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यमुना नदी के पानी से यमुनानगर के गांवों में आई तबाही, लोगों को मदद का इंतजार - यमुना का पानी

यमुना में छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक पानी से यमुना किनारे बसे गांवों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. यहां यमुना का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है और खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद हो चुकी है.

यमुनानगर में बाढ़ के हालात
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Published : Aug 19, 2019, 9:56 PM IST

यमुनानागर: 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना उफान पर आ गई है. ये पानी यमुना के साथ लगते गांवों में तबाही मचा रहा है. यमुनानगर के दर्जन भर गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. ऐसे हालात में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे जिला प्रशासन की तरफ भी लोगों में रोष है. ईटीवी भारत की टीम इन गांवों को दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत की.

यमुना के पानी से गांवों में आई तबाही, देखिए ये वीडियो

पहाड़ों से उतरकर मैदानी इलाकों में बहने वाली यमुना ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. हथनी कुंड बैराज से कल कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया जो कि 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंच जाएगा. पानी का बहाव तेज होने के कारण यह पानी यमुना के साथ लगते कई गांवों में घुस गया है और वहां पर लोगों के घरों और खेतों में तबाही मचा रहा है.

लोगों का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है. घर का सारा सामान, खाने तक का राशन भी खराब हो चुका है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक उनको कोई सहायता नहीं मिली है. कल से ही बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है और ऐसे में लोगों को खाने के भी लाले पड़ चुके हैं. प्रशासनिक अधिकारी गांव में खानापूर्ति करने के लिए जाते हैं और रसूखदार लोगों के घरों में चाय पानी पीकर वापस आ जाते हैं.

गांव वासियों का कहना है कि हर साल बाढ़ आती है और हर साल उनके घरों में ऐसे ही नुकसान होता है. उनके खेतों में पानी भर जाता है जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं. लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत कार्यों के लिए सरकार और प्रशासन इतना पैसा खर्च करता है लेकिन अगर इस पैसे को सही ढंग से लगाया जाए तो इन गांव में काफी सुधार आ सकता है.

यमुनानागर: 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना उफान पर आ गई है. ये पानी यमुना के साथ लगते गांवों में तबाही मचा रहा है. यमुनानगर के दर्जन भर गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. ऐसे हालात में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे जिला प्रशासन की तरफ भी लोगों में रोष है. ईटीवी भारत की टीम इन गांवों को दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत की.

यमुना के पानी से गांवों में आई तबाही, देखिए ये वीडियो

पहाड़ों से उतरकर मैदानी इलाकों में बहने वाली यमुना ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. हथनी कुंड बैराज से कल कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया जो कि 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंच जाएगा. पानी का बहाव तेज होने के कारण यह पानी यमुना के साथ लगते कई गांवों में घुस गया है और वहां पर लोगों के घरों और खेतों में तबाही मचा रहा है.

लोगों का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है. घर का सारा सामान, खाने तक का राशन भी खराब हो चुका है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक उनको कोई सहायता नहीं मिली है. कल से ही बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है और ऐसे में लोगों को खाने के भी लाले पड़ चुके हैं. प्रशासनिक अधिकारी गांव में खानापूर्ति करने के लिए जाते हैं और रसूखदार लोगों के घरों में चाय पानी पीकर वापस आ जाते हैं.

गांव वासियों का कहना है कि हर साल बाढ़ आती है और हर साल उनके घरों में ऐसे ही नुकसान होता है. उनके खेतों में पानी भर जाता है जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं. लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत कार्यों के लिए सरकार और प्रशासन इतना पैसा खर्च करता है लेकिन अगर इस पैसे को सही ढंग से लगाया जाए तो इन गांव में काफी सुधार आ सकता है.

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यमुना के पानी से गांवों में आई तबाही, लोगों को मदद का इंतजार 



यमुना में छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक पानी से किनारे बसे गांवों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. यहां यमुना का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है और खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद हो चुकी है.



यमुनानागर: 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना उफान पर आ गई है. ये पानी यमुना के साथ लगते गांवों में तबाही मचा रहा है. यमुनानगर के दर्जन भर गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. ऐसे हालात में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे जिला प्रशासन की तरफ भी लोगों में रोष है. ईटीवी भारत की टीम इन गांवों को दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत की.

पहाड़ों से उतरकर मैदानी इलाकों में बहने वाली यमुना ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. हथनी कुंड बैराज से कल कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया जोकि 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंच जाएगा. पानी का बहाव तेज होने के कारण यह पानी यमुना के साथ लगते कई गांवों में घुस गया है और वहां पर लोगों के घरों और खेतों में तबाही मचा रहा है. 

लोगों का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है. घर का सारा सामान, खाने तक का राशन भी खराब हो चुका है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक उनको कोई सहायता नहीं मिली है. कल से ही बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है और ऐसे में लोगों को खाने के भी लाले पड़ चुके हैं. प्रशासनिक अधिकारी गांव में खानापूर्ति करने के लिए जाते हैं और रसूखदार लोगों के घरों में चाय पानी पीकर वापस आ जाते हैं.

गांव वासियों का कहना है हर साल बाढ़ आती है और हर साल उनके घरों में ऐसे ही नुकसान होता है. उनके खेतों में पानी भर जाता है जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं. लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत कार्यों के लिए सरकार और प्रशासन इतना पैसा खर्च करता है लेकिन अगर इस पैसे को सही ढंग से लगाया जाए तो इन गांव में काफी सुधार आ सकता है.

 


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