यमुनानगर: भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के रणजीतपुर ब्लॉक अध्यक्ष रहे और हाल ही में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे कामिल हसन पर हिसार स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक ने ब्लैकमेल (hisar screening plant operator blackmail) करने का आरोप लगाया है. स्क्रीनिंग प्लांट संचालक ने बिलासपुर पुलिस को इसकी शिकायत दी है. जिसपर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
मामला सामने आने के बाद किसान यूनियन ने कामिल हसन को यूनियन से निष्कासित कर दिया है. दरअसल यमुनानगर के बिलासपुर थाना के अंतर्गत पड़ते रणजीतपुर इलाके का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें शेरगढ़ निवासी कामिल हसन एक शख्स से ₹50000 लेता दिख रहा है. वीडियो में वो नंबरदार और किसान यूनियन का नेता होने की भी धौंस दिखा रहा है. साथ ही अपनी जमीन जायदाद की धौंस दिखा रहा है.
इतना ही नहीं वो वीडियो में 5 लाख रुपए की डिमांड करता सुनाई दे रहा है. मामले में हिसार स्क्रीनिंग प्लांट संचालक ने बिलासपुर पुलिस को शिकायत दी है कि उसने साल 2021 में रणजीतपुर इलाके में स्क्रीनिंग प्लांट खरीदा था. जिसके बाद वो नियम और कायदों के अनुसार अपना काम कर रहा था. उन्होंने बताया कि शेरगढ़ में भी उन्होंने 9 एकड़ जमीन खरीदी थी, लेकिन कामिल हसन और उसके साथी शराफत और रियासत उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे.
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आरोपी उसका स्क्रीनिंग प्लांट ना चलने की भी धमकी देते थे. इसके चलते उन्होंने स्क्रीनिंग प्लांट के मालिक को बिलासपुर में बुलाया जहां पर उन्होंने ₹500000 की डिमांड की. स्क्रीनिंग प्लांट मालिक ने बताया कि उसने डर कर उनकी डिमांड भी पूरी कर दी, लेकिन बाद में वो 20 फीसदी का हिस्सा स्क्रीनिंग प्लांट में डालने का दबाव बनाने लगे. जिसके बाद तंग आकर उसने पुलिस को इसकी शिकायत दी. मामला दर्ज होने के बाद भारतीय किसान यूनियन ने कामिल हसन के खिलाफ बयान जारी करते हुए उसे यूनियन से निष्कासित कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक कामिल हसन को इस मामले से क्लीनचिट नहीं मिल जाती, तब तक उसका यूनियन से कोई नाता नहीं है.
नोट- ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टी नहीं करता.