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रादौर: डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवियों ने मजदूर परिवारों के बच्चों का मनाया सामूहिक जन्मदिवस - radaur sacha sauda birthday celebration

रादौर में डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवियों ने 23 ऐसे बच्चों का जन्मदिवस मनाया जिन्हें अपनी जन्म तिथि मालूम नहीं है. ये 23 बच्चे स्वयंसेवियों द्वारा चलाई जा रही पाठशाला में पढ़ाई करते हैं.

रादौर डेरा सच्चा सौदा सामूहिक जन्मदिवस
रादौर डेरा सच्चा सौदा सामूहिक जन्मदिवस
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Published : Feb 24, 2020, 11:57 AM IST

यमुनानगर: डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवियों द्वारा पिछले करीब पांच साल से रादौर के गांव धौडंग के एक ईंट भठ्ठे में पाठशाला चलाई जा रही है. आज इस पाठशाना में डेरा के स्वयंसेवियों द्वारा उन बच्चों का सामूहिक जन्मदिवस मनाया गया. जिन बच्चों को अपने जन्मदिवस की जानकारी ही नहीं थी.

डेरा के स्वयंसेवी जसवंत ने बताया की वे ईंट भठ्ठे पर इन मजदूर परिवारों के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं. वही समय समय पर इन बच्चों के साथ तीज त्यौहार मनाने के अलावा इनका जन्मदिवस भी सेलिब्रेट करते हैं.

ये भी पढ़ें- भिवानी: आरक्षण के मौलिक अधिकार को समाप्त करने के विरोध में दलित समाज का फूटा गुस्सा

उन्होंने बताया की इनमें से काफी बच्चे ऐसे भी थे जिन्हें अपने जन्मदिवस की जानकारी ही नहीं थी, जिस कारण जब अन्य बच्चों का जन्मदिवस सेलिब्रेट किया जाता था तो इनके चेहरे पर मायूसी झलकती थी. आज इन बच्चों की इसी मायूसी को देखते हुए 23 ऐसे बच्चों का सामूहिक जन्मदिवस मनाया गया है.

आपको बता दें की डेरा के स्वयंसेवी पिछले पांच वर्ष से ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूर परिवारों के बच्चों को शिक्षित किये जाने का कार्य कर रहे हैं. डेरा के इन स्वयंसेवियों की कड़ी मेहनत के बाद ही आज इन मजदूर परिवारों के कई बच्चे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

यमुनानगर: डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवियों द्वारा पिछले करीब पांच साल से रादौर के गांव धौडंग के एक ईंट भठ्ठे में पाठशाला चलाई जा रही है. आज इस पाठशाना में डेरा के स्वयंसेवियों द्वारा उन बच्चों का सामूहिक जन्मदिवस मनाया गया. जिन बच्चों को अपने जन्मदिवस की जानकारी ही नहीं थी.

डेरा के स्वयंसेवी जसवंत ने बताया की वे ईंट भठ्ठे पर इन मजदूर परिवारों के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं. वही समय समय पर इन बच्चों के साथ तीज त्यौहार मनाने के अलावा इनका जन्मदिवस भी सेलिब्रेट करते हैं.

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उन्होंने बताया की इनमें से काफी बच्चे ऐसे भी थे जिन्हें अपने जन्मदिवस की जानकारी ही नहीं थी, जिस कारण जब अन्य बच्चों का जन्मदिवस सेलिब्रेट किया जाता था तो इनके चेहरे पर मायूसी झलकती थी. आज इन बच्चों की इसी मायूसी को देखते हुए 23 ऐसे बच्चों का सामूहिक जन्मदिवस मनाया गया है.

आपको बता दें की डेरा के स्वयंसेवी पिछले पांच वर्ष से ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूर परिवारों के बच्चों को शिक्षित किये जाने का कार्य कर रहे हैं. डेरा के इन स्वयंसेवियों की कड़ी मेहनत के बाद ही आज इन मजदूर परिवारों के कई बच्चे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

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