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देश भर में हरियाणा के सुभाष कंबोज की चर्चा: मधुमक्खी पालन का ऐसा चढ़ा खुमार... अब कारोबार पहुंचा करोड़ों के पार

भारत कृषि प्रधान देश है, यहां खेती प्रमुख व्यवसाय है. लेकिन, बदलते समय के साथ-साथ अन्नदाता परंपरागत खेती से हटकर अन्य प्रयोग भी कर रहे हैं ताकि आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. वहीं, हरियाणा के यमुनानगर के प्रगतिशील किसान सुभाष कंबोज ने मधुमक्खी फार्मिंग कर ऐसी सफलता हासिल की है जिसकी चर्चा देशभर में होती है. सुभाष की तारीफ पीएम मोदी भी कर चुके हैं. वहीं, सुभाष सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं... (Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business)

Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business
यमुनानगर के मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज
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Published : Jun 11, 2023, 11:14 AM IST

देश भर में हरियाणा के सुभाष कंबोज की चर्चा.

यमुनानगर: बदलते समय के साथ-साथ किसान अब धान, गेहूं, गन्ना जैसी परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग करने का भी जोखिम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. हरियाणा के यमुनानगर के एक छोटे से गांव के रहने वाले सुभाष कंबोज एक प्रगतिशील किसान बन चुके हैं, कॉलेज से बीएड करने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करने वाले सुभाष कंबोज को मधुमक्खी पालन का ऐसा जुनून चढ़ा कि 6 बॉक्स से शुरू करने वाला सुभाष कंबोज आज करोड़ों का बिजनेस कर रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में दो बार इस किसान की चर्चा करते हुए कहा था कि यह ऐसे किसान हैं जो दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. दूसरे किसानों को भी इस किसान से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए.

Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business
पीएम मोदी भी कर चुके हैं यमुनानगर के मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज की तारीफ.

5,500 रुपए से शुरू किया था काम: सुभाष कंबोज की जिंदगी भी बिल्कुल एक ऐसे किसान की लगती है जैसे फिल्मों में दिखाई जाती है. छोटे से किसान के परिवार में पढ़ने वाले सुभाष कंबोज ने बीएड करने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी शुरू कर दी और बच्चों को पढ़ाने लगे. इसी दौरान सुभाष कंबोज के सिर पर मधुमक्खी पालन का ऐसा जुनून सवार हुआ कि रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर 5,500 रुपए से काम शुरू किया. धीरे-धीरे मक्खी का कारोबार बढ़ने लगा. वहीं, मधुमक्खियों से पैदा होने वाला शहद दूसरे राज्य में बिकने के लिए जाने लगा और सुभाष कंबोज ने खेती के साथ-साथ अपने ही खेतों में मधुमक्खियों के डिब्बे रखने शुरू कर दिए. आज सुभाष इस मधुमक्खी पालन के माध्यम से करोड़ों का कारोबार कर रहे. साथ ही साथ 15 से 16 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business
यमुनानगर मे सुभाष कंबोज का मधुमक्खी पालन केंद्र.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में परंपरागत खेती छोड़ पॉली हाउस में खेती कर किसान हो रहे मालामाल, सरकार भी दे रही सब्सिडी

एक ओर जिस तरह से आज के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार भी किसानों को अनुदान देकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जा रहा है. ताकि खेती में किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी पेश न आए.

अलग-अलग किस्म के शहद: यमुनानगर के गांव हाफिज पुर के सुभाष कंबोज ने बताया कि वह अलग-अलग राज्यों में जाकर अलग-अलग किस्म के शहद तैयार कर रहे है. जैसे अजवाइन का शहद, नीम का शहद, आंवले का शहद, लीची का शहद, अमरूद का शहद और अन्य कई प्रकार के शहद तैयार किए जा रहे हैं. सुभाष कंबोज का कहना है कि सरकार की तरफ से भी इसके लिए समय-समय पर सहयोग और अनुदान मिलता रहता है.

Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business
अलग-अलग किस्म के शहद तैयार कर चुके हैं सुभाष कंबोज.

कई राज्यों में शहद की सप्लाई: सुभाष करीब 25 किस्म का शहद तैयार करते हैं. इसके अलावा मोम, कॉम्ब हनी, बी प्रोपोलिस, वीवनम, रॉयल जेली और बी पोलन भी तैयार करते हैं. आज सुभाष कंबोज के प्रोडक्ट कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कोलकाता, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में बिक रहा है. उनके इस काम के लिए हरियाणा सरकार तो सम्मानित कर ही चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी भी मन की बात में सुभाष कंबोज की सराहना कर चुके हैं. पीएम मोदी सुभाष कंबोज के इस कारोबार के मुरीद हैं.

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यमुनानगर के मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज को अब तक कई बार मिल चुका सम्मान.

मधुमक्खी पालन पर 85 फीसदी सब्सिडी: वहीं, हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि जो किसान मधुमक्खी पालन का काम करते हैं, उन्हें सरकार की ओर से 85 फीसदी सब्सिडी दी जाती है यदि कोई किसान मधुमक्खी खरीदना चाहता है तो 75 फीसदी सब्सिडी उस पर दी जाती है. अधिकारी ने कहा कि किसानों के लिए खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन पालन जैसा करने से उसकी आई में आमदनी होती है.

