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जमीन धोखाधड़ी मामला, पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा - शेर सिंह बड़शामी जेबीटी घोटाला

इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी का दो दिन का पुलिस रिमांड आज पूरा हो रहा है. रादौर पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने बड़शामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा हैं. बड़शामी के वकील द्वारा जमानत के लिए लगाई गई अर्जी पर 6 दिसंबर को फैसला होगा.

sher singh badshami
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Published : Dec 4, 2019, 6:23 PM IST

यमुनानगर: जमीन धोखाधड़ी के एक मामले में इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी और जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सजायाफ्ता को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से पूर्व विधायक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में हैं सजायाफ्ता
गौरतलब है कि जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सजायाफ्ता और लंबे समय से जमानत पर बाहर रह रहे इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी ने 29 नवंबर को अचानक रादौर थाने में सरेंडर कर दिया था. जबकि जेबीटी भर्ती घोटाले में जमानत याचिका रद्द होने के चलते सीबीआई भी उन्हें गिरफ्तार करने की फिराक में थी. इसी दौरान हरियाणा पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर 2 दिन के रिमांड पर ले लिया था.

पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

सीबीआई भी निकली थी गिरफ्तारी के लिए
जेबीटी भर्ती घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला के साथ बड़शामी को 10 साल की सजा हुई थी. लंबे समय से शेर सिंह बडशामी मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर बाहर थे. गत सितंबर में दिल्ली में कोर्ट ने बड़शामी को सरेंडर करने के आदेश दिए, पर बड़शामी ने ऊपरी अदालत में अपील की. वहां भी अपील रद्द हो गई. लेकिन बड़शामी ने सरेंडर नहीं किया. इस पर दिल्ली से 6 सदस्यीय सीबीआई टीम बड़शामी की गिरफ्तारी के लिए रादौर पहुंची थी.

ये भी पढ़ें: फेसबुक फ्रेंड से मिलने पाकिस्तान पहुंची रोहतक की सिख युवती, पाक रेंजरों ने भारत को सौंपा

ये है जमीन का मामला
बड़शामी 2009 में लाडवा से इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक रह चुके हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के मीडिया एडवाइजर और चौटाला सरकार में एचपीएसी सदस्य भी रह चुके हैं. ताजा जमीन धोखाधड़ी मामले में गांव खुर्दबन निवासी कर्मवीर ने रादौर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2 जुलाई 2016 को कुछ लोगों ने उनकी 96 कनाल 10 मरले भूमि को बेचने के लिये फर्जी दस्तावेज तैयार किये. जिसके आधार पर फर्जी दस्तावेजों से उनकी भूमि का इकरारनामा तैयार किया गया.

इकरारनामे से कुछ लोगों ने उनकी भूमि दिखाकर लाखों रुपये ऐंठ लिए. उन्होंने इसकी शिकायत कोर्ट में दी. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 27 नवंबर को कुरुक्षेत्र निवासी शेर सिंह, गुरुग्राम के कटारिया मोहल्ला निवासी ईश्वर सिंह व कर्म सिंह के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.

ये था जेबीटी भर्ती घोटाला
कोर्ट के आदेश पर साल 2003 में सीबीआई ने जूनियर बेसिक ट्रेंड यानि जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले की जांच शुरू की थी. घोटाला उजागर होने पर जनवरी 2004 में ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला सहित 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जनवरी 2013 में ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला को 10-10 साल की सजा सुनाई थी. 10 साल की सजा पाने वाले बाकी दोषियों में आईएएस अधिकारी संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर और विधायक शेर सिंह बड़शामी भी शामिल थे.

ये पढ़ें- पानीपत: हैदराबाद रेप केस से वकीलों में रोष, दुष्कर्म आरोपियों का केस नहीं लड़ने की खाई शपथ

यमुनानगर: जमीन धोखाधड़ी के एक मामले में इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी और जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सजायाफ्ता को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से पूर्व विधायक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में हैं सजायाफ्ता
गौरतलब है कि जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सजायाफ्ता और लंबे समय से जमानत पर बाहर रह रहे इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी ने 29 नवंबर को अचानक रादौर थाने में सरेंडर कर दिया था. जबकि जेबीटी भर्ती घोटाले में जमानत याचिका रद्द होने के चलते सीबीआई भी उन्हें गिरफ्तार करने की फिराक में थी. इसी दौरान हरियाणा पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर 2 दिन के रिमांड पर ले लिया था.

पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

सीबीआई भी निकली थी गिरफ्तारी के लिए
जेबीटी भर्ती घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला के साथ बड़शामी को 10 साल की सजा हुई थी. लंबे समय से शेर सिंह बडशामी मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर बाहर थे. गत सितंबर में दिल्ली में कोर्ट ने बड़शामी को सरेंडर करने के आदेश दिए, पर बड़शामी ने ऊपरी अदालत में अपील की. वहां भी अपील रद्द हो गई. लेकिन बड़शामी ने सरेंडर नहीं किया. इस पर दिल्ली से 6 सदस्यीय सीबीआई टीम बड़शामी की गिरफ्तारी के लिए रादौर पहुंची थी.

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ये है जमीन का मामला
बड़शामी 2009 में लाडवा से इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक रह चुके हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के मीडिया एडवाइजर और चौटाला सरकार में एचपीएसी सदस्य भी रह चुके हैं. ताजा जमीन धोखाधड़ी मामले में गांव खुर्दबन निवासी कर्मवीर ने रादौर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2 जुलाई 2016 को कुछ लोगों ने उनकी 96 कनाल 10 मरले भूमि को बेचने के लिये फर्जी दस्तावेज तैयार किये. जिसके आधार पर फर्जी दस्तावेजों से उनकी भूमि का इकरारनामा तैयार किया गया.

इकरारनामे से कुछ लोगों ने उनकी भूमि दिखाकर लाखों रुपये ऐंठ लिए. उन्होंने इसकी शिकायत कोर्ट में दी. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 27 नवंबर को कुरुक्षेत्र निवासी शेर सिंह, गुरुग्राम के कटारिया मोहल्ला निवासी ईश्वर सिंह व कर्म सिंह के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.

ये था जेबीटी भर्ती घोटाला
कोर्ट के आदेश पर साल 2003 में सीबीआई ने जूनियर बेसिक ट्रेंड यानि जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले की जांच शुरू की थी. घोटाला उजागर होने पर जनवरी 2004 में ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला सहित 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जनवरी 2013 में ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला को 10-10 साल की सजा सुनाई थी. 10 साल की सजा पाने वाले बाकी दोषियों में आईएएस अधिकारी संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर और विधायक शेर सिंह बड़शामी भी शामिल थे.

ये पढ़ें- पानीपत: हैदराबाद रेप केस से वकीलों में रोष, दुष्कर्म आरोपियों का केस नहीं लड़ने की खाई शपथ

Intro:

एंकर लाडवा से इनेलो के पूर्व विधायक रहे शेर सिंह बड़शामी को न्यायालय ने 14 दिन के के लिए जुडिशल लॉकअप में भेजा हैं। बड़शामी के वकील द्वारा जमानत के लिए लगाई गई अर्जी पर 6 दिसंबर को फैसला होगा

Body:वीओ यमुनानगर के न्यायालय में आज दो दिन का पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद बड़शामी को फिर से न्यायालय में पेश करके पुलिस ने बड़शामी का रिमांड मांगा था लेकिन न्यायाधीश ने बड़शामी को 14 दिन के लिए जुडिशल लॉकअप में भेजने के आदेश दिए वही वर्षा मी की जमानत की अर्जी पर न्यायालय ने 6 दिसंबर को सुनवाई करने की बात कही है। जिला सहायक न्याय वादी अरुण कुमार ने बताया कि ज़मीन के जाली कागज़ बनाकर रजिस्ट्री करवाने के मामले में रादौर पुलिस ने बड़शामी को गिरफ्तार करके न्यायालय पेश किया था।

बाइट अरुण कुमार जिला सहायक न्याय वादी
बाइट थाना प्रभारी रदौर

बड़शामी 2009 में लाडवा से इंडियन नैशनल लोकदल के विधायक रह चुके है
वह पूर्व मुख्यमंत्री ओ पी चौटाला के मीडिया एडवाइजर और चौटाला सरकार में एचपीएसी सदस्य भी रह चुके है

Conclusion:
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