ETV Bharat / state

'चमकी' बुखार ने हरियाणा में फीका किया लीची का स्वाद, आधी कीमत पर भी नहीं खरीद रहे लोग - हरियाणा न्यूज

चमकी बुखार के कारण लीची की बिक्री में गिरावट आई है. लीची बाजारों में आधी कीमत में बिक रही है. बावजूद इसके लोग लीची खरीदने से परहेज कर रहे हैं.

'चमकी' ने फीकी की हरियाणा में लीची की चमक, लोगों ने बनाई दूरी
author img

By

Published : Jun 21, 2019, 1:01 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 5:43 PM IST

यमुनानगर: बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. अब तक सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है. इस बुखार का सबसे बड़ा कारण लोग लीची को मान रहे हैं. यही वजह है कि इसका असर हरियाणा में आने वाले लीची पर भी दिख रहा है. इस बार लीची की बिक्री में गिरावट आई है.

बाजार में कम हुई लीची की डिमांड

बाजार में कम हुई लीची की डिमांड
हरियाणा में भी इस बार लीची की डिमांड कम हो गई है. आलम ये है कि बाजार में लीची खरीदने वाले ग्राहक ही नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से लीची पहले के मुकाबले आधी कीमत पर बिक रही है. लोगों का कहना है कि वो लीची खाना तो पंसद करते हैं, लेकिन चमकी बुखार की वजह से वो लीची नहीं खरीद रहे हैं.

लीची विक्रेता को हो रहा नुकसान
लीची विक्रेताओं का कहना है कि इस बार मार्केट में लीची की डिमांड कम है. जिस वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

यमुनानगर: बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. अब तक सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है. इस बुखार का सबसे बड़ा कारण लोग लीची को मान रहे हैं. यही वजह है कि इसका असर हरियाणा में आने वाले लीची पर भी दिख रहा है. इस बार लीची की बिक्री में गिरावट आई है.

बाजार में कम हुई लीची की डिमांड

बाजार में कम हुई लीची की डिमांड
हरियाणा में भी इस बार लीची की डिमांड कम हो गई है. आलम ये है कि बाजार में लीची खरीदने वाले ग्राहक ही नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से लीची पहले के मुकाबले आधी कीमत पर बिक रही है. लोगों का कहना है कि वो लीची खाना तो पंसद करते हैं, लेकिन चमकी बुखार की वजह से वो लीची नहीं खरीद रहे हैं.

लीची विक्रेता को हो रहा नुकसान
लीची विक्रेताओं का कहना है कि इस बार मार्केट में लीची की डिमांड कम है. जिस वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

Intro:स्टोरी - चमकी बुखार का लीची कनेक्शन, बाजारों में घटे लीची खाने के शौकीन, पहले के मुकाबले आधा रेट होने के बाद भी विक्रेताओं को नहीं मिल खरीददार। Body:एंकर - बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है। कई लोग लीची के फल को भी इस बिमारी से जोड़कर चल रहे है, जिसके चलते मार्किट में पहले के मुकाबले लीची खाने वाले शौकीनों की तादात लगातार घट रही है। हालाकिं लीची के दाम भी पहले के मुकाबले आधे हो गए है बावजूद लोगो के अंदर भय होने के कारण लोग इसके सेवन से बच रहे है। रादौर सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है की जिन व्यापारी भाइयों ने बाग़ ठेके पर लिए हुए है उनको काफी नुक्सान है। क्योकि उन्होंने लीची की अच्छी सेल के कारण बाग़ महंगे दामों पर ठेके पर लिए हुए थे, अब इस फल के खरीददार कम होने के कारण उन्हें आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ रहा है। वही सब्जी मंडी में खरीददारी करने आये स्थानीय निवासी निक्कू चौहान ने कहा की चमकी बुखार की वजह से ज्यादातर लोग लीची की खरीददारी से परहेज कर रहे है।Conclusion:खैर देखने में आया है कि चमकी बुखार से ज्यादातर उन इलाकों के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, जो इलाके लीची की पैदावार के लिए जाने जाते हैं। मुजफ्फरपुर में होने वाली मौतों का कारण लीची ही है, यह बात अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है और न ही चिकित्सक इस पर एक मत हैं। 'चमकी बुखार' बिहार के लिए नया नहीं हैं। इससे पहले के सालों में भी यहां इस बुखार के कारण सैकड़ों बच्चों की जानें गई हैं। 2014 में इस बुखार से बच्चों की मौत के बाद वैज्ञानिकों की एक टीम शोध के लिए बिहार पहुंची थी। शोध में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तथ्य रखे थे, जिससे पता चलता है कि भले ही मौत की वजह कोई भी हो, मगर लीची का सेवन कई बार जानलेवा हो सकता है।

बाईट 1 - पवन कुमार, आढ़ती सब्जी मंडी रादौर
बाईट 2- निक्कू चौहान, स्थानीय निवासी
Last Updated : Jun 21, 2019, 5:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.