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प्रगतिशील किसान सुभाष कंबोज का कारोड़ों में मधुमक्खी पालन कारोबार.

ये भी पढ़ें: हरियाणा का किसान दशकों से कर रहा जैविक खेती, लाखों में है सालाना कमाई, इस चीज के लिए हो चुके सम्मानित

देश भर में हरियाणा के सुभाष कंबोज की चर्चा.

यमुनानगर: बदलते समय के साथ-साथ किसान अब धान, गेहूं, गन्ना जैसी परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग करने का भी जोखिम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. हरियाणा के यमुनानगर के एक छोटे से गांव के रहने वाले सुभाष कंबोज एक प्रगतिशील किसान बन चुके हैं, कॉलेज से बीएड करने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करने वाले सुभाष कंबोज को मधुमक्खी पालन का ऐसा जुनून चढ़ा कि 6 बॉक्स से शुरू करने वाला सुभाष कंबोज आज करोड़ों का बिजनेस कर रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में दो बार इस किसान की चर्चा करते हुए कहा था कि यह ऐसे किसान हैं जो दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. दूसरे किसानों को भी इस किसान से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए.

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पीएम मोदी भी कर चुके हैं यमुनानगर के मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज की तारीफ.

5,500 रुपए से शुरू किया था काम: सुभाष कंबोज की जिंदगी भी बिल्कुल एक ऐसे किसान की लगती है जैसे फिल्मों में दिखाई जाती है. छोटे से किसान के परिवार में पढ़ने वाले सुभाष कंबोज ने बीएड करने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी शुरू कर दी और बच्चों को पढ़ाने लगे. इसी दौरान सुभाष कंबोज के सिर पर मधुमक्खी पालन का ऐसा जुनून सवार हुआ कि रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर 5,500 रुपए से काम शुरू किया. धीरे-धीरे मक्खी का कारोबार बढ़ने लगा. वहीं, मधुमक्खियों से पैदा होने वाला शहद दूसरे राज्य में बिकने के लिए जाने लगा और सुभाष कंबोज ने खेती के साथ-साथ अपने ही खेतों में मधुमक्खियों के डिब्बे रखने शुरू कर दिए. आज सुभाष इस मधुमक्खी पालन के माध्यम से करोड़ों का कारोबार कर रहे. साथ ही साथ 15 से 16 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

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यमुनानगर मे सुभाष कंबोज का मधुमक्खी पालन केंद्र.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में परंपरागत खेती छोड़ पॉली हाउस में खेती कर किसान हो रहे मालामाल, सरकार भी दे रही सब्सिडी

एक ओर जिस तरह से आज के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार भी किसानों को अनुदान देकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जा रहा है. ताकि खेती में किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी पेश न आए.

अलग-अलग किस्म के शहद: यमुनानगर के गांव हाफिज पुर के सुभाष कंबोज ने बताया कि वह अलग-अलग राज्यों में जाकर अलग-अलग किस्म के शहद तैयार कर रहे है. जैसे अजवाइन का शहद, नीम का शहद, आंवले का शहद, लीची का शहद, अमरूद का शहद और अन्य कई प्रकार के शहद तैयार किए जा रहे हैं. सुभाष कंबोज का कहना है कि सरकार की तरफ से भी इसके लिए समय-समय पर सहयोग और अनुदान मिलता रहता है.

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अलग-अलग किस्म के शहद तैयार कर चुके हैं सुभाष कंबोज.

कई राज्यों में शहद की सप्लाई: सुभाष करीब 25 किस्म का शहद तैयार करते हैं. इसके अलावा मोम, कॉम्ब हनी, बी प्रोपोलिस, वीवनम, रॉयल जेली और बी पोलन भी तैयार करते हैं. आज सुभाष कंबोज के प्रोडक्ट कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कोलकाता, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में बिक रहा है. उनके इस काम के लिए हरियाणा सरकार तो सम्मानित कर ही चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी भी मन की बात में सुभाष कंबोज की सराहना कर चुके हैं. पीएम मोदी सुभाष कंबोज के इस कारोबार के मुरीद हैं.

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यमुनानगर के मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज को अब तक कई बार मिल चुका सम्मान.

मधुमक्खी पालन पर 85 फीसदी सब्सिडी: वहीं, हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि जो किसान मधुमक्खी पालन का काम करते हैं, उन्हें सरकार की ओर से 85 फीसदी सब्सिडी दी जाती है यदि कोई किसान मधुमक्खी खरीदना चाहता है तो 75 फीसदी सब्सिडी उस पर दी जाती है. अधिकारी ने कहा कि किसानों के लिए खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन पालन जैसा करने से उसकी आई में आमदनी होती है.

Yamunanagar beekeeper Subhash Kamboj beekeeping business
प्रगतिशील किसान सुभाष कंबोज का कारोड़ों में मधुमक्खी पालन कारोबार.

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