यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर सरस्वती शुगर मिल (Yamunanagar Saraswati Sugar Mill) में पिछले 3 दिनों से न्यूनतम तापमान के बीच खुले आसमान के नीचे गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे एक किसान की तबीयत अचानक (Farmer health deteriorated in yamunanagar) बिगड़ गई. जिसके चलते उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहीं गन्ने के दामों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सरकार अगर नहीं मानी तो करनाल में 10 जनवरी की महापंचायत में किसानों का निर्णय सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है.
यह चेतावनी है भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता सरदार गुरनाम सिंह चढूनी ने दी है. गुरनाम सिंह चढूनी शनिवार को यमुनानगर सरस्वती शुगर मिल (Yamunanagar Saraswati Sugar Mill) किसानों के धरने पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम माइन्स डिग्री में धरने पर बैठे है हमारी मांग बिल्कुल सही है. लेकिन सरकार की हठ धर्मिता है जो सरकार अड़ी हुई सरकार जल्दी हमारी मांग नहीं मानी तो एक बड़ा आंदोलन होगा.
यमुनानगर में गन्ने के दामों में बढ़ोतरी को लेकर भारतीय किसान यूनियन का धरना तीसरे दिन भी (Farmers strike continues in Yamunanagar) जारी रहा. सरस्वती शुगर मिल यार्ड में किसान धरने पर बैठे है. शनिवार को किसानों के राष्ट्रीय नेता सरदार गुरनाम सिंह चढूनी धरने पर पहुंचे. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरने पर बैठे किसान की तबीयत अचानक खराब हो गई जिसके बाद मौके पर खड़ी पुलिस उसे अपनी गाड़ी में अस्पताल लेकर गई.
इस दौरान गुरनाम सिंह ने कहा कि इस धरने पर प्रशासन एंबुलेंस की व्यवस्था करें इतनी कड़ाके की ठंड में किसान (Protesting farmer health deteriorated) यहां पर बैठे हैं. अगर कुछ होगा तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. वहीं उन्होंने कहा कि गन्ने के रेट में बढ़ोतरी की हमारी मांग बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि हमारी ऐसी कोई मांग नहीं है जो सरकार पूरी नहीं कर सकती. मुश्किल इस बात की है सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.
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किसान कड़ाके की ठंड में बाहर बैठे हैं. या तो सरकार जल्दी मान जाए वरना 10 जनवरी को एक बहुत बड़ा फैसला सरकार के खिलाफ लिया जाएगा. जो फैसला सरकार के लिये परेशानी खड़ी कर सकता है. किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि धरना व प्रदर्शन स्थल पर 24 घंटे एंबुलेंस का प्रबंध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार की लापरवाही के कारण 750 किसानों की जान जा चुकी है. उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को महापंचायत में कोई भी फैसला लिया जा सकता है जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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