यमुनानगर: रादौर थाना प्रभारी की पिटाई करने का मामला सामने आया है. रादौर के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा (former MLA shyam singh rana) के बेटे नेपाल राणा (nepal rana) और कई अन्य लोगों पर पिटाई करने के आरोप लगे हैं और यमुनानगर सदर थाना में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. जब मीडियाकर्मी रादौर थाना एसएचओ से बात करने पहुंचे तो वे अपने पूरे स्टाफ समेत थाने से निकल गए. घंटों के इंतजार के बाद भी वे कुर्सियों पर वापस नहीं लौटे जिसके बाद इस मामले मे रादौर डीएसपी से बातचीत की गई और उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में मीडिया के माध्यम से ही आया है. वहीं श्याम सिंह राणा ने इसे सरकार का राजनीतिक षडयंत्र बताया है.
यमुनानगर में रादौर थाना प्रभारी ने पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के बेटे नेपाल राणा पर मारपीट करने और हमले की साजिश रचने के आरोप लगाए हैं. दरअसल बीती 30 जुलाई को ओड कॉलोनी रादौर निवासी अनिल कुमार की मौत के मामले में शव का 31 जुलाई को पोस्टमार्टम के बाद शव एंबुलेस से रादौर ले जाया जा रहा था. आरोप है कि जब वे धौडंग गांव के पास पहुंचे तो वहां गांव रादौरी निवासी गौरव, नरेंद्र, जुब्बल निवासी दीपक और अन्य लोगों ने उन्हें रोक लिया और उन्होंने एसएचओ को गाड़ी से जबरदस्ती बाहर निकाल लिया.
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आरोप है कि जब अनिल कुमार का पोस्टमार्टम चल रहा था तब भी श्याम सिंह राणा के बेटे ने एसएचओ को सरकारी नंबर पर कॉल कर जान से मारने की धमकी दी. वहीं जब आज मीडियाकर्मी रादौर पुलिस थाना में एसएचओ से उनका पक्ष जानने पहुंचे तो वे मीडियाकर्मियों को देख थाने के पूरे स्टाफ को लेकर वहां से निकल गए. मीडियाकर्मी एसएचओ और थाने के अन्य स्टाफ का घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन वे वापस नहीं लौटे. जिसके बाद इस मामले में रादौर के डीएसपी से बातचीत की गई.
डीएसपी रजत गुलिया का कहना था कि उनके संज्ञान में ये मामला मीडिया के माध्यम से ही पहुंचा है और सदर थाना पुलिस इसकी जांच कर रही है. उनका कहना था कि फिलहाल इस मामले में जांच की जाएगी. वहीं जब उनसे सवाल किया गया कि घटना की सूचना मिलने पर आप मौके पर पहुंचे थे तो उनका कहना था कि उनके सामने ऐसा कुछ नहीं हुआ. वहीं रादौर पुलिस थाने के स्टाफ का मीडियाकर्मियों को देखकर गायब होने के सवाल पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
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इस मामले में जब नेपाल राणा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने एसएचओ को फोन जरूर किया था, लेकिन मामले में निष्पक्ष जांच के लिए फोन किया गया था और जिस तरह से रादौर थाना प्रभारी उन पर आरोप लगा रहे हैं वे बिल्कुल निराधार हैं. वे इसकी जांच के लिए तैयार हैं यदि वे दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें हर सजा मंजूर है. वहीं इस मामले में श्याम सिंह राणा का कहना था कि ये एक राजनीतिक षड़यंत्र है. उनके बेटे को झूठे केस में फंसाने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले भी सरकार के नुमाइंदे उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक झूठी वीडियो वायरल कर षडयंत्र रचने की कोशिश कर चुके हैं.
बता दें कि, श्याम सिंह राणा 2014 में बीजेपी की टिकट पर रादौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे और उन्हें सरकार में सीपीएस का पद भी दिया गया था जो न्यायालय के आदेशों के बाद उनसे वापस ले लिया गया था. वहीं 2019 के चुनाव के दौरान बीजेपी ने उनका टिकट काटकर कर्णदेव कांबोज को टिकट दे दिया था. चुनाव के कुछ समय बाद उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था और वे इनेलो में शामिल हो गए थे. अब उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर यमुनानगर जिले में राजनीति गर्मा गई है. क्योंकि श्याम सिंह राणा ने सीधे-सीधे इसे एक राजनीतिक षडयंत्र बताया है.
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