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ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर हड़पे 10 लाख रुपये, धोखाधड़ी और इमीग्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज - yamunanagar 10 lakh rupees fraud

यमुनानगर में एक शख्स के साथ विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में आरोपी ने पीड़ित से ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 10 लाख रुपये लिए और बाद में जब वीजा नहीं लगा तो पैसे लौटाने से मना कर दिया और जान से मारने की धमकी भी दी.

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Published : May 21, 2021, 9:24 AM IST

यमुनानगर: जगाधरी स्थित ग्रीन विहार कॉलोनी निवासी रणजीत सिंह से ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर एक व्यक्ति ने 10 लाख रुपये हड़प लिए. आरोपी ने ऑस्ट्रेलिया भेजने के लिए 12 लाख रुपये में सौदा तय किया था. 2 लाख रुपये वीजा लगने के बाद देने तय हुए थे, लेकिन 10 लाख रुपये लेकर आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा और ना ही उसका पासपोर्ट वापस किया. पुलिस ने रणजीत सिंह की शिकायत पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

रणजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2018 में उसकी मुलाकात गोमती मोहल्ला जगाधरी निवासी अंकुश शर्मा के साथ हुई थी. आरोपी का जगाधरी लक्कड़ मंडी में एक दुकान पर आना जाना था, जहां उससे उसकी मुलाकात हुई. अंकुश शर्मा ने उसे कहा कि उसके काफी रिश्तेदार ऑस्ट्रेलिया में गए हुए हैं और कई रिश्तेदारों को वहां की पीआर मिली हुई है.

उसने कहा कि वो कई लोगों की ऑस्ट्रेलिया में नौकरी लगवा चुका है. अब वो वहां रहकर दो से ढाई लाख रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं. आरोपी की बातें सुनकर उसे भी ऑस्ट्रेलिया जाकर पैसे कमाने की इच्छा हुई और वो उसकी बातों में आ गया. आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 12 लाख रुपये खर्च आने की बात कही. जिसमें से 10 लाख रुपये पहले और दो लाख रुपये वीजा लगने के बाद देने तय हुए.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: 15 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में दो बेटों समेत आरटीआई एक्टिविस्ट गिरफ्तार

रणजीत ने बताया कि उसने जुलाई 2018 से जनवरी 2019 तक 10 लाख रुपये, पासपोर्ट, आईडी, फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज दे दिए. आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया के वीजा की फाइल का काम 6 महीने में पूरा होने की बात कही. वीजा लगते ही आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने की बात कही. लेकिन निर्धारित समय के बाद भी आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा.

जब रणजीत ने इस संबंध में आरोपी से बात की तो उसने कहा कि जाने की तैयारी रखो वीजा लगते ही ऑस्ट्रेलिया भेज दिया जाएगा. मई 2019 में जब दोबारा उससे बातचीत की तो उसने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार नए वीजा जारी नहीं कर रही है. नए वीजा अगले साल की शुरुआत में खुल जाएंगे. जिस पर उसने उससे अपना पासपोर्ट और पैसे वापस मांगे.

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आरोपी ने रणजीत को 10 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन चेक बाउंस हो गया. जब उसने इस संबंध में आरोपी से बातचीत की तो उसने उसे पैसे और वीजा देने से साफ मना कर दिया और दोबारा पैसे मांगने पर उसे झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी. परेशान होकर उसने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी.

पुलिस का कहना है कि आरोपी अंकुश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और इमीग्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. पुलिस का कहना है कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

यमुनानगर: जगाधरी स्थित ग्रीन विहार कॉलोनी निवासी रणजीत सिंह से ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर एक व्यक्ति ने 10 लाख रुपये हड़प लिए. आरोपी ने ऑस्ट्रेलिया भेजने के लिए 12 लाख रुपये में सौदा तय किया था. 2 लाख रुपये वीजा लगने के बाद देने तय हुए थे, लेकिन 10 लाख रुपये लेकर आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा और ना ही उसका पासपोर्ट वापस किया. पुलिस ने रणजीत सिंह की शिकायत पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

रणजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2018 में उसकी मुलाकात गोमती मोहल्ला जगाधरी निवासी अंकुश शर्मा के साथ हुई थी. आरोपी का जगाधरी लक्कड़ मंडी में एक दुकान पर आना जाना था, जहां उससे उसकी मुलाकात हुई. अंकुश शर्मा ने उसे कहा कि उसके काफी रिश्तेदार ऑस्ट्रेलिया में गए हुए हैं और कई रिश्तेदारों को वहां की पीआर मिली हुई है.

उसने कहा कि वो कई लोगों की ऑस्ट्रेलिया में नौकरी लगवा चुका है. अब वो वहां रहकर दो से ढाई लाख रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं. आरोपी की बातें सुनकर उसे भी ऑस्ट्रेलिया जाकर पैसे कमाने की इच्छा हुई और वो उसकी बातों में आ गया. आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 12 लाख रुपये खर्च आने की बात कही. जिसमें से 10 लाख रुपये पहले और दो लाख रुपये वीजा लगने के बाद देने तय हुए.

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रणजीत ने बताया कि उसने जुलाई 2018 से जनवरी 2019 तक 10 लाख रुपये, पासपोर्ट, आईडी, फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज दे दिए. आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया के वीजा की फाइल का काम 6 महीने में पूरा होने की बात कही. वीजा लगते ही आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने की बात कही. लेकिन निर्धारित समय के बाद भी आरोपी ने उसे ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा.

जब रणजीत ने इस संबंध में आरोपी से बात की तो उसने कहा कि जाने की तैयारी रखो वीजा लगते ही ऑस्ट्रेलिया भेज दिया जाएगा. मई 2019 में जब दोबारा उससे बातचीत की तो उसने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार नए वीजा जारी नहीं कर रही है. नए वीजा अगले साल की शुरुआत में खुल जाएंगे. जिस पर उसने उससे अपना पासपोर्ट और पैसे वापस मांगे.

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आरोपी ने रणजीत को 10 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन चेक बाउंस हो गया. जब उसने इस संबंध में आरोपी से बातचीत की तो उसने उसे पैसे और वीजा देने से साफ मना कर दिया और दोबारा पैसे मांगने पर उसे झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी. परेशान होकर उसने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी.

पुलिस का कहना है कि आरोपी अंकुश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और इमीग्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. पुलिस का कहना है कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

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