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हथिनी कुंड बैराज की इस साल नहीं हुई मरम्मत, प्रशासन की लापरवाही पड़ सकती है भारी - Hathni Kund barrage flood

इस साल यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज की मरम्मत का कार्य नहीं करवाया गया. ऐसे में अगर हिमाचल की ओर से पानी छोड़ा गया तो बैराज को काफी नुकसान पहुंच सकता है. देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट.

Hathni Kund barrage not repaired this year
Hathni Kund barrage not repaired this year
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Published : Jun 27, 2021, 11:27 AM IST

यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज (Hathni Kund barrage) पर सिंचाई विभाग की तरफ से इस साल किसी तरह का कोई कार्य नहीं किया गया है. हर साल यहां लाखों के बजट से बैराज की सुरक्षा के लिए पत्थरों की अप्रैन और ब्लॉक लगाए जाते थे, लेकिन इस बार बैराज के नीचे किसी तरह का कोई काम नहीं किया गया है.

हथिनी कुंड बैराज का निर्माण कार्य साल 1996 से लेकर 1999 तक चला था. यानी 3 साल में करीब 300 करोड़ की लागत से ये तैयार किया गया था और इस बैराज की क्षमता 10 लाख क्यूसेक पानी झेलने की है. अब तक यहां साढ़े 8 लाख क्यूसेक पानी आ चुका है, लेकिन पानी की गति तेज होने की वजह से बैराज के आगे कटाव होने से बैराज को खतरा बना रहता है.

हथिनी कुंड बैराज की इस साल नहीं हुई मरम्मत, प्रशासन की लापरवाही कहीं भारी ना पड़ जाए

वहीं पिछले कई सालों में बैराज से कुछ ही दूरी पर अवैध खनन के चलते भी बैराज को लगातार खतरा बना हुआ है. सिंचाई विभाग की तरफ से हर साल यहां बैराज की सुरक्षा के लिए मरम्मत का कार्य करवाया जाता था और पिछले साल भी यहां पत्थरों की अप्रैन लगाई गई थी जो 70 हजार क्यूसेक पानी भी नहीं झेल पाई थी. वहीं इस साल सिंचाई विभाग ने बैराज पर किसी तरह का कोई कार्य नहीं करवाया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: गवाह पर पुलिस सुरक्षा में दिन दहाड़े चली गोलियां, बरसों पुरानी है खूनी खेल की अदावत

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसकी सुरक्षा के लिए सीडब्ल्यूपीआरएस पुणे से स्टडी करवा कर सीडब्ल्यूसी दिल्ली को रिपोर्ट भेज दी गई है. दिल्ली से रिपोर्ट आने के बाद इस पर काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले यहां बैराज की सुरक्षा के लिए टेंपरेरी काम शुरू किया गया था, जो पिछले साल खत्म हुआ. लेकिन पानी ने उसे खत्म कर दिया.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा पर बने इस हथिनी कुंड बैराज के पास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कार्य करवाने की बात कही थी. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी ये पर्यटन स्थल नहीं बनाया गया, लेकिन फिर भी यहां पर दूर-दूर के पर्यटक बैराज देखने पहुंचते हैं. अगर सिंचाई विभाग की लापरवाही की वजह से बैराज को कोई क्षति पहुंचती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज (Hathni Kund barrage) पर सिंचाई विभाग की तरफ से इस साल किसी तरह का कोई कार्य नहीं किया गया है. हर साल यहां लाखों के बजट से बैराज की सुरक्षा के लिए पत्थरों की अप्रैन और ब्लॉक लगाए जाते थे, लेकिन इस बार बैराज के नीचे किसी तरह का कोई काम नहीं किया गया है.

हथिनी कुंड बैराज का निर्माण कार्य साल 1996 से लेकर 1999 तक चला था. यानी 3 साल में करीब 300 करोड़ की लागत से ये तैयार किया गया था और इस बैराज की क्षमता 10 लाख क्यूसेक पानी झेलने की है. अब तक यहां साढ़े 8 लाख क्यूसेक पानी आ चुका है, लेकिन पानी की गति तेज होने की वजह से बैराज के आगे कटाव होने से बैराज को खतरा बना रहता है.

हथिनी कुंड बैराज की इस साल नहीं हुई मरम्मत, प्रशासन की लापरवाही कहीं भारी ना पड़ जाए

वहीं पिछले कई सालों में बैराज से कुछ ही दूरी पर अवैध खनन के चलते भी बैराज को लगातार खतरा बना हुआ है. सिंचाई विभाग की तरफ से हर साल यहां बैराज की सुरक्षा के लिए मरम्मत का कार्य करवाया जाता था और पिछले साल भी यहां पत्थरों की अप्रैन लगाई गई थी जो 70 हजार क्यूसेक पानी भी नहीं झेल पाई थी. वहीं इस साल सिंचाई विभाग ने बैराज पर किसी तरह का कोई कार्य नहीं करवाया है.

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सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसकी सुरक्षा के लिए सीडब्ल्यूपीआरएस पुणे से स्टडी करवा कर सीडब्ल्यूसी दिल्ली को रिपोर्ट भेज दी गई है. दिल्ली से रिपोर्ट आने के बाद इस पर काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले यहां बैराज की सुरक्षा के लिए टेंपरेरी काम शुरू किया गया था, जो पिछले साल खत्म हुआ. लेकिन पानी ने उसे खत्म कर दिया.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा पर बने इस हथिनी कुंड बैराज के पास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कार्य करवाने की बात कही थी. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी ये पर्यटन स्थल नहीं बनाया गया, लेकिन फिर भी यहां पर दूर-दूर के पर्यटक बैराज देखने पहुंचते हैं. अगर सिंचाई विभाग की लापरवाही की वजह से बैराज को कोई क्षति पहुंचती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

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