यमुनानगर: भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व उपकप्तान और ओलंपियन दीपिका ठाकुर अर्जुन अवॉर्ड मिलने के बाद पहली बार यमुनानगर स्थित अपने घर पहुंची. उनके घर पर पहुंचने पर परिजन और खेल प्रेमियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. दीपिका ठाकुर ने दावा किया कि वो आने वाले ओलंपिक में भाग लेंगी.
अर्जुन अवॉर्ड मिलने पर दीपिका ने बेहद खुशी जताई. उन्होंने कहा कि ये अवॉर्ड उन्हें 3 साल पहले मिल जाना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से उन्हें अवॉर्ड ऑनलाइन दिया गया है. जिसका उन्हें जिंदगी भर मलाल रहेगा. उनका सपना था कि वो राष्ट्रपति के हाथों अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करें.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों डिलीवरी के बाद से उन्होंने मैदान में जाना बंद कर दिया था, लेकिन अब रेलवे की ओर से वो एक बार फिर मैदान में उतर चुकी हैं. वो अगले साल आयोजित होने वाली हॉकी प्रतियोगिता में भाग लेंगी.
उन्होंने कहा कि हरियाणा के खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह को वो अपना आदर्श मानती हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह संदीप सिंह को फ्लिकर सिंह के नाम से जाना जाता है. उन्होंने भी देखकर वैसा ही करने की कोशिश की लेकिन असफल रहीं.
ये भी पढ़ें:-कृषि कानून को लेकर अब सांसद सुनीता दुग्गल करेंगी किसानों को जागरूक
जानें कौन हैं दीपिका ठाकुर?
- दीपिका ठाकुर का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ.
- उनके स्वर्गवासी पिता राम नारायण ठाकुर यमुनानगर स्थित पेपर मिल में काम करते थे. उनका बचपन पेपर मिल में ही व्यतीत हुआ.
- उन्होने पेपर मिल में खेल रहे बच्चों को देखकर अपने लक्ष्य का रास्ता तैयार किया.
- स्कूल में दीपिका ने हॉकी थाम ली.
- दीपिका ने यमुनानगर में कोच दविंद्र साहनी से कोचिंग ली.
- आगे की पढ़ाई के लिए दीपिका चंडीगढ़ गई और यहां कोच जसविंद्र सिंह से तैयारी की.
- 2004 में दीपिका को अपनी मंजिल का पहला पड़ाव मिला और उनका चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ.
- हर प्वाइंट पर फ्लो कर हिट करने वाली दीपिका 240 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं.
- 2016 में रियो ओलम्पिक गेम्स में दीपिका भारतीय टीम की उपकप्तानी कर चुकी हैं