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यमुनानगर: पशुओं को खुला छोड़ देते हैं डेयरी संचालक, सड़कों पर होती है बेकद्री

यमुनानगर में 18 गौशालाएं होने के बाद भी गोवंश सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं. डेयरी संचालक दूध निकलने के बाद इनको छोड़ देते हैं और दूध के समय इनको बांधकर दूध निकाल लेते हैं.

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Published : Sep 29, 2020, 7:32 AM IST

Slug Dairy operators leave animals open on roads of yamunanagar
पशुओं को खुला छोड़ देते डेयरी संचालक, सड़कों पर होती बेकदरी

यमुनानगर: बेसहारा गोवंश दुर्दशा के लिए पशु पालक खुद भी जिम्मेदार हैं. यमुनानगर में ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, जो सुबह के समय पशुओं को शहर में खुला छोड़ देते हैं और शाम को पकड़कर बांध लेते हैं, फिर दूध देना बंद करने पर उनको बाहर का रास्ता दिखा देते हैं. ये गोवंश दिनभर शहर में सड़कों किनारे या डिवाइडरों पर चरते रहते हैं. सड़कों पर घूम रहे ये गोवंश हादसों का कारण बन रहे हैं. उधर नगर निगम अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं.

बेसहारा गोवंशों के लिए यमुनानगर में 18 गौशालाएं बनी हैं, लेकिन क्षमता कम है. जो गोवंश यहां पहले से हैं, उनके लिए भी कई चारे और जगह की कमी पड़ जाती है. ये बताया जा रहा है कि गोशाला में गोवंश छोड़ने पर पर्ची कटती है. इसके लिए राशि निर्धारित है. इससे बचने के लिए लोग गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं. ऐसा भी बताया जाता है कि कुछ लोग गोवंश को ट्रॉली में भरकर दूर छोड़ आते हैं. रात के अंधेरे में ये खेल खेला जाता है.

ये भी पढ़ें:-'छात्रों के पाठ्यक्रम में भगत सिंह की जीवनी होगी तो देश आगे बढ़ेगा'

गौ सेवक मुनीश कुमार, सचिन कुमार और नीरज का कहना है कि गौ संरक्षण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को कड़े कदम उठाने चाहिए. गौशालाओं का विस्तार किया जाए और उनमें सुविधाएं सुनिश्चित की जाए. सड़क पर यदि कोई भी गोवंश दिखाई दे तो उसको गौशाला पहुंचाया जाए. सड़कों पर गोवंश को छोड़ने वालों पर नजर रखी जाए.

यमुनानगर: बेसहारा गोवंश दुर्दशा के लिए पशु पालक खुद भी जिम्मेदार हैं. यमुनानगर में ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, जो सुबह के समय पशुओं को शहर में खुला छोड़ देते हैं और शाम को पकड़कर बांध लेते हैं, फिर दूध देना बंद करने पर उनको बाहर का रास्ता दिखा देते हैं. ये गोवंश दिनभर शहर में सड़कों किनारे या डिवाइडरों पर चरते रहते हैं. सड़कों पर घूम रहे ये गोवंश हादसों का कारण बन रहे हैं. उधर नगर निगम अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं.

बेसहारा गोवंशों के लिए यमुनानगर में 18 गौशालाएं बनी हैं, लेकिन क्षमता कम है. जो गोवंश यहां पहले से हैं, उनके लिए भी कई चारे और जगह की कमी पड़ जाती है. ये बताया जा रहा है कि गोशाला में गोवंश छोड़ने पर पर्ची कटती है. इसके लिए राशि निर्धारित है. इससे बचने के लिए लोग गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं. ऐसा भी बताया जाता है कि कुछ लोग गोवंश को ट्रॉली में भरकर दूर छोड़ आते हैं. रात के अंधेरे में ये खेल खेला जाता है.

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गौ सेवक मुनीश कुमार, सचिन कुमार और नीरज का कहना है कि गौ संरक्षण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को कड़े कदम उठाने चाहिए. गौशालाओं का विस्तार किया जाए और उनमें सुविधाएं सुनिश्चित की जाए. सड़क पर यदि कोई भी गोवंश दिखाई दे तो उसको गौशाला पहुंचाया जाए. सड़कों पर गोवंश को छोड़ने वालों पर नजर रखी जाए.

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