यमुनानगर: देश में कोरोना लगातार पैर पसरा रहा है. हर रोज देशभर में कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है और रोजाना स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ताजा मामला सामने आया है यमुनानगर के एक निजी अस्पताल से. जहां सहारनपुर के रहने वाले कोरोना मरीज का 21 अप्रैल से इलाज चल रहा था.
परिजनों के मुताबिक 29 अप्रैल को दोबारा मरीज का टेस्ट किया गया और बीते रोज डॉक्टर ने उनसे 40 हजार रुपये एक टीका मंगवाया, जिसे लगाने के बाद मरीज को वेंटिलेटर पर ले जाया गया. जहां मरीज को मृत घोषित कर दिया गया. परिजनों के मुताबिक 29 अप्रैल को किए गए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
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परिजनों का कहना है कि जब मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तो आखिर उसकी मौत कोरोना से कैसे हो सकती है. परिजनों ने निजी अस्पताल पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया है.
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मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वो अस्पताल पहुंचे थे तो डॉक्टर ने उन्हें करीब 20 हजार खर्च आने की बात कही थी और अब करीब डेढ़ लाख रुपये का बिल बना दिया गया और उनके मरीज की भी मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक बिल भरने तक डॉक्टरों ने शव देने तक से मना कर दिया था. परिजनों ने रामपुरा चौकी में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दी है.