यमुनानगर: रादौर क्षेत्र सब्जी की खेती में काफी अग्रणीय है. लेकिन इसके बावजूद भी रादौर में स्थायी सब्जी मंडी नहीं है. रादौर के किसानों का कहना है कि वो लंबे समय से स्थायी सब्जी मंडी की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इस मांग को पूरा नहीं किया है. जिससे चलते सब्जी मंडी के आढ़तियों और किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. खासकर महिला किसानों को मंडी नहीं होने के कारण ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है.
रादौर में स्थाई मंडी न होने के कारण कड़ी मेहनत से तैयार की गई सब्जी की फसल को किसानों को मजबूरन ओने पौने दामों पर बेचना पड़ता है. रादौर के गांव अलाहर गांव की महिला किसान ममता ने बताया कि वो करीब 15 साल से फूलगोभी और टमाटर की खेती करती आ रही हैं. लेकिन उन्हें अपनी फसल को दूरदराज की मंडियों में औने पौने दामों पर बेचना पड़ता है. जिससे समय की बर्बादी के साथ काफी नुकसान झेलना पड़ता हैं.
उन्होंने कहा कि रादौर क्षेत्र में काफी संख्या में महिला किसानों द्वारा अपने परिजनों के साथ मिलकर सब्जी की खेती की जाती हैं. ऐसे में सरकार को रादौर में स्थायी सब्जी मंडी का निर्माण करवाकर लोगों को राहत देने का नाम करना चाहिए.
वहीं रादौर सब्जी मंडी के प्रधान विजय कुमार ने बताया कि वे लंबे समय से रादौर में सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने उनकी आवाज को नहीं सुना है. जिसका फायता बाहरी व्यापारियों को हो रहा है. जो रादौर क्षेत्र के खेतों से ही ओनेपोने दामो पर सब्जी खरीदकर देश के अन्य भागों में सप्लाई कर मोटा मुनाफा कमा रहे है
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बता दें कि रादौर क्षेत्र के ऐसे कई गांव हैं. जहां की सब्जी की डिमांड दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में है. स्थायी मंडी के अभाव में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई बार अन्य राज्यों में जाना पड़ता है. जिससे उनके समय की बर्बादी के साथ उन्हें अतिरिक्त खर्च भी वहन करना पड़ता है.
क्षेत्र के कई किसान अपनी फसल को बाहर मंडी में बेचने के लिए ले जाते वक्त हादसों का भी शिकार हो चुके हैं. ऐसे में सरकार को रादौर में स्थाई मंडी का निर्माण करवाकर सब्जी उत्पादक किसानों को राहत देनी चाहिए.