत से भरे ओवरलोड ट्रकों से सड़कें धंस गई हैं. सड़क पर गड्ढे बन गए हैं जिससे आए दिन हादसे होते हैं और किसी न किसी को अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन इस सब के बावजूद भी प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है.

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हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी प्रदेश अध्यक्ष वरयाम सिंह ने कहा कि वो क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर पिछले लंबे समय से आवाज बुलंद करते आ रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने वर्ष 2017 को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी.

यमुना में अवैध खनन

गुमथला और जठलाना क्षेत्र में ठेकेदार खनन कार्य में नियमों के विरूद्ध पानी के अंदर जाकर पोकलेन की मदद से खनन कर रहे है. जिससे तटबंधों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी में अवैध खनन और बांध की फोटो का पूरा डाटा वो कोर्ट में पेश करेंगे. यमुना नदी में अवैध खुदाई और पानी के बहाव के साथ छेड़छाड़ के कारण क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ भूमि यमुना नदी के अंदर समा चुकी है. जिस कारण क्षेत्र के काफी किसान भूमिहीन हो चुके हैं. अगर हालात यहीं रहे तो जिन किसानों की भूमि बची है वो भी यमुना नदी में समा जाएगी.

वहीं इस बारे जब रादौर एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि वो समय-समय पर ओवरलोड और यमुना की प्राकृतिक धारा को मोड़ने के मामले में कार्रवाई करते रहे हैं, लेकिन प्रशासन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. यमुना में लगातार रेत का खनन हो रहा है.

Intro:रादौर क्षेत्र में यमुना नदी में रेत खनन कर रहे ठेकेदार इस कदर मनमानी कर रहे हैं कि बार बार बांध बना यमुना नदी का प्राकृतिक प्रवाह मोड़ रहे हैं। पानी की दिशा बदलकर रेत खनन किया जा रहा है। रेत ठेकेदारों ने पोकलेन मशीन की मदद से यमुना नदी में पानी के प्राकृतिक प्रवाह को मोड़ा, तो क्षेत्र के किसानों को इसकी भनक लग गई। किसानों ने सेटेलाइट की मदद से यमुना नदी में नियमों के विरूद्ध किए जा रहे खनन व बनाएं गए बांध की फोटो एकत्रित की। किसानों का कहना हैं कि सेटेलाइट से ली गई अवैध खनन व बांध फोटो को प्रदेश के गृह मंत्री अनिज विज के समक्ष पेश कर कार्रवाई की मांग करेंगे। किसानों ने यह फोटो सोसल मीडिया पर भी पोस्ट किए हैं, ताकि क्षेत्र की जनता को भी सच्चाई का पता चल सके। किसानों का कहना है कि खनन ठेकेदार व उनके कारिंदे सचेत है कि खनन साइट पर गए हर व्यक्ति पर पैनी नजर रखते है, ताकि कोई वहां की फोटो न खींच ले। इसलिए किसानों ने अब सेटेलाइट के जरिए फोटो ली है।Body:हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी प्रदेश अध्यक्ष वरयाम सिंह क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर पीछले लंबे समय से आवाज बुलंद करते आ रहे है। इसे लेकर उन्होंने वर्ष 2०17 को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होनें कहा कि गुमथला व जठलाना क्षेत्र में रेत खनन ठेकेदारों द्वारा खनन कार्य में नियमों के विरूद्ध पानी के अंदर जाकर पोकलेन की मदद से खनन कर रहे है। जिससे तटबंधों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी में अवैध खनन व बांध की फोटो का पूरा डाटा वह कोर्ट में पेश करेंगे। वही उन्होंने बताया की यमुना नदी में अवैध खुदाई व पानी के बहाव के साथ छेड़छाड़ के कारण क्षेत्र की सैकडों एकड़ भूमि यमुना नदी के अंदर समा चुकी है। जिस कारण क्षेत्र के काफी किसान भूमिहीन हो चुके है। अगर हालात यहीं रहे तो जिन किसानों की भूमि बची है वह भी यमुना नदी में समा जाएगी। कई बार अधिकारियों के समक्ष अपनी इस समस्यां को उठा चुके है। लेकिन अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे है। Conclusion:वही इस बारे जब हमने रादौर एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा की उनके द्वारा समय समय पर ओवरलोड व यमुना की प्राकृतिक धारा को मोड़ने के मामले में कार्यवाही करते है, जबकि उसके बावजूद आप तस्वीरों में साफ़ देख सकते है की न तो खनन ठेकेदार यमुना की प्राकृतिक धारा को मोड़ने से रुक रहे है और न ही ओवरलोड पर कोई अंकुश लगता दिख रहा है। जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता भुक्त रही है।

बाईट 1 - एडवोकेट वरयाम सिंह, स्थानीय निवासी
बाईट 2 - कंवर सिंह, एसडीएम रादौर
Last Updated : Nov 30, 2019, 10:39 AM IST
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